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गुरुवार, 22 मार्च 2018

979......फूल उम्मीदों के सारे आज कांटे बन गए ....

सादर अभिवादन। 

हिन्दी के जाने-माने वरिष्ठ साहित्यकार ,
आधुनिक कविता के सशक्त हस्ताक्षर 
एवं ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त लेखक  केदारनाथ सिंह जी का  
विगत सोमवार को दिल्ली में निधन हो गया।  
हिन्दी साहित्य जगत् में इस समाचार से
 शोक की लहर व्याप्त हो गयी। 
पाँच लिंकों का आनन्द परिवार 
उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है। 
उनकी एक रचना पर नज़र डालिये- 
अंत महज एक मुहावरा है
अंत में मित्रों,
इतना ही कहूंगा
कि अंत महज एक मुहावरा है
जिसे शब्द हमेशा 
अपने विस्फोट से उड़ा देते हैं
और बचा रहता है हर बार
वही एक कच्चा-सा
आदिम मिट्टी जैसा ताजा आरंभ
जहां से हर चीज फिर से शुरू हो सकती है

परसों "विश्व गौरैया दिवस" मनाया गया और कल "विश्व कविता दिवस" की धूम रही।  कुछ उत्कृष्ट रचनाऐं पढ़ने को मिली। 
आइये अब आपको पाँच पसंदीदा रचनाओं की ओर  ले चलते हैं -

My photo

यह जीवन एक तमाशा है
हर मोड़ पे आशा और निराशा है
आशा का सूर्य उदय जब होता
तम रूपी निराशा छट जाती है
टूट जाए जो धैर्य का संबल
जीवन वो कभी न सफल होता है
दिल आखिर तू क्यों रोता है......

मेरी फ़ोटो

सेठ और साहब
नहीं सुनते गुहार
नहीं देखते उनकी ओर ।
शीशे चढ़ी कार के पास
होकर खड़े 
पत्थर के बुतों को निहारते बच्चे
गोया माँग रहे हों भीख ।




सारनाथ, बनारस में दिए पहले उपदेश में गौतम बुद्ध ने चार आर्य सत्य बताए:
- जीवन में दुःख है,
- दुःख का कारण है,
- दुःख का अंत है और
- दुःख के अंत करने का मार्ग है.


My photo

माँ मैंने यही सुना है तू विपदाओं को मिटाती
माँ सबके दुखड़े हरके रोतों को तू है हँसाती
मेरी भी विनती सुनलो इस जग से मैं तो हारा




फ़िक्र-ए-दुनिया है न खुद की है ख़बर कोई मुझे
अब ख़ुशी है न ही कोई ग़म तुम्हारे हिज़्र में

फूल उम्मीदों के सारे आज कांटे बन गए 
हर क़दम पतझर का है मौसम तुम्हारे हिज़्र में

हम-क़दम का ग्यारहवें क़दम
का विषय...
...........यहाँ देखिए...........


आज के लिए बस इतना ही। 
मिलते हैं फिर अगले गुरूवार। 
कल आ रही है आदरणीया श्वेता सिन्हा जी की प्रस्तुति। 

रवीन्द्र सिंह यादव 



10 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात....
    सही व सटीक चयन
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. जीवन में दुःख है,
    - दुःख का कारण है,
    - दुःख का अंत है और
    - दुःख के अंत करने का मार्ग

    सार्थक कथन
    सुंदर प्रस्तुतीकरण

    जवाब देंहटाएं
  3. सारगर्भित भूमिका के साथ बेहद सराहनीय रचनाओं की लाज़वाब प्रस्तुति रखी है आदरणीय रवींद्र जी ने।
    साहित्य जगत में आदरणीय केदार नाथ जी को सदैव याद किया जाता रहेगा। लेखक अपनी कृतियों के माध्यम से अमर हो जाते है।
    बहुत अच्छी रचनाएँ है आज के अंक की।

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत अच्छी प्रस्तुति आदरणीय केदारनाथ सिंह जी को श्रद्धांजलि अर्पित करती भाव भीनी भुमिका
    सभी रचनाऐं शानदार।
    रचनाकारों को बधाई ।

    जवाब देंहटाएं
  5. आदरणीय केदारनाथ सिंह जी को श्रद्धांजलि अर्पित करती भूमिका के साथ बहुत सुंदर प्रस्तुतिकरण..
    सभी चयनित रचनाकारों को बधाई।
    धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  6. शानदार पठनीय लिंक संकलन एवं बेहतरीन प्रस्तुतिकरण....

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत उम्दा रचनायें
    बेहतरीन संकलन
    मेरी रचना को स्थान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  8. आदरणीय रविन्द्र जी -- देर से उपस्थिति के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ | आदरणीय केदार नाथ जी को
    विनम्र श्रधान्जली | उनकी पुण्य स्मृति को सादर नमन |उनका साहित्य में योगदान अविस्मरनीय है और वे अपनी भावपूर्ण रचनाओं के रूप में साहित्य में सदैव उपस्थित रहेंगे | सभी प्रस्तुतियां ला जवाब हैं | सभी रचनाकारों को सस्नेह बधाई और आपको भी बेहतरीन लिंक संयोजन के लिए विशेष बधाई |

    जवाब देंहटाएं

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