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शनिवार, 5 नवंबर 2016

477 .... खरना



सभी को यथायोग्य
प्रणामाशीष

आज बहुत लोग व्यस्त होंगे छठ आयोजन में .... बिहार से निकल कर ये पर्व अब अपना स्थान पूरे देश में बना लिया है .... पूरा वातावरण शुद्ध लगता है .... आज खरना है .... छठ पर्व का दूसरा दिन .... सभी व्रती को मेरा सादर नमन .... बहुत कठिन व्रत है .... श्रद्धा और विश्वास से ही पार लगता है ...





समाजिक संगठित जताता पर्व ..... हिन्दू संग मुस्लिम समुदाय को हाथ जोड़ते देखी हूँ




अपना घर होता
तो दरवाजे तक पहुँचा जाता कोई सूप
गेहूँ पिसवा कर ला देता
मोहल्ले का कोई लड़का
मिल-बैठ कर औरतें
मन भर गातीं गीत




यह प्रकृति की पूजा है|
इसमें नदी, चन्द्रमा और सूर्य- तीनों की पूजा होती है|
 छठ पूजा का सबसे महत्वपूर्ण पक्ष 
इसकी सादगी पवित्रता और लोकपक्ष है।




छठ-पूजा वाले दिनों में घाटों की रौनक देखते ही बनती थी .. 
नाक से लेकर पूरी चौड़ी भरी मांग और सोने के आभूषण से सजी सुहागिन महिलाएं 
नदी या नहर के पानी में कमर तक डूबी फलों और घर की बनी 
मिठाइयों से भरा सूप लेकर डूबते और उगते सूर्य को पूजती थी।




हरेक घर के बच्चे की कनपटी छठ पूजा के दौरान एक बार जरुर गरम कर दी जाती कि उसने फलां पूजा की सामग्री छुन्नी( पुरुष लिंग का छुटपन के दौरान का नाम) मसलने के बाद छू दी। आज उस घाट पर आकर सब पवित्र हो जाता,अब कोई इस पर पीतल की परात रख दे,छठ का दौरा या फिर नारियल,फल लगे सूप,सब शुद्ध। छठी मईया और सूरज की महिमा का बखान के साथ छठ पूजा में उस बल्ली गोप की महिमा का गुणगान रत्तीभर भी कम न होता जिस पर सालोंभर तक छिनतई, किडनेपिंग, गुंडागर्दी और यहां तक की मर्डर के आरोप लगते रहते।




छठ पूजा दो बार मनाई जाती हैं :
चैती छठ पूजा
कार्तिक छठ पूजा



फिर मिलेंगे .... तब तक के लिए 

आखरी सलाम


विभा रानी श्रीवास्तव




9 टिप्‍पणियां:

  1. एक ही विषय पर कई सूत्र ढूँढ कर लाई हैं विभा जी नये अन्दाज की एक सुन्दर हलचल प्रस्तुति ।

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  2. छठ पर्व संबंधी सामयिक लिंक प्रस्तुति हेतु धन्यवाद!

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  3. मैं ही रह गई
    उपवास तो नहीं हूँ
    पर उपवास करने वाली बहनों
    की सहायता कर रही थी
    सारी रचनाओं पर गई
    अभी दो दिन में प्रकाशित सभी
    रचनाओं के लिंक सहेज कर
    रखूँगी..अगले वर्ष के लिए
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत अच्छे सूत्र छठ पूजा पर, मनभावन, आभार।

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  5. बहुत अच्छे सूत्र छठ पूजा पर, मनभावन, आभार।

    जवाब देंहटाएं
  6. छठ पूजा..... सामयिक,सुन्दर प्रस्तुति ....धन्यवाद ।

    जवाब देंहटाएं

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