. बचने का कोई रास्ता न खुला हो तो मनुष्य डटकर संघर्ष करता है और उसके संकल्प में अटूट दृढ़ता आ जाती है । वह घोर कठिनाई व असह्य कष्ट को भी सहन करता है।
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
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रविवार, 28 अगस्त 2016
408......जिन्दगी कुछ ना कहा तूने
6 टिप्पणियां:
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वाह..
जवाब देंहटाएंशानदार प्रस्तुति
सादर
सुन्दर प्रस्तुति विरम जी ।
जवाब देंहटाएंशानदार प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुन्दर हलचल प्रस्तुति हेतु ..
जवाब देंहटाएंबढ़िया हलचल. मेरी रचना शामिल की. शुक्रिया.
जवाब देंहटाएंबहुत रोचक और शानदार हलचल...आभार
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