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बुधवार, 11 अप्रैल 2018

999..आज बातों ,जज़्बातों का नुमाया है..

।।उषा स्वस्ति।।
🙏
धमक है 'पांच लिंकों का आनंद ' के 1000 अंक का सही समय भी इसलिए ..
तहे दिल से आभार प्रकट करती हूँ आप सभी पाठक गणों का।
तो फिर कल के सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए.. कहते हैं कि..
 वक्त ठहरता नहीं ..सही भी है ,पर हम उन सुनहरे वक्त को पकड़ तो सकते हैं ..
जहाँ लफ्जों को शब्द रूपी मोतियों में पिरोने की कोशिश की गई ..
हम बदलते समय के साथ दिन, महीने और साल के साथ दौड़ लगा रहे हैं कुछ और पाने के लिए 
पर भूले नहीं सुधी जनों को..
चलिए ,वह भी वक्त की बात थी यह भी वक्त की बात है ..
इसी के साथ आज  शुक्रिया करते हैं उन तमाम संजिदा सुधीजनों का जो बातों ,जज़्बातों  का नुमाया है..✍

बंधी है सँझा रानी
रंभाती बांझीन गाय की तरह

मेरे खव्वों की दुनियाँ छोटी नहीं थी,
कर गुजरने का हौसला भी असीम था,

जीवन का सफ़र है ये प्यारे,
यहाँ पल-पल बदले नज़ारें.


तुम क्या जानो
आज की नारी हूँ मैं !

मौन मेरा
आज कुछ बातों को

जो कह कर भी 
कही ना जा सकीं,

दो नैनों के सागर में, रहस्य कई इस गागर में.....
सुख में सजल, दुःख में ये विह्वल,
जब अपना कोई छल करता...
दिल छलनी-छलनी होता है जब अपना कोई छल करता 

जिस पहर से पढने-
शहर गये हो -

दिल से दिल, यूँ मजबूर हो गया
गले लगाया जिसे,वो दूर हो गया।

मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर जैना गर्भावस्था में ली कुछ महीनों की 
छुट्टी के बाद हॉस्पिटल काम पर लौटी थीं। रोज़ के काम के बीच 
कुछ कागज़ों ने जैना का ध्यान खींचा।

दुःखी था मैं,

आज फिर वो एक

भ्रम को पाले उठेगा

जिनके जीवन में हमेशा प्रेम है, उल्लास है

जिनके जीवन में हमेशा प्रेम है, उल्लास है
दर्द जितना भी मिले टिकता नहीं फिर पास है  

घर में शादी का माहौल था , चार दिन बाद बहन की शादी है ,
भाई को चिंता हो रही थी कहीं कोई कमी ना रह जाये 
नहाया धोया …, गीला सा चाँद 
उतर आया है , क्षितिज छोर पर

नारी तू ही जग जननी, तुझमें शक्ति अपार।
तुझसे ही जीवन चले, चलता है संसार।।

कैसे सिखाएं बच्चों को गुड टच और बैड टच?? 
हम अपने बच्चों को बडों की इज्जत करना, थैंक्यू और सॉरी ..
जब भी देखती थी
मैं अपनी हथेली


वह भी दिन थे 
ना तुमने कुछ कहा ना ही मैंने 

मगर दोनों की खामोशी का रूप कितना जुदा था 

गहन एहसासों को पिरोती है  
आदरणीया अनीता ललित  जी का भी शुक्रिया..

घुमक्‍कड़ी के कारण ही 
पं. केदारनाथ पांडेय से राहुल सांकृत्‍यायन तक का 
सफर कर गए वो

गर्मी आने की आहट
समय के गाल पर मारकर चांटा 

इधर उधर भाग रहा है 


                          

कुछ बेबसी थी ऐसी तारीफ़ कर रहा था

वरना इसी चराग़ ने सब कुछ जला दिया।

                      
जग में जब सुनिश्चित
केवल जन्म और मृत्यु

क्यों कर देते विस्मृत


फेहरिस्त काफी लंबी है पर सभी को समेटना मुश्किल है उसके लिए क्षमा प्रार्थी  हूँ ...

"चिरागों को यूँ ही जलाया करेंगे
इस तरह ही 
हर सफर तय करते रहेंगे "

हम-क़दम के चौदहवें क़दम
का विषय...
...........यहाँ देखिए...........

।।इति शम।। 
पम्मी सिंह 
धन्यवाद✍

27 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात
    शुभ कामनाएँ
    आभार
    और धन्यवाद
    ये सिलसिला
    नहीं न थमेगा
    जब कोई किसी से
    प्रेम पाता है ..तो
    प्रतिदान के लिए
    निःशब्द हो जाता है
    तो वह..
    उपरोक्त शब्दों का
    उपयोग कर डालता है
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. वाह...
    अंक को देखकर लगा
    आपने डरते हुए इस अँक को बनाया है
    पर, बेहतरीन बनाया है
    डर के आगे जीत है
    साधुवाद
    सादर

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  3. हर सफ़र में हमकदम यूँ बढाया करेंगे,
    चिरागों को यूँ ही जलाया करेंगे..... चरैवेति..... आभार एवं बधाई!!!

    जवाब देंहटाएं
  4. सुप्रभात
    विभिन्न रचनाओं से सहेजा सुन्दर सा पुष्पगुच्छ....,इस संकलन में मेरी रचना को सम्मिलित देख अभिभूत हूँ.सादर आभार .

    जवाब देंहटाएं
  5. सुप्रभात
    बहुत सुन्दर
    सभी को एक जगह समेट लिया ।
    यह कारवां यूही आगे बढते रहे...✝

    जवाब देंहटाएं
  6. पम्मी जी बहुत मंजुल प्रयास भर कोशिश हर रचनाकार को प्रस्तुत करने की और अनुग्रह प्रकट करना कितना सजगता से किया गया कार्य है, कार्य खुद बोल रहा है।
    भुमिका के चुनिंदा स्वर कुछ खास होने का आभास दे रहे है। सादर आभार।सुंदर अतिसुन्दर प्रस्तुति।

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  7. सुप्रभातम् पम्मी जी,
    जीवन में शुभकामनाएँ नयी ऊर्जा और उत्साह पैदा करती है एक ललक कुछ और अच्छा कर दुबारा शुभकामनाएँ पाने की बनी रहती है।
    बहुत सुंदर सराहनीय रचनाओं का संकलन तैयार किया है आपने। बहुत-बहुत धन्यवाद सभी पाठकों को और बधाई भी सफ़र के आगे की चढ़ाई तय करने में हौसलाअफजाई के लिए।

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  8. सुप्रभात साधुवाद पम्मी जी
    आज का संकलन बहुत ख़ूब सभी रचनाएँ श्रेष्ठ
    सभी रचनाकारों को बधाई
    धन्यवाद मेरी लिखी रचना को शामिल करने के लिये

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  9. वाह बहुत सुन्दर 999 तक का ये सफर
    1000 आ रहा है हर खबर को है खबर।

    शुभकामनाएं हलचल के चर्चाकारों, चिट्ठाकारों और पाठकों को।

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  10. पम्मी जी आपका प्रयास सराहनीय है। 1000 वें अंक के आने का उदघोष करता एवं जश्न मनाता आपका यह अंक अविस्मरणीय है।

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  11. बेहतरीन प्रस्तुति triple 9 की।
    मुझे स्थान देने के लिए आभार।
    1000वें अंक की प्रतीक्षा है।
    एक-एक कर यहाँ तक पहुंचना निःसन्देह धैर्य का काम है और आप सब लोगों ने मिलकर इसे साकार किया। अब तक मेरा भी आप सभी लोगों से परिचय हो चुका है। आप सभी लोगों का उत्साहवर्धन करने का तरीका मुझे अच्छा लगता है।
    भविष्य के लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाएं।

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  12. वाह!!पम्मी जी ,बहुत खूबसूरत प्रस्तुति ...अब तो रोज मुझे इस आनंद की प्रतीक्षा रहती है ....सभी लिंक शानदार । कल के अंक की बेसब्री से प्रतीक्षा है ..ये सिलसिला बस यूँ ही चलता रहे ...हार्दिक शुभकानाएं।

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  13. बहुत बाद में आप सबों से जुड़ी....पर यहां से जुड़ने के बाद इतनी अच्छी रचनाओं से परिचित हुई कि साहित्य के चहुं कोणों से स्वत परिचय हो गया साथ ही ..अच्छे ख्रयाति प्राप्त साहित्यिक गुणी जनो से मिली.... जिनके मार्गदर्शन से सदैव सीखती रही..और‌ अब जब ये १०००अंक में प्रवेश को तैयार हैं तो मन आह्रलदित हो रहा है... भविष्य की ढेर रही सारी शुभकामनाएं..एंव आज के अंक में सबको थोड़ा थोड़ा समेट कर चलने की आपकी प्रयास को नमन.सभी रचनाएं नवीनता लिए हुवी है ... धन्यवाद पम्मी जी।

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  14. यूँ ही कारवां निरंतर आगे बढ़ता चले
    बहुत सुन्दर प्रस्तुति

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  15. १००० पोस्ट के साथ आज का ये सफ़र निरंतर चलता रहे ... बहुत बहुत शुभकामनायें हैं ...
    ढेरों लिंक आज तो एक ही जगह मिल गए आपका आभार है पम्मी जी ... और मुझे भी आज जगह देने का शुक्रिया ...

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  16. ज़िंदगी का सफ़र शुरू तो अकेले होता पर जैसे जैसे हम आगे बढ़ते हैं लोगों का साथ मिलता जाता है और एक नए पैमाने पे पहुँच जाता है
    हलचल का ये सफ़र भी यूँ ही चलता रहे और लोग इससे जुड़ते रहे
    ढेरों शुभकामनाओं के साथ शुभ दिवस
    सभी रचनाएँ उत्क्रष्टता को प्राप्त हैं 👌

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  17. आज का संकलन बहुत सुन्दर... १०००अंक में प्रवेश को तैयार हैं
    सभी रचनाकारों को बधाई

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  18. वाह इतनी सुन्दर सार्थक रचनाओं का संकलन आज की हलचल में ! मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हृदय से बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आभार पम्मी जी !

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  19. आज की प्रस्तुति ने एक वृहत्तर घर जैसा माहौल उत्पन्न कर दिया है जहाँ विभिन्न आयाम लिए विविध प्रस्तुतिकरण और सराहना, प्रेरणा एवं नित चरैवेति के आह्वान के साथ सबों को शुभकामना व निरन्तर आगे बढने की प्रोत्साहना मिलती रहती है। नित सुन्दर प्रस्तुति का संकलन स्वयं में एक जीवठ कार्य है। मैं समस्त पाठकवृन्द, लेखकवृन्द एवं सम्पादक मंडल के सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त करता हू। यह यात्रा निरंतर जारी रहे और हमारा साहित्य फूलता फलता रहे। शुभकामनाएं। आदरणीय पम्मी जी को विशेष नमन।

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  20. आदरणीय पम्मी जी इस अद्भुत अंक के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद व इसके साथ ही इस खूबसूरत अंक में मेरी कविता को स्थान देने के लिए बहुत बहुत आभार आपको।

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  21. लाज़वाब रचनाओं का संकलन...आभार

    जवाब देंहटाएं
  22. प्रिय पम्मी जी --- आज की विशेष प्रस्तुति में सभी सजग र्च्नाकर्रों के साथ शामिल किये जाने से मन को अपार हर्ष हुआ | मेरी रचनाओं को बड़े पाठक
    वर्ग तक पहुँचाने अन्य लिंकों के साथ पञ्च लिंकों का अहम योगदान है |सभी स्नेही रचनाकारों के साथ आज आपने मुझे भी याद रखा हृदय तल से आभारी हूँ | सभी पाठकों के साथ सहयोगी रचनाकारों और पञ्च लिंक-मंडल के सभी सदस्यों को सादर आभार जिन्होंने अतुलनीय सहयोग देकर उत्साहवर्धन किया | आपको विशेष आभार और बधाई इस विशेष प्रस्तुति की सफलता के लिए | नयी सुबह की प्रतीक्षा है जो विशेष अंक ला रही और लिंकों को नई मंजिल की और ले जा रही है | ये महफिले यूँ ही आबाद रहे यही दुआ है |

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  23. बेहतरीन प्रस्तुतिकरण लाजवाब लिंक संकलन...
    1000वीं पोस्ट को सबके साथ मिलकर सेलीब्रेट करने का यह अंदाज बहुत ही लाजवाब है ....
    सभी चर्चाकारों एवं रचनाकारों को ढेर सारी शुभकामनाएं....

    जवाब देंहटाएं
  24. इस पन्ने पर सब सुधी जनों के साथ आपने जगह दी, ये हमारी खुशनसीबी है । इस साहित्यिक चौपाल में रचनाओं और चर्चाओं की चहल-पहल होती रहे । सभी को बधाई और शुभकामनाएं ।

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  25. बेहतरीन रचनाओं से सजा रहा यह अंक, आदरणीया पम्मी जी की प्रस्तुति !!!
    कल का दिन व्यस्तता से भरा होने के कारण ये रचनाएँ आज पढ़ पाई। हजारवीं सीढ़ी पर जाने के लिए 999वीं सीढ़ी से गुजरना ही पढ़ता है। हलचल का हर अंक, हर अंक श्रेष्ठ ही होता है। आभार पम्मीजी ।

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