tag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post8716983723250832549..comments2024-03-29T13:09:38.730+05:30Comments on पाँच लिंकों का आनन्द: 3023 ..माँ कहती है बस घर पर बैठो अगले नवरात्र तक.. मैं हूँ न..yashoda Agrawalhttp://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.comBlogger26125tag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-25590138585400260122021-05-11T18:52:30.477+05:302021-05-11T18:52:30.477+05:30जी आभार आपका 🙏🙏जी आभार आपका 🙏🙏रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-4592308757048716752021-05-10T16:52:26.830+05:302021-05-10T16:52:26.830+05:30हार्दिक आभार जिज्ञासा जी,,हार्दिक आभार जिज्ञासा जी,,रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-18799103085355276752021-05-10T16:39:57.363+05:302021-05-10T16:39:57.363+05:30जी, अत्यंत आभार!जी, अत्यंत आभार!विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-41601239816409053002021-05-10T16:38:21.587+05:302021-05-10T16:38:21.587+05:30बिलकुल सही कहा आपने। जैसे उड़ी जहाज़ की पंछी फिरी ...बिलकुल सही कहा आपने। जैसे उड़ी जहाज़ की पंछी फिरी जहाज़ पर आयो!विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-81475114091683214142021-05-10T16:36:11.563+05:302021-05-10T16:36:11.563+05:30वाह!!! अत्यंत भावपूर्ण और मार्मिक!वाह!!! अत्यंत भावपूर्ण और मार्मिक!विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-17712362716509386712021-05-10T16:34:22.133+05:302021-05-10T16:34:22.133+05:30बहुत सुंदर लिंक! बधाई और आभार!!!बहुत सुंदर लिंक! बधाई और आभार!!!विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-9784671509820975992021-05-10T00:05:48.333+05:302021-05-10T00:05:48.333+05:30आज का अंक पढ़कर आनंद आ गया । सुभद्रा कुमारी चौहान ...आज का अंक पढ़कर आनंद आ गया । सुभद्रा कुमारी चौहान जी की कविता पढ़कर बचपन की सुंदर स्मृति उभर आई,जब हिलहिल कर कविताएं रटते थे ।आदरणीय यशोदा दीदी आपका बहुत आभार, प्रिय रेणु जी आपकी कविता ने तो मन को मोह लिया,कितनी सुंदर सच्चाई बयां की आपने । आप सभी को मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं एवम बधाई ।।जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-84607413853711058912021-05-09T22:57:19.134+05:302021-05-09T22:57:19.134+05:30शुक्रिया दीदी 🙏🙏💐💐🌷शुक्रिया दीदी 🙏🙏💐💐🌷रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-43625149662371655022021-05-09T22:37:08.098+05:302021-05-09T22:37:08.098+05:30प्रिय दीदी, आपका सादर आभार 🙏🙏🌷❤️प्रिय दीदी, आपका सादर आभार 🙏🙏🌷❤️रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-22594629513761039862021-05-09T22:36:31.353+05:302021-05-09T22:36:31.353+05:30ये तुम्हारा स्नेह है प्रिय आँचल। हार्दिक स्नेह और ...ये तुम्हारा स्नेह है प्रिय आँचल। हार्दिक स्नेह और आभार 💐❤️❤️💐रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-421469940351959922021-05-09T22:19:08.313+05:302021-05-09T22:19:08.313+05:30बहुत सुंदर अंक। सुभद्राकुमारी चौहानजी की यह सुंदर ...बहुत सुंदर अंक। सुभद्राकुमारी चौहानजी की यह सुंदर कविता अविस्मरणीय रचनाओं में से एक है। सादर।Meena sharmahttps://www.blogger.com/profile/17396639959790801461noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-62327988318562989622021-05-09T20:54:46.991+05:302021-05-09T20:54:46.991+05:30बेहतरीन प्रस्तुति।बेहतरीन प्रस्तुति।Anuradha chauhanhttps://www.blogger.com/profile/14209932935438089017noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-75380287631278090762021-05-09T20:07:57.862+05:302021-05-09T20:07:57.862+05:30वाह शानदार रचना प्रस्तुतिवाह शानदार रचना प्रस्तुतिBharti Dashttps://www.blogger.com/profile/04896714022745650542noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-60404969632903592122021-05-09T18:57:32.951+05:302021-05-09T18:57:32.951+05:30वाह! आदरणीया दीदी जी माँ पर एसी सुंदर रचना तो आप ह...वाह! आदरणीया दीदी जी माँ पर एसी सुंदर रचना तो आप ही प्रस्तुत कर सकती हैं। मन को छूती,भावपूर्ण पंक्तियाँ। सादर प्रणाम आपकी लेखनी को।Anchal Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/13153099337060859598noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-46936828787882665632021-05-09T18:53:50.396+05:302021-05-09T18:53:50.396+05:30आहा!सुभद्रा कुमारी चौहान जी की यह मनभावन कविता हमन...आहा!सुभद्रा कुमारी चौहान जी की यह मनभावन कविता हमने सातवी कक्षा में पढ़ी थी तभी से मुझे बहुत प्रिय है यह कविता। आज पुनः पढ़ मन आनंदित हो गया। मंच को बहुत आभार 🙏<br />मातृ दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। बहुत सुंदर अंक है। सभी रचनाएँ बेहद उम्दा 👌 <br />मेरी रचना को स्थान देने हेतु आपका हार्दिक आभार 🙏<br />सभी को सादर प्रणाम 🙏 Anchal Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/13153099337060859598noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-21353194082097949012021-05-09T17:21:26.436+05:302021-05-09T17:21:26.436+05:30बहुत खूबसूरती से माँ की भावनाओं को उकेरा है ।बहुत खूबसूरती से माँ की भावनाओं को उकेरा है ।संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-1106861319825945652021-05-09T17:19:51.237+05:302021-05-09T17:19:51.237+05:30बहुत खूबसूरत लिंक सजाए हैं ।कदंब का पेड़ पढ़ बचपन की...बहुत खूबसूरत लिंक सजाए हैं ।कदंब का पेड़ पढ़ बचपन की याद आ गयी । विश्वमोहन जी की रचना विशेष पसंद आई ।<br />अच्छी प्रस्तुति आज की। ।संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-33721697181941333242021-05-09T16:43:36.049+05:302021-05-09T16:43:36.049+05:30जी बहुत बढ़िया।
मैंने तो इनमें से कुछ रचनाओं को प...जी बहुत बढ़िया। <br />मैंने तो इनमें से कुछ रचनाओं को पहले ही पढ चुका हूं...पर आपने बेहतरीन रचनाओं को यहाँ प्रस्तुत किया है।Prakash Sahhttps://www.blogger.com/profile/04882608306436611902noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-25130723454474409522021-05-09T16:12:14.839+05:302021-05-09T16:12:14.839+05:30जय माता की..
नमनजय माता की..<br />नमनDigvijay Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/10911284389886524103noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-9197590540578365662021-05-09T15:46:08.367+05:302021-05-09T15:46:08.367+05:30सभी जन सदा सुरक्षित व स्वस्थ रहेंसभी जन सदा सुरक्षित व स्वस्थ रहेंगगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-1365187110270129662021-05-09T14:47:48.033+05:302021-05-09T14:47:48.033+05:30बहुत सुन्दर आज का अंक,प्रिय रेणु जी आपकी रचना लाज़ब...बहुत सुन्दर आज का अंक,प्रिय रेणु जी आपकी रचना लाज़बाब है।उर्मिला सिंहhttps://www.blogger.com/profile/02492149402964498738noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-60886931831449386052021-05-09T14:47:40.787+05:302021-05-09T14:47:40.787+05:30कहां जाएंगे सखी, आएंगे तो घर पर ही..
सादर..कहां जाएंगे सखी, आएंगे तो घर पर ही..<br />सादर..yashoda Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-66608694830531550862021-05-09T13:10:24.229+05:302021-05-09T13:10:24.229+05:30https://renuskshitij.blogspot.com/2017/10/blog-pos...https://renuskshitij.blogspot.com/2017/10/blog-post_30.htmlरेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-11593176140861700072021-05-09T13:03:20.405+05:302021-05-09T13:03:20.405+05:30मां को समर्पित मेरी एक रचना
माँ ज्यों ही गाँव...मां को समर्पित मेरी एक रचना <br /><br />माँ ज्यों ही गाँव के करीब आने लगी है --------- कविता |<br />माँ ज्यों ही गाँव के करीब आने लगी है -<br />माँ की आँख डबडबाने लगी है !<br /><br />चिरपरिचित खेत -खलिहान यहाँ हैं ,<br />माँ के बचपन के निशान यहाँ हैं ;<br />कोई उपनाम - ना आडम्बर -<br />माँ की सच्ची पहचान यहाँ है ;<br />गाँव की भाषा सुन रही माँ -<br />खुद - ब- खुद मुस्कुराने लगी है !<br />माँ की आँख डबडबाने लगी है !!<br /><br />भावातुर हो लगी बोलने गाँव की बोली -<br />अजब - गजब सी लग रही माँ बड़ी ही भोली ,<br />छिटके रंग चेहरे पे जाने कैसे - कैसे -<br />आँखों में दीप जले - गालों पे सज गयी होली ;<br /> जाने किस उल्लास में खोयी -<br /> मधुर गीत गुनगुनाने लगी है !<br />माँ की आँख डबडबाने लगी है !<br /><br /><br />अनगिन चेहरों ढूंढ रही माँ -<br />चेहरा एक जाना - पहचाना सा ,<br />चुप सी हुई किसी असमंजस में<br /> भीतर भय हुआ अनजाना सा ;<br />खुद को समझाती -सी माँ -<br />बिसरी गलियों में कदम बढ़ाने लगी है !<br />माँ की आँख डबडबाने लगी है !!<br /><br /><br />शहर था पिंजरा माँ खुले आकाश में आई -<br />थी अपनों से दूर बहुत अब पास में आई ,<br /> उलझे थे बड़े जीवन के अनगिन धागे <br /> सुलझाने की सुनहरी आस में आई<br />यूँ लगता है माँ के उग आई पांखें-<br />लग अपनों के गले खिलखिलाने लगी है<br />माँ की आँख डबडबाने लगी है !!! <br />रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-39700742099066836432021-05-09T12:56:59.612+05:302021-05-09T12:56:59.612+05:30सारे पाठक फेसबुक पर चले गए क्या,,। आज यहां कौन मना...सारे पाठक फेसबुक पर चले गए क्या,,। आज यहां कौन मनाएगा मातृ दिवस ।रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.com