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गुरुवार, 31 दिसंबर 2015

166....वर्षान्त अंक


आज वर्ष का अंतिम दिन है और गुरुवार भी है
भाई संजय जी की प्रस्तुति आज ही आनी है

मुझे आज कुछ अलग सा करने का मन लगा
सो आज दो अंक एक घण्टे के अंतराल में 

क्यों आज पाँच लिंकों का आनन्द ब्लॉग के चर्चा कारों 
के अलावा अन्य चर्चा कारों की रचनायें भी पढ़वाई जाये 
तो आज पेश है चर्चाकारों के कलम से निकली 
कुछ बेहतरीन रचनायें....

नए वर्ष में शपथ, मरे नहीं मित्र दामिनी-
ताड़ो नीयत दुष्ट की,  पहचानो पशु-व्याल |
मित्र-सेक्स विपरीत गर, रखो अपेक्षित ख्याल |


बीत गया जो साल, भूल जाएं उसे
इस नये साल के गले लगाएँ
करते हैं दुआ रब से
सर झुकाए
इस साल के सपने पूरे हों आपके


आँख शरारत करती है 
और सज़ा दिल पाता है 
देता मक़सद जीने का 
पर पागल कहलाता है 
पागल की सुन यार मेरे, यही तो मीत है


भू-नभ में फहराए पताका,
गर्वित गाथाएँ चर्चित हों।
दूर सभी हों भव-भय-बाधा,
खिलता सुमन सदा हर्षित हों।
राष्ट्रयज्ञ में अर्पित होकर,
करना माता का वन्दन!
नये वर्ष का अभिनन्दन!


सब में हो देश-भक्ति,
दे भवानी मां  सब को शक्ति,
लोकतंत्र हो, सुशासन हो,
आने वाले नव वर्ष में....


प्यासी जल में सीपी
भूल जाओ पुरानी बातें ....... 
माफ़ कर दो सबको ..... 
माफ़ करने वाला महान होता है ...... 
सबके झुके सर देखो ..... 


वह सह रही है असहनीय
पीड़ा कुछ
दरिंदो की दरिंदगी का
भीड़ में खड़े है
लाखो लोग पर मदद का हाथ
कोई नहीं बढाता


प्रेम के रिश्‍ते 
निभते जाते हैं 
इन्‍हें निभाना नहीं पड़ता 
कोई रहस्‍य 
कोई पर्दा 
नहीं ढक पाता है 
इसके होने के 
वज़ूद को !


मेरे पसंदीदा अश्आर में, शिवम् मिश्रा
माँ का चश्मा
टूट गया है
बनकर शीशा
इसे बनाओ

चुप-चुप हैं आँगन में बच्चे
बनकर गेंद
इन्हें बहलाओ



स्त्री नारी होती नहीं 
बनाई जाती है. 

हम सबको 
अब यह संकल्प लेना होगा 
कि अब और नहीं..
कतई नहीं, 
अब किसी इन्द्र के 
पाप का दण्ड 
अब किसी भी 
अहिल्या को 
नहीं भुगतना पड़ेगा 

हम पाँच लिंकों के आनन्द की ओर से
सभी चर्चाकारों का सम्मान करते हुए
उन्हें नववर्ष की शुभकामनाएं प्रेषित करते हैं
आज के इस अंक का सुझाव 
आदरणीय भाई संजय भास्कर ने दिया
और रचना संकलन में भाई कुलदीप सिंह ठाकुर ने
अपना सहयोग दिया
आभार...
अलविदा 2015











10 टिप्‍पणियां:

  1. बढ़िया अंक । समस्त ब्लाग परिवार को नव वर्ष 2016 की ढेरों शुभकामनाऐं ।

    जवाब देंहटाएं
  2. आभार आपका | नव वर्ष की ढेरों शुभकामनाऐं ।

    जवाब देंहटाएं
  3. आज हम सब...
    2015 को सहहर्ष अलविदा कह देंगे...
    प्रवेश कर जाएंगे ेएक और नव वर्ष में...
    हर बार यहीं करते करते

    हम 2016 में प्रवेश करेंगे...
    वर्ष के अंत में बिना भेदभाव के...
    सभी चर्चाकारों को संमानित करना...
    एक अच्छी सोच का परिणाम ही है...
    आभार दीदी आपका...

    जवाब देंहटाएं
  4. शुभ प्रभात छोटी बहना
    सस्नेहाशीष

    उम्दा सोच

    जवाब देंहटाएं
  5. आभार आपका|नव वर्ष 20156 की ढेरों शुभकामनाऐं।

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत बढ़िया हलचल प्रस्तुति
    सभी चर्चाकारों को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें!

    जवाब देंहटाएं
  7. नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें!

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आभार संजय भाई
      सम्पर्क नहीं होता
      तो हेर-फेर
      हो ही जाता है
      सम्पर्क गर
      हो जाता
      तो अंक
      अविस्मरणीय बन जाता
      सादर

      हटाएं
  8. मंगलमय नववर्ष, होय शुभ सोलह आना


    कुण्डलियाँ
    सोलह आना सत्य है, है अशांति चहुँओर |
    छली-बली से त्रस्त हैं, साधु-सुजन कमजोर |
    साधु-सुजन कमजोर, आइये होंय इकठ्ठा |
    उनकी जड़ में आज, डाल दें खट्टा-मठ्ठा |
    ऋद्धि-सिद्धि सम्पत्ति, होय फिर सुखी जमाना |
    मंगलमय नववर्ष, होय शुभ सोलह आना ||

    दोहा
    मंगलमय नव-वर्ष हो, आध्यात्मिक उत्कर्ष ।
    बढे मान हर सुख मिले, विकसे भारत वर्ष ॥

    जवाब देंहटाएं

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