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शनिवार, 11 नवंबर 2017

848... कविता


सभी को यथायोग्य
प्रणामाशीष

उलझन में हूँ
मैं किस काबिल हूँ


कविता आज और अभी


चाँद को मुट्ठी में ले सकूँ
सपनों से नींदें भरती हूँ
आंधियों में भी हरदम

दीपक बनकर जलती हूँ

उलझन में हूँ
सभी परेशान हैं ब्लॉग की स्थिति से
फिर परेशानी क्यूँ फैली है




यही नहीं , सड़क के किनारे लगा साग-पात का ठेला 
कवि की निगाहों से बच नहीं पाया है, जिसमें 
’’एक -एक इंच का /किया गया है सही -सही उपयोग /ध्यान रखते हुए
 कि /कोई सब्जी छुपी न रह जाय/किसी और की ओट में /इतनी कम जगह में / 
इतनी सारी सब्जियों को /देना उचित स्थान /किसी कला से कम नहीं।’’


कविता


आपको कैसे पता नहीं होगा
सिद्धार्थ के अंतद्वंद, हाहाकार को
जो उन्हें मोमबत्ती की तरह
गलाये जा रही थी
और आपको निरंतर
जलाये जा रही थी


कविता


छोटे, बहुत छोटे अदने
आदमी से बात करना और
उसकी सुनते चले जाना
पाओगे जमाने की
लतकार फटकार के बीच
उसके पास है हजारों किस्से


कविता क्या है



Image result for हर्ष विषाद पर कविता

जबाब ढूँढ़ ... फिर मिलते हैं



13 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात दीदी
    सादर नमन
    हरदम बेहतर से बेहतर
    प्रस्तुति बनी है आज
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत ही आकर्षक प्रस्तुति। मन बार बार पढने को विवश है। सम्पादक महोदया का विशेष अअभिनःदं
    सुप्रभात

    जवाब देंहटाएं
  3. सुप्रभात आदरणीया विभा दी,
    दी,सभी अपने आप में अनमोल होते है और आप भी बेशकीमती है। आज आपके द्वारा प्रस्तुत की गयी रचनाएँ बहुत उम्दा है। सच में एक विषय शीर्षक पर आपके द्वारा किया गया विशिष्ट रचनाओं का संयोजन अत्यंत सराहनीय होता है हमेशा। आपकी पारखी दृष्टि सदैव सर्वश्रेष्ठ रचनाएँ चुनकर लाती है,जो कदापि आसान नहीं।
    आज के सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ।

    जवाब देंहटाएं
  4. सुन्दर विषय वस्तु के साथ प्रस्तुत एक बढ़िया हलचल।

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत ही सुंदर प्रस्तुति एवम् संकलन एक विषय पर प्रस्तुति अपने आप में विशिष्ट है।
    धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  6. वाह..
    कविता को रेखांंकित करती बेहतरीन प्रस्तुति
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  7. वाह..
    कविता को रेखांंकित करती बेहतरीन प्रस्तुति
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  8. वाह! कविता शीर्षक पर आधारित बहुत खूबसूरत रचनाओं का सुंदर संकलन। आप की भूमिका इतनी संक्षिप्त कि हम खुद पशोपेश में पड़ जाते हैं। बस हम तो इतना ही जानते हैं कि आपका आशीर्वाद और स्नेह सदैव हमें यूं ही मिलता रहे। आपकी प्रस्तुत करने की विशिष्ट शैली सभी को आकर्षित करती है। सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएं। आभार सादर। आज हमारे इस मंच पर नया कीर्तिमान स्थापित हो चुका है 2 लाख पृष्ठ दृश्य। पांच लिंकों का आनंद परिवार की ओर से समस्त सुधिजनों शुभेक्षुओं का हार्दिक आभार
    । सबको बधाइयां।

    जवाब देंहटाएं
  9. लो कविता भी आ गई !
    बहुत सुन्दर हलचल प्रस्तुतिव

    जवाब देंहटाएं
  10. बेहतरीन,लाज़वाब,विशिष्ट, अनोखी, अनुपम प्रस्तुति.
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  11. क्या कहूँ शब्द नहीं हैं, आपकी तारीफ़ में ! मैंने सारी रचनायें पढ़ीं व समझीं। कुछ शब्द, पूर्ण मनोयोग से बनाई गई प्रस्तुति आदरणीया।

    जवाब देंहटाएं

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