दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
---
रविवार, 21 अगस्त 2016
401......जलाई जा रही हूँ हर रोज, बदज़ुबानी की आग से
7 टिप्पणियां:
आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें
आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।
टिप्पणीकारों से निवेदन
1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।
वाह...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
आभार
सादर
उम्दा प्रस्तुतिकरण
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर हलचल प्रस्तुति विरम जी । 'उलूक' आभारी है उसके सूत्र 'अच्छे लोग और उनके उनके लिये मिमियाते बकरे' को आज की हलचल में जगह देने के लिये ।
जवाब देंहटाएंउम्दा लिंक्स|आपकी choice बहुत अच्छी है |
जवाब देंहटाएंसारी रचनाएं आज के सामाजिक जीवन पर किसी न किसी रुप मेंकटाक्ष कर रही हैं ..बेहतरीन सृजन
जवाब देंहटाएंसारी रचनाएं आज के सामाजिक जीवन पर किसी न किसी रुप मेंकटाक्ष कर रही हैं ..बेहतरीन सृजन
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर हलचल प्रस्तुति..
जवाब देंहटाएं