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शुक्रवार, 3 मार्च 2017

595.....कभी एक रोमानी खबर क्यों नहीं तू लाता है

सादर अभिनादन
मौसम मे हलकी गरमी आ रही है
उत्तर भारत अपेक्षाकृत ठण्डा है
और दक्षिण भारत  गरम
एक भारत ही है जहाँ
छः ऋतुएँ होती है

आज की रचनाएँ सारी की सारी मुझे मेरे मेलबाक्स में ही मिल गई...

शुरुआत भारत दर्शन से..हमारा भारत- प्यारा भारत
पेड़ों के झुरमुट में छुपा जसवंत थड़ा
जसवंत थड़ा मेहरानगढ़ से 2 - 3 किमी दूर बाईं ओर एक बड़ी झील के किनारे है. मौसम अच्छा हो तो गढ़ से पैदल वर्ना ऑटो से जसवंत थड़ा पहुँचा जा सकता है. इस स्मारक की नींव 1900 में रखी गई और 1904 में रेजिडेंट गवर्नर ने थड़ा बनाने की मंज़ूरी दी थी. स्मारक सफ़ेद मकराना संगमरमर, लाल बालू पत्थर और गुलाबी रंग के पत्थर से मंदिर के रूप में बना हुआ है. आम तौर पर इसे जोधपुर का ताजमहल भी कहा जाता है

लागे न जिया
फागुन का महीना
आ जाओ पिया
गर रखते हो भावुक हृदय,
मत तोड़ना किसी हृदय की आशा,
समझो आँखों की विवश भाषा,
आशाओं में बसता इक जीवन,

चाँद के आँगन जा उतरी
एक याद मीठी सी
चाँदनी की डोर थामे
पीपल के पत्तो कुछ देर
थम गयी अलसायी सी
पिघलती नमी यादों 

बहुत देर हुई, 
होंठों पे नज़्म का ज़ायका महसूस किए 
ख़ामोशी कब्र सी ना जाने कब से बिखरी है.. 
रातें देर तक ऊँघती हैं, 
पड़ी रहती है छत पर सितारे ओढ़े 

गीतिका....कालीपद "प्रसाद"
कहीं धमकियां तो कहीं गालियाँ 
चरम पर चली बेरहम गोलियाँ | 

चुनावी लड़ाई की ये आँधियाँ 
मिटाती शराफत की पाबंदियाँ | 




बात पते की...डॉ. सुशील जोशी
ऊल जलूल 
कुछ भी 
नहीं कहा 
जाता है 
....
तब तू भी 
ऎसा कुछ 
कालजयी 
लिखने की 
कला सीखने 
के लिये 
किसी को 
अपना गुरू 
क्यों नहीं 
बनाता है 

आज बस इतना ही
आज्ञा दें यशोदा को
सादर








9 टिप्‍पणियां:

  1. 'जसवंत थड़ा' को शामिल करने के लिए धन्यवाद.

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुन्दर सूत्र ! मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से आभार यशोदा जी !

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुन्दर संकलन, मेरी रचना को शामिल करने के लिए हार्दिक धन्यवाद यशोदा बहन |

    जवाब देंहटाएं
  4. वाह आज तो इतनी सारी टिप्पणियाँ देख कर दिल खुश हो गया। बहुत सुन्दर प्रस्तुति । मेल में ही इतनी सारी रचनाएं इक्ट्ठा मिल गई गजब है। 'उलूक' प्रसन्न है औरा आभारी भी यशोदा जी का उसके सूत्र 'कभी एक रोमानी खबर क्यों नहीं तू लाता है' को जगह भी और शीर्षक पर स्थान भी देने के लिये।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. शुभ प्रभात भैय्या जी
      जिस ब्लॉाग में फॉलो का ऑप्शन नही रहता
      उसे मैं फॉलोड बाई ईमेल के द्वारा फॉलो कर लेती हूँ
      सादर

      हटाएं

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