ये भी आवश्यक नहीं
रचनात्मक हों तो सत्य पर आधारित ,निजी स्वार्थ से परे
मनुष्यता...........मैथिलीशरण गुप्त
आज की सुखमय यात्रा का प्रारम्भ महान राष्ट्रकवि "मैथिलीशरण गुप्त'' की एक कृति से करता हूँ ,जिसका संकलन
आदरणीया "यशोदा अग्रवाल" जी द्वारा किया गया है
उसी उदार से धरा कृतार्थ भाव मानती।
उसी उदार की सदा सजीव कीर्ति कूजती;
तथा उसी उदार को समस्त सृष्टि पूजती।
मुसाफिर हौसला रख, वहाँ महफिल बहुत है... आदरणीय "विशाल चर्चित"
सुख भोगा-आनन्द मनाया
फिर करता घोटाला क्यों?
अंधेर नगरी, चौपट राजा ! ...
आदरणीया "मीना शर्मा"
राजा पर कोई, अँगुली उठाए,
अँगुली क्या, गर्दन अपनी कटाए !
पंगु व्यवस्था है, अंधा कानून
रोम जले, नीरो बाँसुरी बजाए !
दूर तक कोई नहीं - - -
आदरणीय ''शांतनु सान्याल''
छोड़ कर कुछ असर जाईये
'ज़ीनत' जी खूबसूरत ग़ज़ल
पढ़ के दिल में उतर जाईये
मुट्ठियाँ.....आदरणीया
"दीप्ति शर्मा"
बंद मुट्ठी के बीचों - बीच
एकत्र किये स्मृतियों के चिन्ह
कितने सुन्दर जान पड़ रहे हैं
रात की चादर की स्याह
रंग में डूबा हर एक अक्षर
उन स्मृतियों का
'किस बात की शर्म जमावड़े में शरीफों के शरीफों के नजर आने में' ...
आदरणीय "सुशील कुमार जोशी"
किताबें ही
किसलिये
दिखें हाथ में
पढ़ने वालों के
जरूरी नहीं
है नशा
बिकना
बस केवल
मयखाने में
जी ही लेते हैं न...
आदरणीया "अनुपमा पाठक"
ऐसा होने के लिए
आँखें बनी ही हों जैसे विडम्बनाएं देखने
और आहत हो रोने के लिए
इतना होते हुए भी
जी ही लेते हैं न
फोटोग्राफी : पक्षी 23 (Photography : Bird 23 )
आदरणीय, राकेश कुमार श्रीवास्तव "राही"
भारतीय ग्रे हॉर्नबिल भारतीय उपमहाद्वीप में पाए जाने वाले
एक आम हॉर्नबिल है।
यह ज्यादातर वृक्षों पर और आमतौर पर जोड़े में देखा जाता है।
इसमें एक हल्के भूरे या नीरस सफेद पेट के साथ पूरे
शरीर में ग्रे पंख होते हैं।
( प्रस्तुत विचार मेरे स्वयं के मौलिक विचार हैं )
आभार
"एकलव्य"
सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआभार आपका।
शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंविचार..
क्या है विचार
विचार क्यों
पैदा होता है
मन में
विचारणीय
विषय..
विचार कर रही हूँ
कि टिप्पणी में
अपने कौन से
विचार रखूँ..
एक अच्छी प्रस्तुति
सादर
ऊषा स्वस्ति।
जवाब देंहटाएं"विचार" पर विचार करती आज की भूमिका विचारणीय है ध्रुव जी।
बहुत -बहुत बधाई। आपका श्रम सामाजिक मूल्यों का उत्प्रेरक है , आपका चिंतन सामयिक एवं प्रेरक है।
आज के सभी लिंक विचार को एक कसौटी पर कसते हैं, अत्यंत प्रभावशाली हैं।
सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाऐं।
"पाँच लिंकों का आनन्द" की ओर से किया गया नवीनता के लिए प्रयोग सार्थक हो उठा है।
आभार सादर।
आनंदित हूँ बच्चे
जवाब देंहटाएंढ़ेरों आशीष व असीम शुभकामनाओं के संग शुभ दिवस 💐😍
उषा स्वस्ति..
जवाब देंहटाएंआपके विचार सामयिक एवं प्रेरक है..बहुत बढिया लिखते रहे
सभी चयनित रचनाकारों को बधाई।
आभार।
बेहद सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंआभार!
ध्रुव भाई फिर से अपने ही तासीर के अनुरूप विचारों पर अपना सराहनीय विचार एवं रचनाएँ पेश की है। इस चर्चा में सम्मलित सभी रचनाओं के रचनाकार को हार्दिक शुभकामनाएँ एवं बधाई।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचनायें
जवाब देंहटाएंशानदार संकलन
बहुत प्रभावी चिन्तन और बहुत सुन्दर प्रस्तुति ध्रुव सिंह जी .
जवाब देंहटाएं"विचार" ... एक विषय पे विचारों का गहन मंथन ... पर इनका मौलिक होना जरूरी है ...
जवाब देंहटाएंइस विषय के साथ सुन्दर हलचल ...
आनन्द देती बहुत लगन से बनायी गई आज की हलचल में 'उलूक' को भी जगह देने के लिये आभार ध्रुव जी ।
जवाब देंहटाएंवाह ! लाजवाब लिंक संयोजन ! बहुत सुंदर आदरणीय !
जवाब देंहटाएंविचार ही तो हैं.....
जवाब देंहटाएंजो हमारे अपने हैं....
सुंदर....
आनंदित हुआ मन....
बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति. "विचार" अगर मनुष्य के जीवन में न हो तो वह मनुष्य नही होता. हमारे विचार ही हमारी पहचान होते हैं .लेखन की दुनिया में व्यक्ति विशेश के विचार ही उसे सबसे भिन्न बनाते हैं.
जवाब देंहटाएंप्रिय एकलव्य -- आज के संयोजन का अवलोकन किया और सभी रचनाएँ पढ़ी | बहुत ही बढ़िया वैचारिक संकलन रहा | भूमिका में ' विचार ' विचार बहुत विचारणीय है | सचमुच विचार भले ही सृजनात्मक न हो पर उद्दात भावों से भरे जरुर होने चाहिए | संवेदनशील होना और मानवता के प्रति कल्याणकारी सोच रखने में ही विचारों की सार्थकता है | सब रचनाकारों को हार्दिक बधाई | खेद है कि सुशील जी के ब्लॉग पर टिपण्णी संभव ना हो पाई | उन्हें यहीं से शुभकामना प्रेषित करती हूँ | आपका आभार और हार्दिक सस्नेह शुभकामना|
जवाब देंहटाएंमैथिलीशरण गुप्त जी की रचना उपलब्ध करवाने के लिए विशेष आभार ------
जवाब देंहटाएंआदरणीय ध्रुवजी,हार्दिक आभार मेरी रचना को शामिल करने हेतु । आपका गहन अध्ययन, आपकी क्रांतिकारी सोच, एक जागरूक रचनाकार के रूप में आपका व्यक्तित्व
जवाब देंहटाएंप्रभावित कर जाता है । सभी रचनाएँ प्रभावशाली हैं,सुंदर हैं । कविवर्य मैथिलीशरण गुप्त जी की रचना से हमें अपने विचारों को निखारने, सँवारने की सीख मिलती है । विविधरंगी विचारों से सजी हलचल प्रस्तुति हेतु अनेकानेक धन्यवाद । सभी चयनित रचनाकारों को बधाई ।