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रविवार, 15 जुलाई 2018

1094,..........स्वाति जल की कामना में,

सादर अभिवादन..
आपने कल सराहा..
.....शुभकामनाएँ दी
हृदयतल से आभार व्यक्त करती हूँ
आज-कल में पढ़ी सुनी रचनाएँ...
ज़ायज़ा लीजिए....

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कभी भूले-भटके 
कोई हमदर्द मिल जाय,
जो लड़की के दिल को छू ले,
तो एक आंसू छलक आता है 
उसके पलकों की कोर पर.

यह महज़ एक बूँद नहीं है,
लड़की अपने अन्दर 
जिस असीमित वेदना को 
छिपाए हुए है,
यह आंसू उसका एसेंस है


किसी देश का राजा अपनी प्रजा का समाचार लेने के लिए नगर भ्रमण पर था कि तभी उसके राजमुकुट से एक हीरा निकल के सड़क पर गिर गया। किसी की दृष्टि उसपर नहीं गयी। शाम को एक वस्त्रों का व्यापारी उधर से गुजरा। उसने बहुमूल्य, चमचमाते हीरे को देखा तो उठा के घर ले आया और अपनी पत्नी के हार में जड़वा दिया।


मेघ भी है, आस भी है और आकुल प्यास भी है,
पर बुझा दे जो हृदय की  आग वह पानी कहाँ है ?

स्वाति जल की कामना में,पी कहाँ?'का मंत्र पढ़कर 
बादलो  को जो रुला दे, मीत !वह मानी कहाँ है ?


वो देखो 
खड़ा है 
भीगकर 
एक शरमाया शजर 
पहली बारिश में तर-ब-तर 
कोई आया उसके  नीचे 
ख़ुद को बारिश से बचाने 
थमने  लगी  बरसात

कभी दबी सी आहट होती 
थम थम के रुक जाती है 
जैसे कोई धीरे धीरे 
सोच सोच कर चलता है !

कुछ कहूँ या चुप रह जाऊं 
उलझन मैं जज्बात रहा 
कहते कहते रुक सा जाता 
रुकते रुकते कह जाता !

हिमालय -  वंदन   ----------- - कविता
युगों से अजेय हो -- 
वीरों की विजय हो तुम , 
लालसा में शिखर की -
साहस का गन्तव्य हो तुम ; 
संघर्ष का उत्कर्ष हो -
नीति का न्यायालय हो तुम ! ! 

चलते-चलते....
रविवार समाचार
एक्सपोर्ट क्वालिटी की चाय !...शम्भू राणा
कल वह अचानक सामने आ गया। बिल्कुल दिल के दौरे की तरह। हमारे बस दुआ-सलाम के रिश्ते हैं। मगर कल वह बड़ी आत्मीयता 
से मिला। यूं लिपट गया जैसे बहुत ही सगा हो। फिर उसने कहा- 
‘‘चलो कमरे में चलते हैं। यहीं पास में रहता हूं। तुम्हें 
एक्सपोर्ट क्वालिटी की चाय पिलाता हूं। मुझे लगभग खींचते 
हुए ले जाकर कमरे में बिठा दिया।

कमरे में पहुंच कर उसने मुझे एक लंगड़ी कुर्सी पर बैठने का इशारा किया और खुद मय जूतों के बिस्तर में धंस गया। ‘‘बैठो यार, आराम से बैठो। चाय पिलाता हूं तुम्हें बढ़िया वाली। क्या याद करोगे तुम भी कि चाय पिलाई थी किसी ने!’’


-*-*-*-*-*
आज बस यहीं तक..
यशोदा








16 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभात दी,

    सराहनीय रचनाओं का शानदार संकलन है आज के अंक में। सारी रचनाएँ एक से बढ़कर एक।
    सभी रचनाकारोंं का बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
  2. शानदार प्रस्तुति सुंदर संकलन

    जवाब देंहटाएं
  3. सुंदर अभिव्यक्तियों से सुसज्जित ख़ूबसूरत रविवारीय अंक। बधाई।
    चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएं।
    इस अंक में प्रकाशित हुई अपनी रचना देखकर हार्दिक ख़ुशी हुई। आभार सादर।

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत बढ़िया लिंक संकलन संयोजन ।

    जवाब देंहटाएं
  5. रविवार की मस्ती पसंद आई..
    आभार हमारी पसंद को तवज़्ज़ो दिया
    सादर...

    जवाब देंहटाएं
  6. वाह वाह मन भावन संकलन रविवार को और खुशनुमा कर गई ...साथ ही मेरी रचना को स्थान दे मुझे अनुग्रहीत कर गई ! नमन

    जवाब देंहटाएं
  7. https://shabdsugandh.blogspot.com

    बहुत सुंदर लिंक्स, मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका हार्दिक आभार

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत शानदार संकलन सभी रचनाऐ बेहतरीन "मेरी पंसद को सामिल करने के लिये बहुत बहुत आभार ।
    रचनाकारों को बधाई

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत सुन्दर रचनाओं से सुसज्जित महकता हुआ
    गुलदस्ता आपका आभार आदरणीया यशोदा जी

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत ही खूबसूरत रचनाओं का संकलन । सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई ।

    जवाब देंहटाएं
  11. आदरणीय दीदी -- आज के सुहाने लिंक देखे | सभी से होकर आ रही हूँ | सभी बहुत अच्छे लगे | मेरी रचना आज के लिंकों में स्थान पा सकी इसके लिए आपकी आभारी रहूंगी | सभी रचनाकारों को सादर नमन और आपको हार्दिक बधाई इस सुंदर संयोजन के लिए | सादर

    जवाब देंहटाएं
  12. आदरणीय शंभू जी की रचना पर लिखना सम्भव नहीं हो पाया उन्हें उनकी रोचक रचना के लिए यहीं से बधाई देती हूँ | शंभू जी हार्दिक शुभकामनाएं | बहुत ही रोचक सधी हुई रचना है आपकी |

    जवाब देंहटाएं

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