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मंगलवार, 11 अप्रैल 2017

634...हनुमान जयंती की हार्दिक मंगलकामनाएं...

मान्यता है कि हनुमानजी अष्टचिरंजीवियो में से एक है। कलयुग में हनुमानजी ही एक मात्र ऐसे देवता हैं जो अपने भक्तो पर शीघ्र कृपा करके उनके कष्टों का निवारण करते हैं। कथा है कि महाभारत जैसे महासंग्राम में भी कृष्ण और अर्जुन ने जो कि स्वयं अवतार माने जाते हैं उन्होंने अपने रथ की ध्वजा पर हनुमानजी को स्थापित किया था, ताकि उनके ऊपर आने वाले हर संकट का हर उनके संकटों का मोचन करें।

साथ ही कलयुग के बारे में भी ऐसी मान्यता है कि कलियुग में श्री हनुमान जहां-जहां अपने श्रीराम का ध्यान और स्मरण होता देखते हैं, वहां अदृश्य रूप में उपस्थित रहते हैं। इस तरह हनुमान हर युग में अलग-अलग रुप और शक्तियों के साथ अपने सभी भक्तों को संकट से मुक्ति दिलाते हैं। इसीलिए इन्हें संकट मोचन भी कहा जाता है।


हनुमान जयंती की हार्दिक मंगलकामनाएं...

अब पेश है...आज के लिये मेरी पसंद...


हनुमान जयंती
चैत्रेमासि सिते मक्षे हरिदिन्यां मघाभिधे।
नक्षत्रे स समुत्पन्नो हनुमान रिपुसूदनः।।
महाचैत्री पूर्णिमायां समुत्पन्नोऽञ्जनीसुतः।
वदन्ति कल्पभेदेन बुधा इत्यादि केचन।।
अर्थात्-चैत्र शुक्ल एकादशी के दिन  मघा नक्षत्र में भक्त शिरोमणि, भगवान राम के अनन्य स्नेही शत्रुओं का विनाश करने वाले हनुमान जी का जन्म हुआ। कुछ विद्वान कल्पभेद से चैत्र की पूर्णिमा के दिन हनुमान जी का शुभ जन्म होना बताते हैं।



कड़वा सच ...-
एक टक हाथ देखने के बाद तुमने कहा 
राजा बनोगे या भिखारी
वजह पूछी
तो गहरी उदासी के साथ चुप हो गईं
और मैंने ...
मैंने देखा तुम्हारी आँखों में 
ओर जुट गया सपने बुनने

आराम करो , आराम करो : एक बिलकुल नया प्रयोग ---
मैं औरों को भी जिंदगी की , यही सीख सदा देता हूँ ,
एक दिन में बस एक काम करो, ये राज़ बता देता हूँ।
मैं बैरागी हूँ मुझको तो बस , आराम में राग फूटते हैं ,
उनको भी तो चैन कहाँ जो सोये बिना जाग उठते हैं।
इसीलिए मैं कहता हूँ तुम सुनो, मेरी तरह से काम करो ,
ये माया का बंधन छोडो , खाओ पीओ और आराम करो।

बेटे भी घर छोड़ के जाते हैं..
अपनी मन पसन्द ब्रान्डेड...जीन्स और टीशर्ट लटका...
अलमारी में कपड़े जूते...और गंध खाते पुराने मोजे...
हाथ नहीं लगाने देते थे... वो सबकुछ छोड़ जाते हैं...
बेटे भी घर छोड़ जाते हैं.!!

सेल्फी और कृष्ण कन्हैया की मुरली
पर आज...साहब आज के जमाने का क्या कहना, अभी परसों का किस्सा है, पड़ौस की छोरी राधा भरी दोपहर जलेबी घाट पर रमलू धोबी के छोरे सखिया के साथ पकड़ी गई। होहल्ला मचा, छोरी के बापू तक शिकायत पहुंच गई और छोरी से पूछा तो वो बोली -  बापू ये सारे मुझसे जलते हैंगे, मैं तो सखिया के पास सेल्फी खिंचाने आई थी। कसम से बापू उसने सेमसंग का मस्त सेल्फी वाला फोन खरीदा है, आ चल तेरी भी खिंचवा देती हूँ।
हम तो सन्न रह गए छोरी की हाजिर जवाबी और हिम्मत पर। हमने तो ना जाने सेल्फी खिंचवाने वाले पोज में पकड़े जाने पर कितना लठ्ठ परसाद खाया था और एक ये जमाना है। कसम ऊपर वाले तूने भी ताऊ से खूब दुश्मनी निकाली है जो 60 वर्ष पहले ही इस दुनिया मे टपका दिया। अरे ताऊ तेरी कौनसी भैस खोल लेता जो तू सेल्फी वाले जमाने मे ताऊ को इस दुनिया मे उतारता तो।

धन्यवाद...













8 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात
    आज हनुमान जयँती है। आप सभी को हनुमान जयँती की हार्दिक शुभकामनायें।
    बजरंग जिनका नाम है। सत्संग जिनका काम है। ऐसे हनुमंत लाल को मेरा बारम्बार प्रणाम है
    एक अच्छी प्रस्तुति
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. हनुमान जयँती की हार्दिक शुभकामनायें।
    सुंदर प्रस्तुतीकरण

    जवाब देंहटाएं
  3. सुप्रभात
    हनुमान जयंती की शुभकामनाये

    जवाब देंहटाएं
  4. हनुमान जयन्ती की शुभकामनाएं। सुन्दर प्रस्तुति कुलदीप जी।

    जवाब देंहटाएं
  5. हनुमान जयंती की हार्दिक बधाई ... सुन्दर लिंक्स ...
    आभार मेरी रचना को शामिल करने का ...

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति में मेरी पोस्ट शामिल करने हेतु धन्यवाद!
    हनुमान जयँती की हार्दिक शुभकामनाएं!

    जवाब देंहटाएं
  7. बढ़िया प्रस्तुति
    हनुमान जयन्ती की शुभकामनाएँ
    सादर

    जवाब देंहटाएं

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