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रविवार, 25 सितंबर 2016
436.....लोग सब जुट जाऐंगे
9 टिप्पणियां:
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आप की चुनने की आदत बहुत सशक्त है |बहुत सुन्दर पसंद आपकी :
जवाब देंहटाएंमेरी रचना शामिल करने के लिए बहुत बहुत आभार |
सुन्दर रविवारीय अंक हलचल का । आभार विरम जी 'उलूक' के सूत्र 'तू भी कुछ फोड़ना सीख ‘उलूक’ ....' को जगह देने के लिये ।
जवाब देंहटाएं"पाँच लिंकों का आनन्द" में मेरी रचना शामिल करने के लिए हार्दिक आभार!! संकलन में शामिल अन्य रचनाएँ बेहद पसन्द आईं ।
जवाब देंहटाएंहम लोग बचपन में गिट्टी फोड़ खेलते थे, हमारे नेता किस्मत फोड़ खेलते हैं और हमारा उलूक विचार फोड़ खेलता है.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया हलचल प्रस्तुति हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंसबने लिखा
जवाब देंहटाएंमैने पढ़ा
चयन के मामले में
मंजते जा रहे हैं विरम जी
जितना पढ़ेंगे..उतना ही अछा लिखेंगे भी
सादर
पढ़ता हूँ सभी।
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