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रविवार, 17 सितंबर 2017

793....शानों-शौक़त सब धरे रह जायेंगे

सादर अभिवादन..
आनन्द आ गया कल की प्रस्तुति में
विभी दीदी वैसे भूलने वाली नही न है..
हाँ ...अव्यवस्था के चलते..
बहुत कुछ हो जाता है..
ये दूसरी बार है कि एक ही दिन में 
डबल प्रस्तुति प्रकाशित हुई........
जो हुआ..अच्छा ही हुआ..
आगे और इससे अच्छा ही होगा...

आज जो मैं पढ़ रही हूँ..चुन रही हूँ .......

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तुम अब भी मुझे पढ़ते हो हर रोज़......
मेरा कुछ हिस्सा तुम अपनी जेबों में भी रखते हो;
और कुछ अपने दोस्तों के कानों में.
तुम्हारे बैंक बैलेंस में.......
बढ़ते हुए शून्यों की जगह मै ही तो हूँ;

जिस दिन धरा या गगन 
अभिमान कर लेंगे 
तुम्हें सर छिपाने के लिए 
एक कण नसीब नहीं होगा 
शानों-शौक़त सब धरे रह जायेंगे !!

ढलती  सांझ  और नीड़ में लौटते परिन्दे
सूरज संग मन भी डूबता जाता है ।
ईंट पत्थरों से बने हो वर्ना हिचकी जरूर आती ।।


नई विधा पर...सोचा इक रोज़ तुझे कह दूं
एक अरसे से मेरे अंदर इक समंदर है
आज न रोक मुझे, टूट के बह जाने दे

गम न कर यार मेरे मैंने, दुआ मांगी है
चाँद होगा तेरे दामन में, असर आने दे


विविधा पर.....कुछ खबर ही नहीं लापता कौन है
दीजिये मत खुदा की कसम बेसबब ।
अब खुदा को यहां मानता कौन है ।।

है जरूरी तो घर तक चले आइये ।
आप क्या हैं इसे जानता कौन है ।।

कविता मंच पर....जिओ और जीने दो
कितना नाज़ां / स्वार्थी  
और वहशी है तू ,
तेरे रिश्ते 
रिश्ते हैं 
औरों के फ़ालतू।
चलो अब फिर 
समझदार,
नेक हो जायें,
अपनी ज़ात 
फ़ना होने तक

 आज्ञा दें
फिर मिलेंगे..
यशोदा ..












10 टिप्‍पणियां:

  1. ढ़ेरों आशीष व असीम शुभकामनाएँ छोटी बहना
    उम्र के भूलने की आदत होने लगती है
    सेवा निवृति का समय हो गया है
    सोच रही हूँ मुक्त हो जाऊँ ताकि तीसरी बार ऐसी बात ना हो सके 😃

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. घर के बड़े लोग कहाँ मुक्त होते हैं आदरणीय । उनका साथ खड़े रहना ही काफी होता है।

      हटाएं
  2. बहुत सुन्दर‎ संयोजन ..., इतनी सुन्दर सुन्दर‎ रचनाएँ पढ़ने का अवसर देने के लिए अत्यन्त आभार
    यशोदा जी । मेरी रचना ‎को इस पुष्पगुच्छ में सम्मिलित करने के लिए तहेदिल से धन्यवाद आपका ।

    जवाब देंहटाएं
  3. आदरणीया,दीदी प्रणाम कमाल की प्रस्तुति सभी रचनायें एक से बढ़कर एक आभार , "एकलव्य"

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुंदर मनभावन रचनाएँ है दीः)
    लिंको का बहुत सुंदर संकलन।

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुन्दर‎ संयोजन।
    धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत सुंदर प्रस्तुति, सभी रचनाएँ कमाल की हैं !
    हार्दिक धन्यवाद आदरणीय यशोदा दीदी । सभी रचनाकारों को बधाई ।

    जवाब देंहटाएं

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