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शनिवार, 5 अगस्त 2017
750... बाबुल मेरे
10 टिप्पणियां:
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शुभ प्रभात बड़ी दीदी
जवाब देंहटाएंबेहतरीन सावनी रचनाएँ
सादर
सादर अभिवादन !
जवाब देंहटाएंआज 750 वां अंक अपनी सुन्दर छटा बिखेर रहा है।
आदरणीय दीदी का विविधतापूर्ण बिषय आधारित संकलन बेमिशाल है।
अब इंतज़ार है जब आदरणीय विभा दीदी द्वारा पेश किये जाने वाले 800 वें अंक का।
सभी चयनित रचनाकरों को बधाई एवं शुभकामनाऐं !
आभार सादर।
शुभप्रभात... आज 750 अंक पूरे हो गये....
जवाब देंहटाएंप्रत्येक 50 के बाद विशेषांक प्रस्तुत होता है....
पर इस बार आदरणीय विभा आंटी का दिन आने के कारण....
विशेषांक प्रस्तुत नहीं किया गया....
क्योंकि इनके द्वारा प्रस्तुत प्रत्येक अंक ही....
विशेष होता है....
आभार आदरणीय आंटी आप का....
सुन्दर प्रस्तुति करण ....
जवाब देंहटाएंउम्दा लिंकों का संकलन...
बहुत सुन्दर हलचल प्रस्तुति ...
जवाब देंहटाएंआदरणीय सभीजन -- सादर अभिवादन | अपनी रचना को एक बार फिर पांच लिंकों के संयोजन की हिस्सा बना देख मन अपार हर्षित है | मेरी ओर से हार्दिक आभार | बाकि सभी रचनाये पढ़ी बहुत उम्दा रचनाएँ है | मीना जी की - बाबुल मोरे '' ने पीहर की याद तजा करा दी तो परिवर्तन रचना जीवन दर्शन से भरपूर है | इन सबके साथ बाईसवी सड़ी की लड़की बड़ी कौतुहल भरी और रोचक है | '' हम ना करते तो '' के सभी मुक्तक लाजवाब है | सभी मित्र रचनाकारों को सस्नेह बधाई | आज का अंक 750वाँ अंक है -- बहुत शुभकामना इस विशेष अवसर पर |
जवाब देंहटाएंविविधापूर्ण बहुत सुंदर लिंकों संयोजन।आज 750वें अंक के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति। 750 की बधाई सभी पाठकों चर्चाकारों और लेखको को।
जवाब देंहटाएंसुंदर संकलन । मेरी रचना को पसंद करने व यहाँ स्थान देने हेतु सादर धन्यवाद विभाजी । 750 अंक की हार्दिक बधाई । सभी चयनित रचनाकारों को भी बधाई ।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद मैम..!
जवाब देंहटाएंइस स्नेह-सम्मान हेतु आभार..