दुःख एवं घोर कुण्ठा का परिचायक अवश्य है।
उन्हें याद करने का कोई औचित्य नहीं ?
पर ध्यान देने की आवश्यकता नहीं ?
भूले -बिसरे यादों को एक नया नाम दें !
सादर अभिवादन
''बेटियाँ''..... ....... डा."कुँवर बेचैन"
आज के सुखद साहित्य यात्रा का प्रारम्भ साहित्य के 'सशक्त हस्ताक्षर' आदरणीय डा."कुँवर बेचैन" साहब की एक कृति के साथ
ये तरल जल की परातें हैं
लाज़ की उज़ली कनातें हैं
है पिता का घर हृदय-जैसा
ये हृदय की स्वच्छ बातें हैं
''डरती हूँ''..आदरणीया "वंदना शर्मा"
तुम्हें याद ना करना,
यह मेरे बस की बात नहीं,
पर तुम्हें कोई ओर याद करे,
इस बात से डरती हूँ।
''सड़क''..आदरणीय ''अरुण रॉय''
सड़कें
धरती को नहीं छोड़ती
जो धरती को छोड़ते हैं
औंधे मुँह गिरते है
किसी न किसी मोड़ पर
फैक्ट्रियाँ सारी बंद करवाएं,
प्यार भावना को हम अपनाएं |
एक दूजे के तरफ ले जाएं,
''बिखराव''...आदरणीया "आशा सक्सेना"
जड़ें गहराई तक जातीं
डाली डाली पल्लवित होती
जब किसीका सामना होता
खुल कर भाव बाहर आता
एक से दो , दो से चार
आपस में जुड़ जाते
"शब्द" आदरणीया "मीना शर्मा"
अनजाने भावों से मिलकर
त्वरित मित्रता कर लेते,
और कभी परिचित पीड़ा के
दुश्मन से हो जाते शब्द !!!
''लम्पट बाबा'' --आदरणीया "रेणु बाला"
आत्मविश्वास मनुष्य में समाहित अमूल्य रत्न मणि है।
आत्मविश्वास एक ऐसी पूंजी है
जो मनुष्य की सबसे बड़ी धरोहर है।
ज़द्दोज़हद ...आदरणीया -''सरिता स्निग्ध ज्योत्स्ना''
उफ्फ बरसाती रात
कहीं जीवन हेतु संघर्ष अविराम
नदियों का राक्षसी उफान
और डूबा हुआ सारा घर-बार
सड़क पर सिमटाए अपना
शहीदों की चिताओं पर जुड़ेंगे हर बरस मेले ....... आदरणीय जगदम्बा प्रसाद "हितैषी"
जुदा मत हो मेरे पहलू ,से ऐ दर्दे वतन हरगिज़
न जाने बाद मुर्दन मैं कहाँ और तू कहाँ होगा
औकात.....रचनाकार ''अज्ञात''
आदरणीया "यशोदा अग्रवाल" द्वारा संकलित
मरने के बाद नीचे देखा ,
नज़ारे नज़र आ रहे थे,
मेरी मौत पे .....
कुछ लोग ज़बरदस्त,
तो कुछ ज़बरदस्ती
रो रहे थे।
"कुलदीप सिंह ठाकुर"
जी का जन्म दिवस है आज उनको समर्पित
'मेरी भावनायें'
आओ ! बैठो
हम बात करें
एक स्वर्णिम
इतिहास रचें
धूल सने
अभिलेखों को
मिलकर
स्नेह से साफ करें
आओ ! बैठो
देश की बात
करें
( प्रस्तुत अंश मेरे स्वयं के विचार हैं )
शुभ प्रभात..
जवाब देंहटाएंएक सराहनीय प्रस्तुति
भाई कुलदीप जी को जन्मदिन की शुभ कामनाएँ
सादर
सुन्दर रचनाओं के इस गुलदस्ते के संग कुलदीपजी को जन्मदिन की अशेष शुभकामनाएं !!!
जवाब देंहटाएंबहुत मेहनत की है। बढ़िया अंक।
जवाब देंहटाएंकुलदीप जी को जन्मदिन पर शुभकामनाएं।
हटाएंध्रुव जी ने आज के अंक की भूमिका में विचारोत्तेजक बहस का आगाज़ किया है।
जवाब देंहटाएंबधाई।
माननीया सावित्री बाई फुले और उनके पति माननीय ज्योतिराव फुले का गुलाम भारत में समाज सुधार और सामाजिक भेदभाव के प्रति संघर्ष आज देश की धरोहर है।
आपने शिक्षिका दिवस का सवाल उठाया है तो भारत में आम धारणा है कि 5 सितम्बर को आयोजित होने वाला शिक्षक दिवस सभी शिक्षकों ( महिला एवं पुरुष ) को सम्मानित करने एवं उनके उल्लेखनीय कार्यों को समाज के सामने लाने के लिए ही होता है।
निस्संदेह भविष्य में यदि "शिक्षिका दिवस" को सरकारी मान्यता मिली तो आदरणीया सावित्री बाई फुले को देश सर्वप्रथम याद करेगा और आपके विचार को सराहा जायेगा।
विचारणीय रचनाओं का चयनकर आपने अंक को सारगर्भित बनाया है।
सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाऐं।
बालकवि संजय कुमार को ढेरों आशीष एवं बधाइयां।
भाई कुलदीप जी को जन्म दिवस की मंगलकामनाऐं।
ध्रुव भाई अपनी चर्चा को नित-नए आयाम देते जा रहे हैं। इनकी पृष्टभूमि लिखने की कला का मैं कायल हूँ। इस चर्चा में सम्मलित सभी रचनाओं के रचनाकार को हार्दिक शुभकामनाएँ एवं बधाई।सबको शिक्षक दिवस और हिन्दी पखवाड़े की शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंविचारणीय सारगर्भित रचनाओं का चयन..
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को बधाई एवम् शुभकामनाएँ।
आभार
बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंकुलदीप जी को जन्मदिन की बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ
सारगर्भित विषय पर सुंदर विचारो की अभिव्यक्ति,ध्रुव जी।
जवाब देंहटाएंअति सराहनीय लिंकों का आकर्षक संयोजन।
आदरणीय कुलदीप जी को जन्मदिन की शुभकामनाएँ।
सभी चयनित रचनाकारों को बधाई।
सब की कविताएं पढ़ कर अच्छा लगा, हालाँकि मेरा हिंदी कविता लिखना कम ही होता है, परन्तु यदि इस तरह के मंच पर सब की कविताएँ पढ़ने को मिलें तो बहुत प्रेरणा मिलती है. आप सब का धन्यवाद
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को बधाई.बहुत अच्छी प्रस्तुति. मुझे लगता है समाज में गुरू का समान रूप से सम्मान होता है चाहे वो महिला हो या पुरुष.वैसे भी बच्चे प्यार करने में भेदभाव नहीं करते. सावित्री बाइ fule के प्रति शिक्षा जगत में बेहद सम्मान है और उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता.
जवाब देंहटाएंसार्थक प्रस्तुति करण...सुन्दर पठनीय लिंक संकलन...
जवाब देंहटाएंसार्थक प्रस्तूति ,सुन्दर पठनीय संकलन
जवाब देंहटाएंकहीं न कहीं, कुछ न कुछ तो कमी है ही, जिससे बहुतेरे ज्ञानवान लोगों को उनका देय नहीं मिल पाता !
जवाब देंहटाएंकुलदीप जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंआदरणीय भाई ध्रुव जी....
जवाब देंहटाएंसुंदर संकलन....
अंतिम पंखतियां...मन को छुह गयी....
आभार आप का....
प्रिय एकलव्य -- सबसे पहले आपको आज के लिंकों के सफल संचालन के लिए हार्दिक बधाई | बड़े हर्ष का विषय है कि आज की प्रस्तुति आदरणीय कुलदीप जी के जन्मदिन को समर्पित है | मेरी ओर से भी उन्हें जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं | आज के संयोजन कि सभी रचनाएँ पढ़ीं | सभी रचनाकार साथियों और पाठकों को बधाई और शुभकानाएं | सभी रचनाएँ बहुत ही सार्थक और उम्दा लगी | भूमिका शानदार रही | शिक्षक दिवस पर आदरणीय सावित्रीबाई फुले का पुण्य स्मरण बहुत आवश्यक है | वे भारतीय नारी शक्ति का आदर्श है| और आपकी मर्मस्पर्शी और सार्थक पंक्तियों में देश के प्रति कर्तव्यबोध का दर्शन होता है | बड़ा खेद है कि आदरणीय कुंवर बेचैन जी के ब्लॉग पर मेरी टिपण्णी संभव ना हो पाई और नन्हे कवि संजय को भी उनके ब्लॉग पर लिखना संभव ना हो पाया | इन दोनों को यहीं से बधाई और शुभकामना प्रेषित करती हूँ | प्रिय संजय की पंक्तियों में एक भविष्य के उदीयमान कवि की दस्तक है | आपको साधुवाद जो आप ऐसी प्रतिभाओं पर नजर रख उनका परिचय साहित्य सुधियों से करवाते हैं -------- सस्नेह शुभकामना ----
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंकृपया याचना नहीं रचना पढ़े ----- गलती के लिए खेद है -----
जवाब देंहटाएंआदरणीय ध्रुव जी, सार्थक सुंदर पृष्ठभूमि के लिए हार्दिक बधाई । आदरणीय कुलदीप जी को जन्मदिन की ढ़ेरों बधाइयाँ । सावित्रीबाई फुले जी का संदर्भ देकर आपने आज की प्रस्तुति को चार चाँद लगा दिए हैं ।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने के लिए सादर धन्यवाद । सभी लिंक्स बेहतरीन हैं । चयनित रचनाकारों को बधाई ।
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