आज के जीवन पर सबसे बेहतर पंक्तिया " वक़्त का दर्रा दर्रा" वक़्त का दर्रा दर्रा बिता जा रहा है, यादो के पन्नो को समेटा जा रहा है।
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
---
बुधवार, 14 मार्च 2018
971..जरूरत है उन झरोखों को खोलना..
आज के जीवन पर सबसे बेहतर पंक्तिया " वक़्त का दर्रा दर्रा" वक़्त का दर्रा दर्रा बिता जा रहा है, यादो के पन्नो को समेटा जा रहा है।
13 टिप्पणियां:
आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें
आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।
टिप्पणीकारों से निवेदन
1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।
शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंशानदार संयोजन
आभार
सादर
सस्नेहाशीष
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुतीकरण
सुंदर,अलग अलग विधा और शैली की रचनाओं का संकलन ! बेहतरीन प्रस्तुति आदरणीया पम्मी जी।
जवाब देंहटाएंवाह लाजवाब संयोजन पम्मी जी विविधता समेटे सार्थक रचनाओं का सुंदर गुलदस्ता ।
जवाब देंहटाएंबहुत सटीक भुमिका प्रश्न वाचक
सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई
सुप्रभात पम्मी जी,
जवाब देंहटाएंसुंदर सराहनीय रचनाओं के संकलन शानदार प्रस्तुति के साथ। विचारणीय भूमिका लिखी है आपने।
बहुत सुंदर संयोजन।
बेहतरीन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई
सही खा है आपने, संवेदनशीलता की कमी ही समाज में बिखराव का कारण है, नीरज के शब्दों में, आदमी को आदमी बनाने के लिए थोड़ा सा हो, आँखों वाला पानी चाहिए..सुंदर सूत्रों से सजी प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंसही पंक्तियाँ हैं...
जवाब देंहटाएं"आदमी को आदमी बनाने के लिए जिंदगी में प्यार की कहानी चाहिए और कहने के लिए कहानी प्यार की, स्याही नहीं, आँखों वाला पानी चाहिए"।
वाह!सुंंदर भूमिका के साथ ,लाजवाब लिंक संयोजन । सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई ।
जवाब देंहटाएंआनंदमय प्रस्तुति.....
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुतिकरण उम्दा लिंक संकलन...
जवाब देंहटाएंआदमी आदमी न रहा...आदमियत कहाँ गयी....
एकदम सटीक....
आप सबका बहुत बहुत आभार
जवाब देंहटाएं