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गुरुवार, 16 फ़रवरी 2017

580....हर कोई हर बात को हर जगह नहीं कहता है इसी दुनियाँ में बहुतों के साथ बहुत कुछ होता है

सादर अभिवादन
पाश्चात्य उत्सव बीत गया
खुमार बाकी है

वो भी चला जाएगा
चलिए आज की पसंदीदा रचनाओं की ओर...

हमारे समाज एक कहावत है "शादी वो लड्डू है जो नहीं खाता वो भी पछताता है जो खाता है वो भी पछताता है'" तो ख़ैर "अब पछताए होत क्या जब चिड़ियाँ चुग गई खेत" शादी करें तो इन बातों भी ख्याल रक्खें- जब तक शादी नहीं होती है आप किसी दोस्त के घर जाएँ तो अगर उसके घर में कोई जवान बहन इत्यादि है तो आपको अंदर आने को नहीं कहता डरकर वो बेचारा आपको बाहर से ही निपटा देता है


फगुआ पैठ गया मन में...........रश्मि शर्मा
फगुनौटी बौछारों में
पछुवा बनी सहेली जैसी
तन सिहरन पहेली जैसी 
और फगुवा पैठ गया ,
मन वीणा के तारों में ।।



ठिठकी भीड़
कुम्हार चाक देख
पुस्तक मेला
रो रहा प्रकाशक
स्व स्टॉल खाली पाया



मनुहार....आशा सक्सेना
करना है प्यार का इज़हार
मनाना है उसे दस बार
धीरे धीरे कर मनुहार
न कि कर  प्रतिकार |




सच्चा प्यार क्या होता है.....बबीता सिंह
सच्चा प्यार एक एहसास है | सच्चा प्यार कुदरत का दिया हुआ एक ऐसा नायाब तोहफा है जिसे शब्दों में बाधा नहीं जा सकता | सच्चा प्यार एक वरदान है जो जीवन में उमंग और उल्लास के हर रंग भर देता है | प्यार करने वाले अपने प्यार की आंखों में ही जिंदगी के सारे रंग देख लेते है | उसमें ही कायनात की सारी खूबसूरती तलाश लेते है |



चाय बना कर टेलीविजन ऑन किया, न्यूज का जो सीन मेरी आँखों के सामने था उसे देखकर हाथ में आ गयी मेज को अगर कस कर पकड ना लिया होता तो चक्कर खा कर गिर ही जाती। बीच बाजार में दो लोगों ने, पुलिस वालों की मौजूदगी में एक महिला का सरेआम कत्ल कर दिया था। न्यूज वाले बता रहे थे, उस पर अपने गर्भ में पल रही लडकी को मारने का इल्जाम था। और इसी कत्ल की उसे सजा दी गयी थी।

बस यहीं से 
अपेक्षाओं के महल 
का निर्माण करना 
शुरु हो जाते हैं 
पालतू बन कर 
कुत्ता जो पल 
रहा होता है 
उसे कुछ भी 
नहीं बताते है 
ऐसे में कैसे 
उससे वफादारी 
की उम्मीद पालने 
वाले लोग सोचते 
सोचते ही कर 
ले जाते है 










7 टिप्‍पणियां:

  1. मेरी रचना "सच्चा प्यार क्या होता है" को सम्मिलित करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद । हलचल में सम्मिलित आज की सभी रचनाओं को पढकर बहुत अच्छा लगा । इतनी अच्छी रचनाओं को शेयर करने के लिए एक बार फिर से धन्यवाद

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  2. ढ़ेरों आशीष व असीम शुभकामनाओं के संग शुभ दिवस छोटी बहना
    आभारी हूँ

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत खूब लिंक्स |
    मेरी रचना चामिल करने के लिए धन्यवाद यशोदा जी |

    जवाब देंहटाएं
  4. आज की सुन्दर प्रस्तुति में 'उलूक' की बड़बड़ को शीर्षक पर जगह देने के लिये आभार यशोदा जी ।

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुंदर हलचल। मेरी रचना शामि‍ल करने के लि‍ए आभार।

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  6. सुंदर प्रस्तुति बहुत आनंद आया आज की प्रत्येक रचना पढ़कर बहुत बहुत बहुत आभार

    जवाब देंहटाएं

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