199 वें प्रस्तुति की दोपहर तक
इस ब्लॉग की स्थिति सम्पूर्ण विश्व में इस प्रकार थी
:: प्रस्तुत है एक झलक ::
आँकड़े व दर्शक
Windows : 16283 (50%)
Linux : 6280 (19%)
Android : 4947 (15%)
Macintosh : 3977 (12%)
iPhone : 246 (<1%)
Unix : 236 (<1%)
iPad : 123 (<1%)
Nokia : 106 (<1%)
Other Unix : 103 (<1%)
windows : 6 (<1%)
(इस प्रकार के आँकड़े आप अपने ब्लॉग की भी देख सकते हैँ)
आज 200 वीं प्रस्तुति आपके समक्ष है
हम सभी प्रस्तुतिकर्ता अत्यन्त आनन्दित हैंं...
आपके सानिध्य व सहयोग के बिना ये सम्भव नही होता
आज हमारे समाज में काफी से ज्यादा अधिक समस्याएं व्याप्त हैं...
जो हमारे देश की प्रगति में सब से बड़ी बाधाएं हैं...
पांच लिंकों का आनंद का प्रयास रहता है कि
इन सामाजिक बुराइयों को लक्ष्य कर
लिखी जा रही रचनाओं को प्राथमिकता के आधार पर
अपनी प्रस्तुतियों में स्थान दिया जाए।
आज आनंद की 200 वीं प्रस्तुति हैं...
आज प्रस्तुत है समाज के इन समस्याओं की एक झलक...
बाल विवाह प्रकरण
रचनाकार में.....राजू सुथार 'स्वतंत्र'
होरी का भी बाल विवाह कर दिया जाता है तब वह मात्र 15 सालों की होती है और उसका पति शम्भू नामक जो की विकलांग , एकदम अशिक्षित एवं भोला होता है लेकिन होरी के ससुराल में सास - ससुर , जेठ - जेठानी सब चतुर होते है । होरी की शादी के बाद बिसू और त्रिशला एकदम अकेले पड़ जाते हैं , भगवान ने उनकी गोद में कोई पुत्र नहीं दिया था ।
तेज़ाब प्रकरण
भारतीय नारी में...इंजी. प्रदीप साहनी
बदन की मेरी चाह थी तुम्हे,
उसे ही तूने जला दिया,
आग जो उस तेजाब में ही था,
तूने मुझपर लगा दिया ।
राजनीति प्रकरण
मेरे गीत में..सतीश सक्सेना
ये नेता रहे तो , वतन बेंच देंगे !
ये पुरखों के सारे जतन बेंच देंगे
कलम के सिपाही अगर सो गए
हमारे मसीहा , अमन बेंच देंगे !
शोषण प्रकरण
उलूक टाईम्स में ...सुशील जोशी
उत्तराखण्ड में से
सबसे ज्यादा
उसी राज्य के
चूसकों के द्वारा
चूसे गये राज्य
का कथित निवासी
कहलाते हैं
कथित कहा
क्योंकि डर लगा
कोई भी
पूछ सकता है यहाँ
परिवार विवाद प्रकरण
लम्हों का सफर में..डॉ. जेन्नी शबनम
थोप देते हो
अपनी हर वो बात
जो तुम चाहते हो कि मानी जाए
बिना न नुकुर
बिना कोई बहस
और यह भी चाहते हो कि सभी मान लें
आधुनिकी दिखावा प्रकरण
गीत.......मेरी अनुभूतियाँ में...संगीता स्वरुप
भूल चुके हैं हम
नीतिपरक कथ्यों को
जो मन के द्वार खोलता है
आज बस सबके सिर
पैसा चढ कर बोलता है
प्यार में..रेवा टिबरेवाल
बेटी हूँ बहू हूँ
बीबी हूँ, माँ हूँ
पर सबसे पहले
हाड़ मांस की इन्सां हूँ
जख्म जो फूलों ने दिए में...वन्दना गुप्ता
ये एक आत्मघाती हमला है
बचाव का कोई साधन नहीं
फिर भी
जाने क्यों ढोई जाती हैं चिता तक
अनाचार प्रकरण
सहमी सी हैं तितलियां सभी
खौफ में हर परिन्दा है
नकाब इन्सां का चेहरे पे
यहां हर शख्स दरिन्दा है
कलम से में...विजयलक्ष्मी
इक मजाक इक कटाक्ष उम्र भर चला किया ,
चीरहरण सहना पड़ा नामुरादों के दरमिया !!
औरत की औकात ही कितनी है समाज में,
जननी का हक ही क्या है पुरुषो के दरमियाँ !!
बिन गुनाह भी सहती सजा गुनाहगार बन ,
मुश्किल मिलना न्याय दुनिया के दरमियाँ !!
देखती रही हश्र जब समाज में देह मिसाल का ,
देती बेमिसाल पाप-पुण्य दुनिया के दरमियाँ !! "
बाल श्रम प्रकरण
उच्चारण में...डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक"
पद मिल गया तो देश की चिन्ता नहीं रही
कुर्सी की टाँग से बँधा अब तो विलास है
सागर में रह के मीन को मिनरल की चाह है
बुझती नहीं है आज मगर की पिपास है
रोजी के लिए नौनिहाल माँजता बरतन
हाथों में उसके आज भी झूठा गिलास है
नशा प्रकरण
हिंदी विभाग हमीदिया महाविद्यालय..... भोपाल
मुंशी प्रेमचंद की एक कहानी का अंश
‘ठगिनी क्यों नैना झमकावे! ठगिनी।
पियक्कड़ों की आँखें इनकी ओर लगी हुई थीं और यह दोनों अपने दिल में मस्त गाये जाते थे। फिर दोनों नाचने लगे। उछले भी, कूदे भी। गिरे भी, मटके भी। भाव भी बताये, अभिनय भी किये। और आखिर नशे में मदमस्त होकर वहीं गिर पड़े।
दहेज प्रकरण
भूली-बिसरी यादें में...राजेंद्र कुमार
कब तक सहती ये अत्याचार
खुनी दांतों के बीच बेचारी
दरिंदो ने कर दिया प्राणों का अंत
दहेज की बलिवेदी पर
एक अबला का हुआ अंत
कुपोषण व भुखमरी - आज़ादी के 65 साल बाद...
यूनीसेफ द्वारा जारी एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार पूरे विश्व में हर साल बाईस लाख बच्चे निमोनिया और हैजे की चपेट में आकर अपनी जान गँवा बैठते हैं। इनमें से छह लाख बच्चे अकेले भारत में दम तोड़ देते हैं। एक और रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर रोज तकरीबन नौ हजार बच्चे भूख और कुपोषण के कारण अपनी जान गँवा बैठते हैं,
प्रस्तुति तनिक से अधिक लम्बाई ले बैठी
कोशिश रहेगी कि
तीन सौवीं प्रस्तुति
अतिथि चर्चाकार बनाए
आज्ञा दें कुलदीप को
शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंप्रसन्न हुई
आनन्दित भी हूँ
आज देखते ही देखते
200 दिन का हो गया ये ब्लॉग
सादर
शुभप्रभात...
हटाएंऊपरोक्त आंकड़े साक्षी है...
आज आनंद का प्रत्येक अंक....
विश्व के हर कौने में...
भिन-भिन माधयमों से पढ़ा जा रहा है...
हम प्रयास करेंगे
कि आनंद के इस सफर को और आनंद दायक बनाए।...
आभार आप सब का...
हमारे साथ यहां तक चलने के लिये...
उमीद है...
आगे भी साथ देंगे...
पुनः आभार।
रचना को सम्मान देने के लिए आभार आपका, मंगलकामनाएं !!
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंशुभकामनाये
200वी प्रस्तुती अति सुंदर
सामाजिक विषय की सटिक लिंक का चयन ।
सादर
200 वीं पोस्ट की बधाई । इस विशेष पोस्ट में मेरे ब्लॉग को शामिल करने के लिए आभार । आंकड़ों के साथ प्रस्तुतीकरण सराहनीय है ।
जवाब देंहटाएं200 वीं पोस्ट की बधाई । इस विशेष पोस्ट में मेरे ब्लॉग को शामिल करने के लिए आभार । आंकड़ों के साथ प्रस्तुतीकरण सराहनीय है ।
जवाब देंहटाएंदिन पर दिन निखरती हलचल । 200वें अंक के लिये बधाई और शुभकामनाऐं । आभार 'उलूक' का उसके एक सूत्र को भी जगह देने के लिये ।
जवाब देंहटाएंबढ़िया हलचल प्रस्तुति ...
जवाब देंहटाएंआभार!
200 वीं पोस्ट की बधाई । इस विशेष पोस्ट में मेरे ब्लॉग को शामिल करने के लिए आभार ।
जवाब देंहटाएं200 वीं पोस्ट की बधाई........बढ़िया लिंक संयोजन ... हार्दिक आभार
जवाब देंहटाएं