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शनिवार, 17 मार्च 2018

974... सफर




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सभी को यथायोग्य
प्रणामाशीष
अपने को सही साबित करने के लिए
स्व की बात तो तर्क के कसौटी पर कसा हो
कितने सवालों में उलझाये रहेगा ये


भूल दुनियां की हर ज़िम्मेदारी को ,
बस सच और सपनो का जहाँ जोड़ रहा,
कोई शिकायत नहीं मुझको बहकने से,
मगर स्वप्न सदैव आँखों में ठहरता नहीं,
जाग फिर जीवन की राहों पर जाना है,
संग कोई हो ना हो सफर तो करना है|



Image result for सफर पर कविता




आज तू और ये रेल, मुझपे दोनों ही मेहरबान है..
तुम्हारे दिल पे मेरा जोर, और इंजन के सीटियों का शोर,
है ये रोमांचकारी भोर, जो ले जा रहा सपनों की ओर,
सरपट दौड़ता ट्रेन का चक्का, और साथ तुम्हारा पक्का,


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और मै था अंजान...|
पांव तले कितनी राहें रुख कर गई...
ना पूछा,ना रोका,ना टोका,ना सोचा,
पता नही आखिर जिंदगी को क्या तलाश है...|


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फिर मिलेंगे... जरा विलम्बिये...

आप अपनी रचना शनिवार 17  मार्च 2018  
शाम 5 बजे तक भेज सकते हैं।
चुनी गयी श्रेष्ठ रचनाऐं आगामी सोमवारीय
अंक 19 मार्च 2018  को प्रकाशित की जाएगी । 
इस विषय पर सम्पूर्ण जानकारी हेतु हमारे पिछले गुरुवारीय अंक 
11 जनवरी 2018  का अवलोकन करें






6 टिप्‍पणियां:

  1. आदरणीय दीदी
    होने वाली है
    परीक्षा बच्चों की
    खतम..और
    सफर शुरू
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. हमेशा की तरह अलग ..
    बहुत बढिया
    आभार

    जवाब देंहटाएं
  3. आदरणीय विभा दीदी ---- आखिर आपके संयोजित लिंक का दिन आ ही जाता है जिसका बड़ी उत्सुकता से इन्तजार रहता है | सफर का सफर बड़ा रोचक है | इसे अपनी - अपनी नजर से देखती रचनाकारों की लेखनी सार्थक हुई है | सभी लिंक देख लिए हैं सभी ने बेहतरीन लिखा है | प्रिय राशी जी के ब्लॉग पर लिखना संभव नहीं हो पाया जिसका मुझे खेद रहा | ब्रहमांड में हर शैय गर्दिश में है | क्या सितारे , क्या नदियाँ , क्या पंछी और क्या इंसान हरेक अपने सफर में गुम है | शायरों ने खूब कलम चलायी जिन्दगी के इस सफर पर --किसी ने लिखा --
    सफर वहीं तक है जहाँ तक तुम हो,
    नजर वहीं तक है जहाँ तक तुम हो,
    हजारों फूल देखे हैं इस गुलशन में मगर,
    खुशबू वहीं तक है जहाँ तक तुम हो...

    पर साथ में किसीने जीवन की सच्चाई को बहुत बेहतरीन लिखा -------

    सफ़र में कोई किसी के लिए ठहरता नहीं
    न मुड़ के देखा कभी साहिलों को दरिया ने--

    अपनी कहें तो आभासी जगत से जुड़कर बहुत जीवन का सफर बहुत ही रोचक लग रहा है | सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं | आपको सुंदर , सार्थक संयोजन लिंकों को खोजने के विशेष आभार | सादर ---

    जवाब देंहटाएं
  4. वाह !!! बहुत सुंदर .. शानदार

    जवाब देंहटाएं
  5. शुभसंध्या विभा दी:)
    हमेशा की तरह लाज़वाब रचनाओं की संतुलित प्रस्तुति... बहुत ही सराहनीय है रचनाएँ सारी।
    आभार दी
    सादर।

    जवाब देंहटाएं

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