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बुधवार, 2 मई 2018

1020.. हर इक खबर से उठ रही है ..लपटें ..



।।प्रातः वंदन।।

आजकल हर इक खबर से उठ रही है ..

लपटें आग की ..

कि वो गया,वो लूटा,ये घोटाले, वो बूरे , सब हारे केवल हम ही हम अच्छे ..

इन्हीं कशमकश के बीच 

एक छोटी सी कोशिश ..जो शब्दों के माध्यम से आप सभी के सम्त लायी  हूँ..✍

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नजर डालें.. ब्लॉग "समाज और हम" से..


अभी तो चंद लफ्जों में समेंटा है तुझे 
एे! जिंदगी
अभी तो सूखे आँसुओं में दफ्न तेरी मुस्कुराहटें
लिखना बाकी है...
अभी तो खोखले किरदार में ढ़ाला है तुझे 
ऐ! जिंदगी 
अभी तो अपनी हारों को स्वीकार कर
रोशनी बिखेरना बाकी है...

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ब्लॉग "किसी के इतने पास न जा" से...

पाँच दिन की छुट्टियाँ बिता कर जब ससुराल पहुँची तो पति घर के सामने स्वागत में खड़े थे। अंदर प्रवेश किया तो छोटे से गैराज में चमचमाती गाड़ी खड़ी थी स्विफ्ट डिजायर!
मैंने आँखों ही आँखों से पति से प्रश्न किया तो उन्होंने गाड़ी की चाबियाँ थमाकर कहा: "कल से तुम इस गाड़ी में कॉलेज जाओगी प्रोफेसर साहिबा!"


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आदरणीया अमृता तन्मय जी की कलम से..

और मेरा हर दिन महापरिनिर्वाण है
स्वअर्थ में अपना दीप मैं स्वयं हूँ
बस इतना ही ध्यान है , इतना ही भान है ...
जहाँ सस्ती से सस्ती बोली में बिकती स्वतंत्रता है
चारों ओर एक गहन संघर्ष है , खींचातानी है
वहाँ जीवन में स्वयं का बड़ा भाव भी बड़ा न्यून है

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ब्लॉग चौथाखंभा से..

मध्य प्रदेश धार में सिपाही भर्ती के दौरान दलित वर्ग, सामान्य वर्ग और पिछड़े वर्ग के युवाओं के सीने और ऊंचाई की नाप आरक्षण के हिसाब से लेने के लिए उनके सीने पर SC, जनरल और ओबीसी लिख दिया गया। मीडिया की माया देखिए, आज यह मामला तूल पकड़ चुका है। ऐसा करने वाले पदाधिकारियों पर कार्रवाई की जा रही है। बीजेपी को इसी वजह से दलित विरोधी बताया जा रहा।  यह सब मीडिया की माया है।


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ब्लॉग " नमस्ते" से..

एक किताब है, 
जिसे बड़े जतन से 
संभाल कर रखा मैंने ।  
ये किताब  . . किताब नहीं 
इबादत है ।
इसमें दर्ज हैं 
वो सारी बातें, 
जो सच्चे मन से 


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हम-क़दम के सत्रहवें क़दम
का विषय...


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।।इति शम।।
धन्यवाद
पम्मी सिंह..✍






16 टिप्‍पणियां:

  1. 2 तारीख की प्रस्तुति लगता है कुछ पहले प्रकाशित हो गयी है। सुन्दर प्रस्तुति।

    जवाब देंहटाएं
  2. शुभ प्रभात सखी
    सुन्दर रचनाएँ चुनी आपने
    आभार
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  3. ज्वलंत विषय हर खबर मे आग की लपट...अब चाय और खबर साथ रहे तो क्या मजाल के कोई शिकायत भी कर पाये के चाय ठंडी हो गई...
    खैर संक्षिप्त मै बहुत कुछ कहती प्रस्तुति, सभी रचनाऐं बहुत सुंदर

    जवाब देंहटाएं
  4. केवल हम ही हम अच्छे ..
    भरम पाले रिश्ते खो देते

    उम्दा लिंक्स चयन

    जवाब देंहटाएं
  5. वाह!!बहुत सुंदर प्रस्तुति।

    जवाब देंहटाएं
  6. उम्दा संकलन
    उत्कृष्ट रचनायें

    जवाब देंहटाएं
  7. शुक्रिया ।
    आपने शेल्फ़ से उठा कर किताब मेज पर रख दी ।
    उम्मीद है कुछ लोग पन्ने पलट कर भी देखेंगे ।
    सभी रचनाकारों को बधाई ।

    जवाब देंहटाएं
  8. बेहतरीन प्रस्तुतिकरण उम्दा लिंक संकलन...

    जवाब देंहटाएं
  9. ठंडक प्रदान करता हुआ संकलन ... आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  10. गंभीर भूमिका के साथ एक से बढ़कर एक रचनओं का शानदार संयोजन पम्मी जी।

    जवाब देंहटाएं
  11. समसामयिक मुद्दों को समेटती आदरणीया पम्मी जी की सुन्दर प्रस्तुति। प्रस्तावना में उद्वेलित करते समाचारों का ज़िक्र अब एक कड़वी सच्चाई है।
    इस अंक में चयनित सभी रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाऐं।

    जवाब देंहटाएं
  12. बहुत सुंदर प्रस्तुति।

    जवाब देंहटाएं
  13. प्रिय पम्मी जी -- बेहतरीन लिंकों के साथ सुंदर प्रस्तुती | सभी लिंक देखे | सभी रचनाएँ सार्थक हैं | आदरणीय नुपुरम जी की रचना पर मेरा कमेंट दिखाई नहीं दिया | उन्हें यही से बधाई देती हूँ | समाचारों में कोई अच्छी खबर आना प्राय दुर्लभ सा हो गया है | यही कटु सत्य है रोजमर्रा की जिन्दगी का |आपको हार्दिक बधाई आज के सुंदर लिंक संयोजन के लिए | सस्नेह --

    जवाब देंहटाएं

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