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गुरुवार, 19 मई 2016

307.....खुदा वाली चिठ्ठी..!!

सादर अभिनन्दन
आज फिर मैं यशोदा....
सुबह-सुबह उठ जाती हूँ
पढ़ने बैठ जाती हूँ
जो मन में भाया
उस पन्नें में
एक चिप्पी लगा देती हूँ
वही चिप्पियों वाले पन्ने
आपके सामने रख रही हूँ....


बोतल में बंद हवा
हवा पर हवा का 'अधिकार' नहीं रहा। हवा अब इंसान के 'नियंत्रण' में आ गई है। इंसान ने हवा की 'आत्मा' को बोतल में कैद कर बेचना शुरू कर दिया है। जी हां, अब हवा भी बाजार में बिकने को तैयार है। जिस प्रकार सील्ड बोतल में पानी भरकर बेचा जाता है। ठीक उसी तरह अब हवा को भी बोतल में बंदकर बेचा जाएगा।


जब मैं तुम्हारी घुप्प चुप्पी से
परिशां होकर चुप हो जाता हूँ
तब मेरी चुप्पी चुपचाप आकर
मुझे यूँ चुपचाप रहने से रोक
ये समझा कर सिहर जाती है

ईश्वर के द्वारा रचे गए इस संसार में सबसे अद्भुत प्राणी सिर्फ मनुष्य ही है. मनुष्य को ही ईश्वर ने ज्ञान और बुध्दि से नवाज़ा है ,ताकि वो अन्य सभी प्राणियों में श्रेष्ठ रहे . मनुष्य जैसे जैसे बढता गया वैसे वैसे उसके जीवन में आमूल परिवर्तन आये है . और इन्ही परिवर्तनों ने उसके जीवन को और बेहतर बनाया और इस बेहतरी ने उसे अपने जीवन में अचार ,विचार, व्यवहार और संस्कारों से भरने का अवसर भी दिया . इन्ही सब बातो की वजह से उसने अपने जीवन में शिष्टाचार को भी स्थान दिया 

जब कभी बारिश होती है
जब कभी रुपहले बादल नीचे उतरते हैं 
जब कभी चाँदनी धरती पर उतरती है 
उस उम्रदराज़ औरत के भीतर से 
एक छुईमुई लड़की निकलती है 

आज की अभी-अभी पढ़ी रचना....
खुदा वाली चिठ्ठी..!!
आज सुबह मैंने आँखें खोली तो मेरे सिहराने एक चिठ्ठी रखी हुई थी, मैंने अधखुली आँखों से उसे पढ़ा और पढ़ने के बाद बेशक पूरी नींद खुल गई हैं जो कुछ यूँ थी- प्यारी बिटिया तुम्हें भला कुछ भी लिखने की कहाँ जरुरत हैं तुम खुद बहुत समझदार हो पर बीते वक़्त में तुम जैसे जी रही हो, जो सोच रही हो वो सब देखा तो मुझे तुम्हें लिखना जरुरी लगा, तुम एक मंजिल पर ठहर क्यों रही हो? 

आज्ञा दीजिए यशोदा को...
फिर मिलते हैं...
सादर





11 टिप्‍पणियां:

  1. आदरणीय गुरुजनों और मित्रो ;
    नमस्कार ;
    मैं आपके पढने के लिए अपना आलेख “ शिष्टाचार “ भेज रहा हूँ .
    हमारे जीवन में शिष्टाचार का अत्याधिक महत्व है . शिष्टाचार की वजह से हमें सभ्य समाज का एक हिस्सा समझा जाता है . मैंने इसी विषय को केंद्र बनाकर एक आलेख लिखा है. मुझे उम्मीद है कि मेरी ये छोटी सी कोशिश आप सभी को जरुर पसंद आएँगी.
    आलेख का लिंक है : http://storiesbyvijay.blogspot.in/2016/05/blog-post_18.html
    दोस्तों ; ये आलेख कैसा बन पढ़ा है, पढ़कर बताईये, कृपया अपने भावपूर्ण कमेंट से इस आलेख के बारे में लिखिए और मेरा हौसला बढाए । कृपया अपनी बहुमूल्य राय दिजियेंगा. आपकी राय मुझे हमेशा कुछ नया लिखने की प्रेरणा देती है और आपकी राय निश्चिंत ही मेरे लिए अमूल्य निधि है.
    आपके कमेंट्स का इन्तजार रहेंगा
    आपका बहुत आभार और धन्यवाद.
    आपका अपना
    विजय कुमार
    Email : vksappatti@gmail.com

    जवाब देंहटाएं
  2. मेरे आलेख को शामिल करने के लिए आपका दिल से शुक्रिया.
    प्रणाम
    विजय

    जवाब देंहटाएं
  3. हमेशा की तरह एक बढ़िया प्रस्तुति यशोदा जी ।

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति हेतु आभार!

    जवाब देंहटाएं
  5. मुझे जगह देने के लिए ढेर सारा आभार दी..😊😘
    सादर!!

    जवाब देंहटाएं
  6. हकीकत से रूबरू MJ Raju की कलम से
    ...............
    1 हल्की हल्की बारिश हो रही है गरीब किसान अपने खैत में पैड़ के नीचे बैठा है हाथ में कुदाल है रोटीयां कपड़े में लिपटी है लहलहाती फसल को यकटक देख रहा है बहूत खुश है .फसल अच्छी जो थी .

    2 रेडियो पर खबर चल रही है हर जगह एक ही नारा है कांग्रेस मुक्त भारत होगा.मोदी जी की लहर चल गई .हर जगर शौर है पटाखे जलाऐ जा रहे हैं मिठाईयां बांटी जा रही है

    1 किसान सोच रहा था की इस साल अगर फसल अच्छी हुई तो बेटियों की शादी करूंगा बेटे को पढाउंगा सारा कर्ज चुका दुंगा गरीबी खतम होगी और हमारे भी अच्छे दिन आऐंगे

    2 भाषणों का दौर शुरू हो चुका है किसी खैमे में खुशी है तो कहीं सन्नाटा पसरा है आरोप लगाऐ जा रहै हैं मंथन शुरू हो चुका है

    1 बादलो की गड़गड़ाहट के बीच किसान का कलेजा हिल जाता है अगर हल्की सी ज्यादा बारिश हुई या तेज हवा चली तो सारे सपने टूट जाऐंगे फिर पिछली बार की तरह कौई खबर नहीं लेगा कर्जा भी तो जीने नहीं देगा...

    2 अगले चुनाव के लिऐ रणनीतियां बनाई जा रही है बधाईयां दी जा रही है शपथ की तैयारी हो रही है मंच सजाऐ जा चुके हैं..

    1 अचानक हल्का सा तुफान आता है और किसान की सारी फसल बरबाद किसान की आंखों मे आंसू हैं की अब कर्ज कैसे चुकाउंगा भारी मन से इसी पैड़ पर गले मे मफलर डाल लटक जाता है

    2 शपथ के बाद नेता जी का पहला भाषण शुरू हो चुका है ...
    में शपथ लेता हूं की में गरीबो के हक के लिऐ लड़ूंगा जो साठ सालों मे नहीं हुआ वो हम करेंगे हम कांग्रेस मुक्त भारत का सपना साकार करेंगे हम रोजगार देंगे. किसानों का कर्ज माफ करने के बारे मे विचार करेंगे "अच्छे दिन आऐंगे "
    ..
    काश, कांग्रेस मुक्त भारत की जगह गरीबी मुक्त भारत का नारा होता ...
    ----------------------------------------------------------------------
    कुछ समझ में आया तो शेयर कीजिऐगा ....

    जवाब देंहटाएं
  7. हकीकत से रूबरू MJ Raju की कलम से
    ...............
    1 हल्की हल्की बारिश हो रही है गरीब किसान अपने खैत में पैड़ के नीचे बैठा है हाथ में कुदाल है रोटीयां कपड़े में लिपटी है लहलहाती फसल को यकटक देख रहा है बहूत खुश है .फसल अच्छी जो थी .

    2 रेडियो पर खबर चल रही है हर जगह एक ही नारा है कांग्रेस मुक्त भारत होगा.मोदी जी की लहर चल गई .हर जगर शौर है पटाखे जलाऐ जा रहे हैं मिठाईयां बांटी जा रही है

    1 किसान सोच रहा था की इस साल अगर फसल अच्छी हुई तो बेटियों की शादी करूंगा बेटे को पढाउंगा सारा कर्ज चुका दुंगा गरीबी खतम होगी और हमारे भी अच्छे दिन आऐंगे

    2 भाषणों का दौर शुरू हो चुका है किसी खैमे में खुशी है तो कहीं सन्नाटा पसरा है आरोप लगाऐ जा रहै हैं मंथन शुरू हो चुका है

    1 बादलो की गड़गड़ाहट के बीच किसान का कलेजा हिल जाता है अगर हल्की सी ज्यादा बारिश हुई या तेज हवा चली तो सारे सपने टूट जाऐंगे फिर पिछली बार की तरह कौई खबर नहीं लेगा कर्जा भी तो जीने नहीं देगा...

    2 अगले चुनाव के लिऐ रणनीतियां बनाई जा रही है बधाईयां दी जा रही है शपथ की तैयारी हो रही है मंच सजाऐ जा चुके हैं..

    1 अचानक हल्का सा तुफान आता है और किसान की सारी फसल बरबाद किसान की आंखों मे आंसू हैं की अब कर्ज कैसे चुकाउंगा भारी मन से इसी पैड़ पर गले मे मफलर डाल लटक जाता है

    2 शपथ के बाद नेता जी का पहला भाषण शुरू हो चुका है ...
    में शपथ लेता हूं की में गरीबो के हक के लिऐ लड़ूंगा जो साठ सालों मे नहीं हुआ वो हम करेंगे हम कांग्रेस मुक्त भारत का सपना साकार करेंगे हम रोजगार देंगे. किसानों का कर्ज माफ करने के बारे मे विचार करेंगे "अच्छे दिन आऐंगे "
    ..
    काश, कांग्रेस मुक्त भारत की जगह गरीबी मुक्त भारत का नारा होता ...
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  8. हकीकत से रूबरू MJ Raju की कलम से
    ...............
    1 हल्की हल्की बारिश हो रही है गरीब किसान अपने खैत में पैड़ के नीचे बैठा है हाथ में कुदाल है रोटीयां कपड़े में लिपटी है लहलहाती फसल को यकटक देख रहा है बहूत खुश है .फसल अच्छी जो थी .

    2 रेडियो पर खबर चल रही है हर जगह एक ही नारा है कांग्रेस मुक्त भारत होगा.मोदी जी की लहर चल गई .हर जगर शौर है पटाखे जलाऐ जा रहे हैं मिठाईयां बांटी जा रही है

    1 किसान सोच रहा था की इस साल अगर फसल अच्छी हुई तो बेटियों की शादी करूंगा बेटे को पढाउंगा सारा कर्ज चुका दुंगा गरीबी खतम होगी और हमारे भी अच्छे दिन आऐंगे

    2 भाषणों का दौर शुरू हो चुका है किसी खैमे में खुशी है तो कहीं सन्नाटा पसरा है आरोप लगाऐ जा रहै हैं मंथन शुरू हो चुका है

    1 बादलो की गड़गड़ाहट के बीच किसान का कलेजा हिल जाता है अगर हल्की सी ज्यादा बारिश हुई या तेज हवा चली तो सारे सपने टूट जाऐंगे फिर पिछली बार की तरह कौई खबर नहीं लेगा कर्जा भी तो जीने नहीं देगा...

    2 अगले चुनाव के लिऐ रणनीतियां बनाई जा रही है बधाईयां दी जा रही है शपथ की तैयारी हो रही है मंच सजाऐ जा चुके हैं..

    1 अचानक हल्का सा तुफान आता है और किसान की सारी फसल बरबाद किसान की आंखों मे आंसू हैं की अब कर्ज कैसे चुकाउंगा भारी मन से इसी पैड़ पर गले मे मफलर डाल लटक जाता है

    2 शपथ के बाद नेता जी का पहला भाषण शुरू हो चुका है ...
    में शपथ लेता हूं की में गरीबो के हक के लिऐ लड़ूंगा जो साठ सालों मे नहीं हुआ वो हम करेंगे हम कांग्रेस मुक्त भारत का सपना साकार करेंगे हम रोजगार देंगे. किसानों का कर्ज माफ करने के बारे मे विचार करेंगे "अच्छे दिन आऐंगे "
    ..
    काश, कांग्रेस मुक्त भारत की जगह गरीबी मुक्त भारत का नारा होता ...
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