---

गुरुवार, 1 फ़रवरी 2018

930....पुलक - पुलककर भानुप्रिया ने किए निछावर मुक्ताथाल,

सादर अभिवादन। 
समय बड़ा बलवान है। 
बे-शक गुज़रा हुआ महीना हमारे देश के लिए आशातीत नहीं रहा। आतंकवाद, फ़िल्मी विवाद, मज़हबी फ़साद, सांप्रदायिक उन्माद और नफ़रत के बीच राजनैतिक क्षेत्र से दो बड़ी खबरें हैं। पहली ख़बर है नगालैंड में सभी राजनैतिक दलों द्वारा विधानसभा चुनावों का बहिष्कार और दूसरी ख़बर में लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराये जाने की सरकारी पहल।
अब आइये आपको ले चलते हैं आज की पसंदीदा रचनाओं की ओर -     
बच्चों की परवरिश आजकल एक चुनौतीपूर्ण जवाबदेही है। समय के साथ सामाजिक मूल्य भी तेज़ी से बदल रहे हैं ऐसे में कोमल मन को प्रभावित करने वाले कारकों को जानना-समझना ज़रूरी है। आदरणीया ज्योति देहलीवाल जी का उपयोगी आलेख आपकी नज़र - 

परवरिश- ऐसे दे बच्चों को सच बोलने की प्रेरणा…..

ज्योति देहलीवाल 

post-feature-image
ग़लती स्वीकारना सिखाया-
मैंने अपने दोनों बच्चों को बचपन से ही यह बात समझा कर रखी थी कि चाहे कितनी भी बड़ी गलती हो जाएं सच बोले। इसके लिए मैं स्वयं भी हमेशा सच बोलती थी। बच्चों को पूरा-पूरा विश्वास था कि मम्मी हमेशा सच बोलती हैं। यदि मुझसे कोई गलती हो जाती तो मैं बच्चों के सामने ही उस गलती को कबूल करती। मैंने यह बात बच्चों के मन में अच्छी तरह बैठा दी थी कि यदि कोई व्यक्ति ख़ुद होकर अपनी ग़लती स्विकार करता हैं तो सामनेवाले व्यक्ति का आधा क्रोध वैसे ही शांत हो जाता हैं।

आदरणीय राकेश कुमार श्रीवास्तव "राही" जी की फ़ोटोग्राफी 

श्रृंखला धीरे-धीरे समृद्ध होती जा रही है और रोचक भी। आप भी

 आनंद लीजिये राही जी के कलात्मक छायाचित्रण का-
  

फोटोग्राफी: पक्षी 46 ...राकेश कुमार श्रीवास्तव "राही"


पर्की या चित्रोक फाख्ता 

वैज्ञानिक नाम: स्पिलाोपेलिया चिन्नेसिस


आदरणीया मीना शर्मा जी का रचना संसार मौलिकता से लबरेज़ है। 

शब्द-चयन से लेकर भावों को पिरोने की कला में वे पूर्णतः माहिर हैं। 

 प्रस्तुत रचना में प्रभातकाल का अद्भुत शब्दचित्र पेश किया है जोकि 

कवियत्री  के विराट कल्पनालोक की शानदार झलक दर्शाता है - 


पुलक - पुलककर भानुप्रिया ने

किए निछावर मुक्ताथाल,

आँचल में समेटकर मोती

दूर्वा - तृणदल हुए निहाल !


 अर्थपूर्ण सृजन में भाव-गाम्भीर्य की प्रमुखता आपके ज़ेहन को 
झकझोरती है। शब्द पर रौशनी डालती आदरणीया डॉ. प्रभा जी की 
सार्थक रचना पढ़िए जोकि ब्लॉग "मुखरित मौन" पर 
आदरणीया यशोदा अग्रवाल जी द्वारा प्रस्तुत की गयी है -   


शब्दों का अंकुर
कागज़ की धरा पर
समय के एक छोटे से 
कालखंड को जीता
ज़मीन के छोटे से टुकड़े पर
जगता और पनपता
 युवा रचनाकार विजय बोहरा जी के असरदार सृजन की 
झलक दिखाती है उनकी रचना "अँधेरा" में जोकि हमें  
परिवेश की विसंगतियों पर सोचने को विवश करती है -



Profile photo



हर में हर तरफ एक खामोशी थी,
देखा मैंने जिधर भी,
छाया था सिर्फ अंधेरा।
नहीं था ऐसा कोई,
मिटा पाता जो,उस अंधेरे को।
कहानीकार प्रवीण कुमार जी के कहानी संग्रह की प्रभावशाली समीक्षा 
प्रस्तुत  कर रहे हैं  आदरणीय गौतम राजऋषि जी - 

छबीला रंगबाज़ का शहर…गौतम राजऋषि

  प्रवीण कुमार का क़िस्सागो बड़ी चतुराई से कथ्य में नयेपन की कमी का अपनी लेखनी के गुदगुदाते विट, अपनी भाषा की दमकती सुन्दरता और अपने शिल्प की चटकती ताज़गी से आभास तक नहीं होने देते | यही इस किताब की ख़ूबसूरती है | 

प्रणय और समर्पण की अनुपम छटा बिखेरती 
आदरणीया रेणु बाला जी 
की इस कविता का आनंद लीजिये जो 
हमारे जीवन में चाँद के प्रभाव पर ख़ूबसूरती से प्रकाश डालती है -
चाँद साक्षी आज की रात --- कविता

ये पल फिर  लौट ना आयेंगे 
बीत जायेगी रात सुहानी 
येकहाँ कोई   इसका सानी  है ?
बड़ा प्यारा   इश्क रूहानी ये ;
कोई  डर विजय- पराजय का 
चाँद साक्षी आज की रात   !!

पाठकों के लिए खुला मंच है हमारा नया कार्यक्रम "हम-क़दम"..... 
इसकी नवीनतम कड़ी में हमने आपको सृजन के लिए दिया है शब्द "इंद्रधनुष"... 
उदाहरणः
इंद्रधनुष,
आज रुक जाओ जरा,
दम तोड़ती, बेजान सी
इस तूलिका को,
मैं रंगीले प्राण दे दूँ,
रंगभरे कुछ श्वास दे दूँ !
पूर्ण कर लूँ चित्र सारे,

रह गए थे जो अधूरे !
इस कार्यक्रम में  भागीदारी के लिए 
आपका ब्लॉगर  होना ज़रूरी नहीं है। 
इस बिषय पर आप अपनी रचनाऐं हमें आगामी 
शनिवार 3 फरवरी 2018 शाम 5 बजे 
तक  भेज सकते हैं। 

 चुनी गयी रचनाऐं 

आगामी सोमवारीय अंक 5 फरवरी 2018 में प्रकाशित होंगीं। 

इस विषय पर सम्पूर्ण जानकारी हेतु हमारा पिछला गुरुवारीय अंक 

11 जनवरी 2018 देखें  या नीचे दिए लिंक को क्लिक करें -

  

आज के लिए बस इतना ही। फिर मिलेंगे अगले गुरूवार। 
कल आ रही हैं आदरणीया श्वेता सिन्हा जी  अपने नए अंक के साथ। 
रवीन्द्र सिंह यादव 





17 टिप्‍पणियां:

  1. आदरणीय रवींद्र जी,
    सुप्रभातम्।
    संक्षिप्त भूमिका में बहुत कुछ कह दिया आपने। विचारणीय तथ्य।
    आज के अंक की सारी रचनाएँ बेहद सराहनीय हैं। रचनाओं पर आपके द्वारा लिखी प्रतिक्रिया विशेष रुप से आकर्षित कर रही। बहुत सुंदर संकलन। सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएँ।

    जवाब देंहटाएं
  2. व्यंजन तो स्वादिष्ट हैं ही, उसे परोसने के ढंग ने उसे बासमती सुवास के साथ और जायकेदार बना दिया है। रचना सौन्दर्य और प्रस्तुति शिल्प का मणी कांचन संयोग!बधाई और आभार रविंद्रजी! हम आपकी इस अदा के कायल है।

    जवाब देंहटाएं
  3. रवींद्र जी, आभार, आप सदैव नविन एवं उत्तम प्रस्तुति पेश करते आए है, बधाई। इस चर्चा में सम्मलित सभी रचनाकारों को भी बधाई ।

    जवाब देंहटाएं
  4. कमाल की प्रस्तुति । बहुत सुन्दर और भूमिका । देश में जो हो रहा है वह न जाने श्वेत है या श्याम है भविष्य ही बताएगा। आज प्रस्तुत सभी रचनाएँ वशिष्ट हैं । सभी शामिल रचनाकारों को बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुन्दर प्रस्तुति रवींद्र जी।

    जवाब देंहटाएं
  6. आदरणीय रवीन्द्र जी..
    बहुत सुंदर भूमिका से शुरुआत
    सभी रचनाएँ बढिया चयनित रचनाकारों को बधाई एवम् शुभकामनाएँ
    धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  7. बेहद सुंदर संकलन। मेरी रचना की भूमिका में इतनी सुंदर टिप्पणी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद रविंद्र सिंह यादव जी।

    जवाब देंहटाएं
  8. आदरणीय रवींद्र जी,
    बहुत सुंदर संकलन।
    सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएँ।

    जवाब देंहटाएं
  9. वाह!!रविन्द्र जी ..बहुत खूबसूरत प्रस्तुति.... बहुत सुंदर भूमिका बाँधी है , कि पाठक किसी भी रचना को बिना पढ़ें नहीं गुजर सकता यहाँ से ।

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत सुंदर भूमिका, रविन्द्र जी। मेरी रचना को http://halchalwith5links.blogspot.in में स्थान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  11. आदरणीय रवींद्रजी, महत्त्वपूर्ण अग्रलेख एवं विविध सुंदर रचनाओं से सजा हलचल का अंक हम तक लाने के लिए हृदयतल से आभार । मेरी रचना को शामिल करने के साथ साथ रचना पर की गई प्रोत्साहनपरक टिप्पणी ने मन मोह लिया। अनेकानेक धन्यवाद !

    जवाब देंहटाएं
  12. आदरणीय रविन्द्र जी -- ब बहुत ही सार्थक भूमिका के साथ एक सुंदर लिंक संयोजन | बहुत आभार आपका इतनी बढ़िया रचनाओं के चयन के लिए सभी रचनाओं के साथ संलग्न आपकी विषय को विस्तार देती सुंदर विवेचना ने सभी रचनाओं के परिचय को और भी आकर्षक बना दिया है | मेरी रचना को स्थान देने के लिए हार्दिक आभार आपका | सभी रचना कारों को बधाई और आपको भी सफल संयोजन के लिए ढेरों बधाइयाँ

    जवाब देंहटाएं
  13. बेहतरीन प्रस्तुतिकरण के साथ उम्दा लिंक संकलन...

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।