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यशोदा
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शुभ प्रभात सखी
जवाब देंहटाएंएक और बेहतरीन प्रस्तुति
सादर
खूबसूरत पंक्तियाँ वाह्ह..."सूरज भी लिहाफ़ में जा बैठे"👌
जवाब देंहटाएंसुप्रभातम् पम्मी जी,
बेहद सुंदर रचनाओं का गुलदस्ता तैयार किया है आपने सभी रचनाएँ विविधापूर्ण रंग समेटे आज के अंक को सुवासित कर रही हैं। सभी रचनाकारों को बधाई।
चाय की चुस्कियों के साथ...
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुतिकरण एवं उम्दा लिंक संकलन
उम्दा प्रस्तुतीकरण
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति,बधाई और आभार!!!
जवाब देंहटाएंवाह पम्मी जी खूबसूरत प्रस्तुति लेकर आयीं हैं आप। समसामयिक रचनाओं का कौशलपूर्ण चयन।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को आज लिंकों का आनंद में सम्मिलित करने के लिए बहुत बहुत आभार।
सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएं।
वाह सुंदर प्रस्तुति सूरज जी लिहाफ मे बैठे हैं तभी तो सब के तन पर उनी वस्त्र बढते जा रहे हैं।
जवाब देंहटाएंशुभ दिवस।
👏👏👏👏👏वाह क्या खूब बानगी है ....
जवाब देंहटाएंसूरज लिहाफ मै जा बैठा
चाय की चुस्की जारी है
कच्ची धूप हिय को भाती
सर्द ऋतु अती भारी है !
बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंशुभप्रभात.....
जवाब देंहटाएंसुंदर संकलन.....
आभार.....
अच्छी प्रस्तुति.. सुरज भी लिहाफ जा बैठा ..रोचक पंक्ति..!
जवाब देंहटाएंविविधता से परिपूर्ण अंक ! सादर धन्यवाद आदरणीय पम्मी जी। सभी रचनाएँ पढ़ीं । अच्छी लगीं सब...बधाई रचनाकारों को ।
जवाब देंहटाएंठंड तो चरम पर है परन्तु लिहाफ ओढ़ कर आपके द्वारा प्रस्तुत भूमिका एवं लिंकों को पढ़ कर आनंद आ गया. सुन्दर प्रस्तुति पम्मी जी .
जवाब देंहटाएंचाय की चुस्कियों के साथ...
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुतिकरण एवं उम्दा लिंक संकलन
समसामयिक बेहतरीन प्रस्तुतिकरण उम्दा लिंक संकलन...
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