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शुक्रवार, 2 दिसंबर 2016

504..कुछ व्यक्त करने के लिये कोई है जो चल रहा हो साथ में लेकर शब्दकोष शब्दों को गिनने के लिये

सादर अभिवादन..
सोलह की पूँछ ही बाकी है
निगल लिया सत्रह ने उसे
गिनता के ही दिन बचे हैं....

पसंदीदा रचनाओं की ओर चला जाए....

सराहनीय...
Lawyer से बनी Successful चायवाली : उपमा विरदी की उपलब्धि
लोगों को चाय इतना पसंद आ रहा है कि लोग इसे बनाने का तरीका भी सीख रहें है | इसके लिए उपमा अलग – अलग शहरों में जाकर ‘The Art of Making Chai’ वर्कशॉप यानि चाय बनाने की कला के बारे में class लेती है जिसमे उपमा विरदी लोगों को स्वादिष्ट मसाला चाय बनाना सिखाती है| चायवाली (Chaiwaali) के नाम से आज उपमा ने बिजनेस में जो मुकाम हासिल किया है उसके लिए बस यही कहना चाहूंगी


जब से मिले तुम मुझको 
मेरे ख्याल बदल गए 
जीने से बेजार था दिल 
तुम बहार बन के आ गए 

कभी कभी अपने से बडों की, अपने मार्गदर्शकों (Trainer) की बातें हमें भी अजीब लगती होंगी. ध्यान रहे, कहीं झल्लाहट मैं शागिर्द वाली गलती हमसे भी न हो जाये. यदि ऐसा हुआ तो वो हमारे सीखने की सीमा होगी, उसके आगे हम कुछ नहीं सीख पाएंगे. याद रखिये की सीखने की कोई सीमा नहीं है.



तुम हो...अर्चना तिवारी
तुम रंग नहीं
जिसे सिर्फ़ तीन रंगों में रंगा जाय
और तुम कोई आदेश भी नहीं
जिसे थोपा जाय
तुम असीमित हो, तुम अपरिभाषित हो
तुम अकथनीय हो, तुम बेरंग हो
तुम देश हो
कोई सामान नहीं हो...

मुल्क भी हैरान है ऐसा मदारी देखकर.....अतुल कन्नौजवी
जिनके चेहरे साफ दिखते हैं मगर दामन नहीं
शक उन्हें भी है तेरी ईमानदारी देखकर,

उम्रभर जो भी कमाया मिल गया सब खाक में
चढ गया फांसी के फंदे पर उधारी देखकर,


उलटफेर भरी दुनिया......कश्मीर ठाकुर
सारी की सारी दुनिया
जीना चाहता हूँ
मगर
मरना आता नहीं!



ओ कचनार.....रश्मि शर्मा
चेहरा मेरा था...
नि‍गाहें उसकी...
वो देखता जाता...
लगातार नहीं टि‍कती थी
उसकी नि‍गाहें...
कभी आकाश तकता तो कभी रास्‍ता।
मगर मुड़कर नि‍गाहें अटकती मेरे ही चेहरे पर।


अंत में शीर्षक कथा..

शब्दों के बीच में 
गिरते लुड़कते शब्दों
को जोड़ते तोड़ते
मरोड़ते शब्द
कोशिश में
समझाने की
बताने की
कुछ व्यक्त
कुछ अव्यक्त
व्यर्थ में
असमर्थ
समर्थ शब्द ।
........

आज्ञा दीजिए दिग्विजय को
फिर मिलेंगे जब भी आदेश मिलेगा











10 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर हलचल । आभार दिग्विजय जी 'उलूक' के सूत्र 'क्या कुछ कौन से शब्द चाहिये कुछ या बहुत कुछ व्यक्त करने के लिये कोई है जो चल रहा हो साथ में लेकर शब्दकोष शब्दों को गिनने के लिये' को स्थान देने के लिये।

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  2. बहुत बढ़िया हलचल प्रस्तुति में मेरी पोस्ट शामिल करने हेतु आभार!

    जवाब देंहटाएं
  3. शुभ दोपहर....
    अपने व्यस्तता से...
    प्रस्तुति के लिये भी समय निकाल सके....
    वो भी आज कल....
    सुंदर प्रस्तुति...
    आभार।

    जवाब देंहटाएं
  4. शानदार हलचल.;मेरी रचना शामि‍ल करने का शुक्रि‍या..

    जवाब देंहटाएं
  5. धन्यवाद सर जी ,मेरा आर्टिकल शामिल करने के लिए | सर आपका ब्लॉग बहुत अच्छा है | मैं पहली बार विजिट कर रहा हूँ आपके ब्लॉग की | बहुत कुछ सिखने जैसा है सर आपके ब्लॉग से |
    Keep visiting on https://hindinx.blogspot.in/

    जवाब देंहटाएं

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