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सोमवार, 23 अप्रैल 2018

1011....हम-क़दम का पन्द्रहवां कदम....

विश्व साहित्य को अपनी उच्चकोटि की सृजनात्मक क्षमता से 
प्रभावित करने वाले युगपुरुष विलियम शेक्सपियर 
का जन्म 23अप्रैल 1616 में हुआ था।
इनकी रचनाएँ न केवल अंग्रेजी साहित्य का गौरव है 
अपितु विश्वस्तर  पर जबर्दस्त प्रभावशाली हैं।


उनके द्वारा लिखी एक अंग्रेज़ी कविता की चंद पंक्तियाँ-

ये संसार एक रंगमंच है 
सारे स्त्री पुरुष मात्र अभिनयकर्ता 
सबका अपना अपना आगमन और प्रस्थान 
हर व्यक्ति करता है बहुत सारे पात्र , अपने समय में 
उसका काम गुजरता है सात कालों में . पहला शिशु 
जो रो रो कर उलटी करता है अपनी दाई की गोद में 
और फिर वो स्कूली बच्चे का  रुआंसा प्रलाप , बस्ता लटकाए हुए 
सुबह का चमकता हुआ चेहरा , लेकिन घोंघे जैसी चाल 
स्कूल न जाने का मन . और फिर वो प्रेमी 
भट्टी की तरह निः स्वासें भरता, किसी प्रेम गीत को सुनकर
जो था उसकी प्रियतमा की भौहों के लिए . और फिर एक सैनिक 
विचित्र शपथों को धारे और तेंदुए सी दाढ़ी के साथ 
स्वाभिमान के लिए ईर्ष्यालु , लड़ने को तत्पर 
बुलबुले सी इज्जत की तलाश में 

||| सादर नमस्कार |||

हमक़दम के साथ एक-एक सीढ़ी चढ़ते आगे बढ़ते आप 
सुधी साहित्य साधकों  के क़दमों की मीठी रुनझुन ने एक 
नवीन सुमधुर संगीत से सम्मोहित किया है। हर सोमवार को 
आपके द्वारा सृजित अद्भुत संसार के भिन्न रुपों का आस्वादन 
करने की आतुरता में ही पूरा सप्ताह बीत जाता है।

आप सभी का बेहद आभार आपके अतुल्य सहयोग के लिए।

चलिये अब आपकी रचनात्मकता के संसार में-

🔴 🔴 🔴 🔷 🔴 🔴 🔴

आदरणीया कुसम दी की गज़ब की रचनात्मकता
पढ़िये उनके द्वारा रचित तीन रचनाएँ
आदरणीया कुसुम कोठारी जी
पहले कदम से साथ चले सब
एक सुंदर स्नेह *अलाव*'प्रज्वलित कर 
फिर मचा *'बवाल'* जबरदस्त
तीसरा कदम एक *'चित्र'* मनोरम
रचा सभी ने काव्य विहंगम
फिर कायनात हुई *इंद्रधनुषी*
*पहाड़ी नदी* की रागिनी मोहक
*खलल* पडा फिर भी ना  रुका कारवाँ


🔴 🔷 🔴


कश्ती करनी होगी
तूफानों के हवाले
चल उठा कदम
कारवाँ भी बनेगा
मिलेगी मंजिल भी
राहें बनेगी खुद रहनुमा
हम सफर हम कदम।
🔴 🔷 🔴


कदम जब रुकने लगे तो
मन की बस आवाज सुन
गर तुझे बनाया विधाता ने
श्रेष्ठ कृति संसार मे तो
कुछ सृजन करने
होंगें तुझ को
विश्व उत्थान मे, 
बन अभियंता करने होंगें

🔴🔴🔴 🔷 🔴 🔴🔴

आदरणीया शुभा मेहता जी

सारे सपने करना पूरे
जो भी चाहे बनना तू 
हर क़दम-क़दम पर 
हूँ तेरे साथ 
जीतेगी इक दिन संसार ।

🔴🔴🔴 🔷 🔴🔴🔴

आदरणीया सुधा देवराणी जी

छोड़ दे बिंंदिया चूड़ी कंगना
अखाड़ा बनाऊँ अब घर का अँगना
कोमल नाजुक हाथों में अब 
अस्त्र-शस्त्र पहनाए जा
आ मेरी लाड़ो छुपके मेरे पीछे
हौले से कदम बढ़ाए जा.....

🔴🔴🔴 🔷 🔴🔴🔴

आदरणीया सुधा सिंह जी

जीवन की प्रत्यंचा पर चढा कर
प्रश्न रुपी एक तीर
छोड़ती हूँ प्रतिदिन ,
और बढ़ जाती हूँ एक कदम
आगे की ओर
सोचती हूँ कदाचित
इस पथ पर कोई वाजिब जवाब
जरूर मिल जायेगा।


🔴🔴🔴 🔷 🔴🔴🔴
 आदरणीया सुप्रिया "रानू" जी
नौ महीने का इंतज़ार बड़ा बेसब्र होता है,
मन की आकांक्षाएं उम्मीदों से भरता है,
संवेदन तो हर घड़ी है तुम्हारी,
पर भौतिकता में तुम्हारे साथ कि चाहत करती हूं 
तुम चल भी न रही,
और मैं..
हर पल तुम्हारे कदमो की आहट सुनती हूँ..

🔴🔴🔴 🔷 🔴🔴🔴

आदरणीय पंकज प्रियम जी

एक कदम तुम,एक कदम हम बढ़ाएं
आओ मिलकर, हमकदम बन जाएं।
कदम दर कदम, हम यूँ ही बढ़ते जाएं
मंजिलों की राह हम आसान कर जाएं।


🔴🔴🔴 🔷 🔴🔴🔴

आशा सक्सेना
 सोच में डूबा हुआ सा
 खल रहा अकेलापन  उसे 
दुविधा में है कहाँ खोजे उसे 
जो कदम से कदम
 मिला कर चले 


🔴🔴🔴 🔷 🔴🔴🔴

आदरणीया नीतू ठाकुर जी


झूठे सपने बहुत हो चुके
सत्य का दर्पण दिखलाओ
न्याय के रक्षण हेतु जागो
अपना भी तो कदम बढ़ाओ
धरती माता गर्व करे तुम पर
ऐसा कुछ कर जाओ

🔴🔴🔴 🔷 🔴🔴🔴
आदरणीया साधना वैद जी

दूर क्षितिज तक पसरे
तुम्हारे कदमों के निशानों पर
अपने पैर धरती
तुम तक पहुँचना चाहती हूँ !
सारी दिशाएँ खो जायें,
सारी आवाजें गुम हो जायें,

🔴🔴🔴 🔷 🔴🔴🔴

डॉ.इन्दिरा गुप्ता
भर ले उष्ण श्वास छाती में 
विश्वास कदम धरो भारी 
अट्टहास कर दिगदिगंत में 
लाचार नहीं ना अबला री ! 
तू शक्ति शिव शंकर की है 
तुझ बिन शंकर भी खाली 
महाकाली अवतार है तूतो 
अखण्ड ताव भरी आली ! 

🔴🔴🔴 🔷 🔴🔴🔴

आदरणीया उर्मिला सिंह जी

कैसे मन्जिल तक पहुँचे, छाया  घोर अँधेरा है!
कदम कदम यहाँ दरिंदो का लगा हुआ मेला है!

मन  कहता  सपनो  को  पूरा  कर लूँ,
डर कहता दरिंदो से अपने को बचालूँ,

🔴🔴🔴 🔷 🔴🔴🔴

आदरणीया आँचल पाण्डेय जी

क्यू थम गए कदम
मंज़िल की राह में चलते चलते
क्यू रुक गए हैं हम
इन राहों पर बढ़ते बढ़ते
शायद ऐसे ही बढ़ता है कारवाँ मंज़िल की ओर
कभी गिरते कभी उठते
कभी बढ़ते कभी ठहरते

🔴🔴🔴 🔷 🔴🔴🔴

आदरणीय डॉ. सुशील कुमार जोशी जी

कदम 
रोक लेते हैं 
आँसू भी 
पोछ लेते हैं 

तेरे पीछे नहीं 
आ सकते हैं 
पता होता है 

आना चाहते हैं 
मगर कहते कहते 
कुछ अपने ही 
रोक लेते हैं 

🔴🔴🔴 🔷 🔴🔴🔴

नोट: रचनाएँ सुविधानुसार लगायी गयीं हैं।

हमक़दम के अगले विषय के लिए कल का अंक देखना न भूलें।

आप सभी के द्वारा रचित आज का अंक 
आपको कैसा लगा
 द्वारा व्यक्त किये गये बहुमूल्य सुझावों और 
प्रेरक वचनों की प्रतीक्षा में


21 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात
    विलियम शेक्सपियर जी को सादर नमन
    कहानियाँ, नाटक आदि भी लिखे
    नाटकों का मंचन भी हुआ
    आपने याद दिलाया सखी
    हम तो भूल ही चुके थे
    अच्छी प्रस्तुति
    सादर शुभकामनाएँ सृजन कर्ताओँ को
    सादर

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  2. शुभ प्रभात |श्वेता जी उम्दा प्रस्तुति |विलियम शेक्सपियर जी को सादर नमन |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार सहित धन्यवाद |

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  3. एक छोटी सी मोमबत्ती का प्रकाश कितनी दूर तक जाता है! इसी तरह इस बुरी दुनिया में एक अच्छा काम चमचमाता है.विलियम शेक्सपियर।
    शानदार प्रस्तुति हमेशा की तरह कुछ नव किसलय सी.
    सभी रचनाऐं एक से बढ़कर एक मेरी रचनाओं को सामिल करने का स्नेह आभार।

    जवाब देंहटाएं
  4. शानदार प्रस्तुति |विलियम शेक्सपियर जी को सादर नमन |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार

    जवाब देंहटाएं
  5. पिय श्वेता -- पञ्च लिंकों में आपके सौजन्य से पता चला आज विश्व साहित्य के शिखर आदरणीय विलियम शेक्सपियर का जन्म दिन है और उनकी बहुचर्तित वाक्य और जीवन के कटुसत्य का बोध कराती रचना कितनी सुंदर है ये आज जाना | ''ये संसार एक रंगमंच है सारे स्त्री पुरुष मात्र अभिनयकर्ता '' ये वाक्य किस रचना का हिस्सा है आज पता चला | आभार इस भावपूर्ण प्रस्तुति के लिए | सभी रचनाएँ देखी पढ़ी | कदम के बहाने बेमिसाल सृजन !! सभी रचनाकारों को शुभकामनाये | आपको भी हार्दिक बधाई और शुभकामनाये | सौहार्द की ये कदमताल यूँ ही चलती रहे और पञ्चलिंकों में हमकदम के उत्सव यूँ ही सजते रहें |सस्नेह --

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  6. सुन्दर विशेष पंद्रहवा कदम हलचल के कदमों में से। आभारी है श्वेता जी का 'उलूक' उसे भी एक कदम जगह देने के लिये।

    जवाब देंहटाएं
  7. शुभ प्रभात,सभी बड़ों को,उम्दा संकलन स्वेता जी सहृदय धन्यवाद मेरी रचना शामिल करने को और शुभकामनाएं सभी श्रेष्ठ रचनाकारों को
    ..

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  8. सर्व प्रथम कवि सर शेक्सपीयर जी को नमन 🙏 कवि किसी युग काल या जगह विशेष का नहीं होता आज उनको याद कर प्रिय श्वेता जी ने इस काव्य मंच को और भव्यता प्रदान कर दी नमन श्वेता जी 🙏
    आज के काव्य गुच्छ के लिये कुछ पंक्तियाँ .....
    कदम कदम कितने कदम
    चिंहित हुए मंच पर आज
    नव प्रभात या नव संकल्प सरीखा
    हर कदम पहने जज्बात !
    हर कदम मील का पत्थर है
    हर कदम दृढ़ विश्वास
    सिखा रहा हर कदम काव्य
    मनुज बनो ये ही बेहतर आस !
    मेरे साधरण से काव्य को स्थान देने का धन्यवाद 🙏

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    उत्तर
    1. आपकी ये पंक्तियाँ भी शानदार रहीं इन्दिरा जी . 🙇‍♀️🙇‍♀️🙇‍♀️

      हटाएं
  9. अद्भुत सुंदर प्रस्तुति
    सभी रचनाएँ उत्क्रष्टता को प्राप्त हैं सभी को बधाई और शुभकामनाएँ
    हमारी रचना को भी शामिल करने के लिए आभार
    विलियम शेक्सपियर जी को सादर नमन
    सुप्रभात 🙇🙇

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  10. शुभ प्रभात ...सबसे पहले सर विलियम शेक्सपियर जी को सादर नमन ..श्वेता आपकी प्रस्तुति लाजवाब !!मेरे कदम को हमकदम बनाने के लिए बहुत बहुत आभार ..।

    जवाब देंहटाएं
  11. शानदार प्रस्तुति हमेशा की तरह।एक पर एक रचनाएउ आज के लिंक को सुशोभित कर रही है।शेक्सपियर की रचना कग हिंदी अनुवाद और भी चार चाँद लगा रही।
    आभार

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  12. बहुत सुन्दर हम-कदम विषयक प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  13. बहुत सुंदर प्रस्तुति। मेरी रचना को जगह देने के लिए शुक्रिया

    जवाब देंहटाएं
  14. बहुत ही शानदार रचनाएं ! हमकदम के इस कारवां की हमसफ़र बनने का मुझे भी मौक़ा मिला हृदय से आभारी हूँ आपकी ! सारी रचनाएं बेहतरीन ! मेरी रचना को चुनने के लिए हृदय से शुक्रिया आपका !

    जवाब देंहटाएं
  15. बहुत बढिया प्रस्तुति.
    शानदार रचनाएँ.
    हमकदम के इस कारवाँ में मुझे शामिल करने के लिए आपका हार्दिक आभार श्वेता जी. 🙏🙏

    जवाब देंहटाएं
  16. बेहतरीन प्रस्तुति . सभी रचनाकारों को बधाई एवं शुभ कामनाएँ .

    जवाब देंहटाएं
  17. गज़ब के लिंक्स संयोजित किये आपने ... सभी एक से बढ़कर एक .... शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  18. युगपुरुष विलियम शेक्सपियर की सुन्दर,सार्थक कविता के साथ आज के विशेषांक का शुभारम्भ एवं सम्पूर्ण प्रस्तुतिकरण बहुत ही शानदार है...सभी लिंक बहुत ही उम्दा एवं बेहतरीन.... सभी रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएं...
    मेरी रचना को भी स्थान देने के लिए आपका हृदय से आभार एवं धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं

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