श्रावणी पूर्णिमा..
उत्सव लेन-देन का
प्यार-प्रतिकार-प्रतिज्ञा
यही सब तो विनिमय करते हैं आज..
चलिए सबसे पहले एक गीत सुनते हैं...
अब चलें रचनाओं की ओर......
एक नया ब्लॉग
ऐतिहासिक सामाजिक युद्ध और राजनैतिक जोंबी...
![à¤à¥à¤à¤¬à¥](https://i0.wp.com/mykalptaru.com/wp-content/uploads/2018/08/%E0%A4%9C%E0%A5%8B%E0%A4%82%E0%A4%AC%E0%A5%80.jpg?fit=615%2C407)
आने वाले चुनाव के मद्देनजर यह तय है कि सोशल मीडिया में ऐतिहासिक सामाजिक युद्ध छिड़ने वाला है, जिसके साक्षी हम सभी होंगे और लगभग सभी को जाने अनजाने ही इसमें भाग लेना होगा। सोशल मीडिया में जितने भी जाने पहचाने दोस्त हैं उनमें से अधिकतर का पता है कि उनकी प्रतिक्रिया क्या होगी और कितनी तल्ख होगी। परंतु कई लोग जो बीच बीच में छुपकर घुस आये हैं, वे इस युद्ध के विभीषण होंगे, वे यहाँ से वहाँ तक सारे रिश्तों की बखिया उधेड़ेंगे।
अधूरा संवाद...पुरुषोत्म सिन्हा
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiRfi_pj7_Nd-K1bnyeUb0LnQuhYWhxLyMlCR5lajHcTNX1q9ZEgumGpR4Li8WIo_aPCECWmKWir4py1mSZfVG31h7jF21e5F5ogIl4dC-btj2oDofue8dK6pNGFDvh2XJ-vQvmZbWpjVY9/s1600/images+%25281%2529.jpeg)
बिन बोले तुम सो मत जाना,
रिक्त कभी ना, ये झूला कर जाना,
इन बाहों का हो ना रिक्त श्रृंगार,
रिक्त ना रह जाए, आलिंगन की बात,
अभी अधूरा है इक संवाद......
अनछुआ मन...श्वेता सिन्हा
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhKWgk8tgwUjsWilAtYGa5XOC_28iQB4dkAoUW5P4fyOAmLE1LYU3XfB9bvDsbl1r96znJupdBRXjzu_V_zC2R2fmvgc9HomReLNTMZ3oCJjKIL4xfDt_HOgcdgeCUYYMl6A7PWTxN00HY/s320/heart-on-sand-wallpaper.jpg)
झुलसता है,
तन की वेदना में,
मौन दुपहरी की तपती
पगलाई गर्म रेत की अंधड़
से घबराया मन छौना
छिप जाना चाहता है
बबूल की परछाई की ओट में
मन की पीड़ा....अनुराधा चौहान
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiw9dvkAW-uMbF1RRg7QNwaTGlrdvLipaadWx_9LVE63MYWP4tvM9bmQ3tTfIcEUcg4c-l5eGwDqSRD4nvuRI9wOh8kK_rui8j2-rtD7SEVETqCqHDgkzBi-UtXKKqKrMZPZaoJsR1xPJnn/s320/Screenshot_2018-08-20-12-16-16-515.jpeg)
जब अंतर्मन में
खुलती है
पुरानी यादों की
परतें तब मन में
एक अजीब बैचेनी
जन्म लेने लगती है
कुछ अच्छी यादें
सुकून देती
ये मौसम क्यों नही बदल जाता ...!!!...ज़फ़र
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgMNYF40ZiSBvoU53ipbXs-i5nd-9HXqTPSwF48OomCD3MSTB1SGWmbJ3_ASsLcSw1Br-rWq594xEgU-3DXIyp0GRnnEcx7IEBt14xhQzdN4-n14qCE6szCPhaMN37QNBOZxBCnQ80Qc3Y/s320/IMG_20180820_085853180.jpg)
यादो के साये मंडराते ,
बेबसी मे हमको डुबाते.
ये जो हैं वो काश नही होता ,
ना तू परेशा,न मैं रोता .
एक दुसरे में हम खो जाते ,
वो शुरुवाती लम्हे क्यों नही लौट आते ...
ग़म की रेत पे....लोकेश नदीश
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjDaCH3v-OlyjHoOwjRUPzyYmD2Nzn87OKZ1_BpswzkmbYsrkBdV3CpDmkRtYrujWSCWgM3zYrX2JB0fRgBocJEZJ_TeN1XPbu_22JtIXSL_VotIJOFDr3ueXTxijNClerSrnjl5QrILJLy/s400/232323.jpg)
यूँ भी दर्द-ए-ग़ैर बंटाया जा सकता है
आंसू अपनी आँख में लाया जा सकता है
ख़ुद को अलग करोगे कैसे दर्द से, बोलो
दाग़, ज़ख्म का भले मिटाया जा सकता है
कभी तो मिलेंगे....अभिलाषा चौहान
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiEYN5ngc-zgJaLqGxrIgBcxpqHgwBOoqKpSTTltk-X_CI8qCcPyPU0Z1cM118iLKx2WbDCgVO3ZutFuTdFFKXSHCfAESKmgaiokEPmjdbzpsWIKb5qRoCwbok8AeumSWN1WO_rwCikp5Nk/s320/IMG_20180824_071456.jpg)
वो ढलती हुई सुरमई शाम में
तुम्हारी पहली झलक
जैसे उतर आया हो
कोई चांद जमीं पर
बिखर गई सर्वत्र
तुम्हारे रूप की चांदनी
लोग आते हैं, पढ़ते हैं
हैरत है इस अंक की
एक भी प्रति नहीं बिकी..
उलूक टाईम्स..
रविवारीय मुद्दा...डॉ. सुशील जोशी
शिक्षक संघर्ष समिति खफा सुन राज्य सरकार
वादाखिलाफी का लगाया आरोप किया खबरदार।
खबर है "बेरोजगार और शिक्षक सरकार से खफा"
"बेरोजगार शिक्षक" होती तो ज्यादा आता मजा।
चलते-चलते एक ग़ज़ल सुनिए..
ब्रिटिश सिंगर तान्या विल्स...
फिर मिलेंगे दिग्विजय...
सुप्रभातम् सर,
जवाब देंहटाएंसभी को रक्षाबंधन के पवित्र त्योहार की शुभकामनाएं।
बहुत अच्छी रचनाएँ हैं सारी। गानें भी बेहतरीन हैं।
सादर आभार सर मेरी रचना को स्थान देने के लिए।
शुभ प्रभात...
जवाब देंहटाएंबेहतरीन..
ग़ज़ल के लिए आभार
सादर
सुप्रभात sir।
जवाब देंहटाएंपवित्र पवन पर्व की बधाई।
Links हमेशा की तरह शानदार हैं।और विभिन्न विधाओं से परिचय कराते हैं।
स्थान देने के लिए।सादर आभार।
सभी मित्रों को रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएं 💐
जवाब देंहटाएंउम्दा चयन, लाजवाब रचनाएं
मेरी रचना को स्थान देने के लिए बेहद शुक्रिया
सुन्दर लिंक्स
जवाब देंहटाएंरक्षाबन्धन की शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंसुन्दर विचारणीय भावपूर्ण प्रस्तुति.
सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनायें.
फिल्म "काजल" का गीत भावुक कर देनेवाला है.
सादर.
तान्या विल्स की प्रस्तुति के क्या कहने!
सुंदर प्रस्तुति सभी रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई एवं रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं मेरी रचना को स्थान देने के लिए बहुत बहुत आभार
जवाब देंहटाएंरक्षाबन्धन पर्व शुभ हो सभी के लिये। सुन्दर हलचल प्रस्तुति। आभार दिग्विजय जी 'उलूक' की एक बहुत पुरानी कतरन को लाकर दिखाने के लिये।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति। सभी चयनित रचनाकारों को बधाई।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर और भावपूर्ण संकलन सभी चयनित रचनाकारों को बधाई
जवाब देंहटाएंभौतिकता का बढ़ता ढकौसला इस युग की पहचान बनती जा रही है छोटी पर सटीक भुमिका ।
जवाब देंहटाएंभाव भीनी प्रस्तुति ,सभी रचनाकारों को बधाईक्ष।
रक्षा पर्व पर सभी को यथा योग्य शुभकामनाएं।
सुंदर मनभावन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंरक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति ।
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