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शनिवार, 11 अगस्त 2018

1121... ग्रहण



11 अगस्त को साल 2018 का अंतिम सूर्यग्रहण लगने जा रहा है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार ऐसा प्रेगनेंट महिला का सूर्य ग्रहण देखना अशुभ माना जाता है। कहा जाता है,(विभा नहीं कह रही) कि यदि कोई प्रेगनेंट महिला सूर्य ग्रहण देख ले तो उसका बुरा असर सीधा उसके गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ता है।


मान्यता है कि ग्रहण खत्म होने के बाद गर्भवती महिला को जरूर नहा लेना चाहिए वरना उसके शिशु को त्वचा संबधी रोग लग सकते हैं। गर्हण के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए गर्भवती महिला को तुलसी का पत्ता जीभ पर रखकर हनुमान चालीसा और दुर्गा स्तुति का पाठ करना चाहिए।

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ग्रहण के दौरान प्रेगनेंट महिलाओं को किसी भी तरह की नुकीली चीज का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। जैसे इस दौरान फल या सब्जी काटने के लिए मना किया जाता है। कहते हैं ऐसा करने से उसके शिशु के अंगों को हानि पहुंच सकती है।


ग्रहण के दौरान प्रेगनेंट महिलाओं को कैंची न इस्तेमाल करने की भी हिदायत दी जाती है। माना जाता है कि इस दौरान कैंची का इस्तेमाल करने से उसके होने वाले शिशु के होंठ कट जाते हैं।


ग्रहण के दौरान सुई का इस्तेमाल करने से गर्भ में पल रहे बच्चे के दिल में छेद हो सकता है। इसके अलावा ग्रहण के वक्त गर्भवती महिलाओं को पीनी पीने से भी मना किया जाता है। कहते हैं इससे शिशु की त्वचा रूखी हो सकती है।

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हम-क़दम
सभी के लिए एक खुला मंच
आपका हम-क़दम का इक्तीसवाँ क़दम
इस सप्ताह का विषय है
'शहीद'
...उदाहरण...
दरवाजे की चौखट पर
राह तकती, वो दो निगाहें,
अपनी सिलवटों का दर्द बयां कर रही है,
हर लम्हा पदचाप की सुधियां तलाश रही हैं।

कलेजा हथेली पर, सांसे घूमी-फिरी सी,
तारीखें मौन पसराए,आशाओं में झुरझुरी सी।
सूखे आंसू और दिल हाहाकार कर रोता है,
जब तिरगें में लिपटा,
किसी जवान का ज़नाज़ा होता है !!!
-निशा माथुर

उपरोक्त विषय पर आप को एक रचना रचनी है
अंतिम तिथि :: आज शनिवार 11 अगस्त 2018
प्रकाशन तिथि 13 अगस्त 2018  को प्रकाशित की जाएगी ।
रचनाएँ  पाँच लिंकों का आनन्द ब्लॉग के
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फिर मिलेंगे....


9 टिप्‍पणियां:

  1. आदरणीय दीदी
    सादर नमन
    बेहतरीन कारिगिरी
    ढूँढते रह जाएँगे लिंक
    आभार

    जवाब देंहटाएं
  2. आदरणीय दीदी
    सादर नमन...
    विस्तृत जानकारियों से परिपूर्ण..
    सादर...

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत अच्छी प्रस्तुति । चयनित रचनाकारों को बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  4. आज काफी दिनों बाद ब्लॉग पढ़ने का मन हुआ तो
    हलचल खोल ली।
    एक बात जरूर कहूंगा कि मैं समझता हूं ये "हलचल" ब्लॉग जगत का बहूत बड़ा मंच है और इससे जुड़े लेखक/लेखिका या कवि/कवयित्री अच्छी सोच के मालिक हैं।
    तो इतने बड़े मंच से अंधविश्वास को बढ़ावा देना और किसी एक धर्म को ध्याम में रखते हुए बात शेयर करना बड़ा अजीब लगता है।
    सूर्य ग्रहण में गर्भवती महिला को नहीं निकलना चाहिए ये बात ठीक है लेकिन इसके कारण व इसके दुष्प्रभाव से बचने के जो सुझाव दिए गए हैं वो बड़े बेतुके हैं और भ्रांति पैदा करने वाला है।
    वैज्ञानिक कारण और सुझाव तो ये है कि इस समय सूरज की किरणें ओर अधिक तीक्ष्ण हो जाती हैं अतः आप घर के अंदर ही रहें।
    न कि हनुमान चालीसा पढ़े
    न कि तुलसी खाएं
    न कि दुर्गा पाठ करें

    अब अगर गर्भवती महिला किसी अन्य धर्म से हैं तो वो क्या करे?
    अब कुछ धार्मिक बातें सैद्धान्तिक होती हैं और कुछ सदियों बातें या अंधविश्वास सदियों से प्रचलन में है तो वो धर्म से जोड़ दी गयी या लोगों की मानसिकता पर हावी हो गयी।
    इसका मतलब वो अंधविश्वास सैद्धान्तिक तो ना हुआ।

    अतः आप थोड़ा ध्यान रखें
    हम लेखकों का काम है समाज सुधार का ये नहीं कि जो फैला है उसको और फैलाते जाएं।

    कड़वी बातों के लिए क्षमा प्रार्थी रहूंगा।
    बात तो वही हो गयी कि पहले गलती और बाद में क्षमा मगर खैर....

    हलचल शानदार 😊

    जवाब देंहटाएं
  5. हमेशा की तरह हटकर प्रस्तुति,सुर्य ग्रहण पर काफी पहलू दिखाये कुछ कुछ विश्वास और कुछ अंधविश्वास लिये, और काफी मेहनत से खोजकर जोडे लिंक। सभी रचनाकारों को बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत सुन्दर संकलन |मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद |

    जवाब देंहटाएं

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