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शनिवार, 9 सितंबर 2017
785... संस्मरण
8 टिप्पणियां:
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शुभ प्रभात दीदी
जवाब देंहटाएंसादर नमन
एक विषयेक प्रस्तुति के महारथी
संस्मरण..
सादर
सुप्रभात एवं प्रणाम दीदी। साहित्य में संस्मरण विधा का अपना खासा महत्व है। आत्मीयता, विषय पर अंतरंग बातचीत, व्यक्तित्व का आकलन, विभिन्न विषयों पर वैचारिक मंथन क्या-क्या नहीं हमें समझने को मिलता है संस्मरण से। आज की इस विशेष प्रस्तुति के लिए आपका दिल से आभार आदरणीय दीदी। सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएं। आभार सादर।
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जवाब देंहटाएंसुप्रभात
एक विषय पर आधारित प्रस्तुति बहुत बढिया..
सभी चयनित रचनाओं को बधाई।आभार
वाह बहुत सुन्दर।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी संस्मरण विषयक हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुंदर!
जवाब देंहटाएंसभी बेहतरीन संस्मरण । साझा करने हेतु सादर धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंआदरणीय दीदी , सादर सस्नेह प्रणाम | आज के विशेष लिंकों का संकलन पढ़ा | बहुत ही बेहतरीन लगा | हर रोज जहाँ पद्य की प्रधानता रहती थी आज गद्य की विशेष विधा का बोलबाला रहा | सचमुच आज रेखाचित्र , संस्मरण यात्रा संस्मरण आदि कम लिखे जाते है - फिर भी आपका चयन बहुत ही मर्मस्पर्शी रहा | यादें इन्सान की अनमोल पूंजी होती है जब ये कागज पर उतरती हैं तो कालजयी बन जाती हैं | सभी रचनाकारों के ब्लॉग पर टिप्पणी हो गयी पर आदरणीय सुभाष जी के अनमोल संस्मरण पर लिखना संभव ना हो पाया अतः उन्हें यहीं से शुभकामना प्रेषित करती हूँ | बहुत रोचक है उनका सचित्र संस्मरण | सभी रचनाकारों और पाठकों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं आभार | मेरी रचना को स्थान देने के लिए कोटिश धन्यवाद |
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