tag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post7723200674792720630..comments2024-03-29T17:18:51.001+05:30Comments on पाँच लिंकों का आनन्द: 1613..हम-क़दम का 99 वां अंक .....अलावyashoda Agrawalhttp://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-89650701339946072922019-12-17T21:03:40.779+05:302019-12-17T21:03:40.779+05:30अलाव हमारी सांस्कृतिक धरोहर का एक हिस्सा है, और सद...अलाव हमारी सांस्कृतिक धरोहर का एक हिस्सा है, और सदियों से इसे खुशियों का प्रतीक मान "केम्प फायर" "बोन फायर" के रूप में सर्दियों मे सांस्कृतिक उत्सवों के साथ जोड कर सारे संसारिक प्रारब्द्धो से कुछ समय दूर हो, एक गहरा सुकून और पुनः तरोताजा सा महसूस कर, नई सांसारिक भुल भुलैया में स्वयं को बेहतर तरीके से फिर से स्थापित कर जीवन युद्ध में चल पडने की नव उर्जा है।<br />पर गरीब और भुख के लिये अलाव गर्मी देने का या भोजन पकाने का साधन मात्र बन कर रह जाता है, रद्दी कागज और जलाने लायक कुछ भी जलाकर ठिठुरती ठंड से निजात का भ्रम है, और एक पंथ दो काम उसी मे रोटी खिचड़ी शकरकंद आलु और मुंगफली भुन कर अपनी-अपनी पहुंच के हिसाब से आनंद लेते है, और साथ ही समूह में बैठ गर्मा गरम गपशप और नोकझोंक का मजा, सब विस्मृत करके।<br /><br />बहुत सुंदर सार्थक भुमिका पहले अंक की याद को ताजा करती कुछ पुरानी और ज्यादा नयी रचनाओं का सुंदर संगम ।<br />सभी रचनाएं बहुत सुंदर सार्थक।<br />सभी रचनाकारों को बधाई।<br />मेरी रचना को शामिल करने के लिए हृदय से आभार।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-65751443197751212402019-12-17T20:09:17.371+05:302019-12-17T20:09:17.371+05:30'हमक़दम'का सौवां अंक ही क्या, हज़ारवां अंक भ...'हमक़दम'का सौवां अंक ही क्या, हज़ारवां अंक भी निकलेगा. जब सहृदय बुद्धिजीवी साहित्य-सृजन हेतु समर्पित हों तो सब शुभ ही शुभ होता है और आगे भी ऐसा ही होता रहेगा. मेरी ढेरों शुभकामनाएँ. <br /> गोपेश मोहन जैसवालhttps://www.blogger.com/profile/02834185614715316752noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-75678166967131546282019-12-16T22:40:41.638+05:302019-12-16T22:40:41.638+05:30 प्रिय श्वेता,सार्थक भूमिका जिसमें रविंद्र जी की... प्रिय श्वेता,सार्थक भूमिका जिसमें रविंद्र जी की वो अनमोल टिप्पणी भी है, जिसने हमकदम जैसे सार्थक सृजन की शृंखला की शुरुआत की थी, को आज देखकर अपार खुशी हुई। सांझी संस्कृति का प्रतीक है अलाव , जिसे जीने<br />वालों ने सर्दी मे गर्माहट के साथ किस्सागोई और कहानियों का खूबआनंद लिया। आज की सभी रचनाएँ शानदार हैं, पर सुबोध जी की रचना विशेष उल्लेखनीय है।हमकदम के सौंवे कदम की आहट है और आज सभी 99वां अंक मुबारक हो । हमकदम जी बहाने बहुत उम्दा सृजन हुआ है। मैंने भी कई रचनाएँ इसके बहाने लिखी, जो मेरे ब्लॉग पर अत्यंत लोकप्रिय रचनाओ में शामिल हैं। उन्ही में से एक हमकदम के पहले विषय अलाव पर लिखी गयी थी, उसी रचना को मंच ने आज के लिए फिर से चुना, जिसे लिए कोटि आभार। सभी सहभागियों ने सुंदर सृजन किया है । सभी को बधाई और शुभकामनायें । तुम्हें भी आभार भावपूर्ण भूमिका और कालजयी रचनाओ का स्मरण करने के लिए मंच को प्रणाम और आभार 🙏🙏🙏रेणुhttps://www.blogger.com/profile/06997620258324629635noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-41162379040637714242019-12-16T22:39:00.831+05:302019-12-16T22:39:00.831+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.रेणुhttps://www.blogger.com/profile/06997620258324629635noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-71005860218079967582019-12-16T18:57:21.975+05:302019-12-16T18:57:21.975+05:30स्तब्ध रहती हूँ सदा नवीन प्रस्तुतीकरण परस्तब्ध रहती हूँ सदा नवीन प्रस्तुतीकरण परविभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-24415657705909796292019-12-16T18:21:20.213+05:302019-12-16T18:21:20.213+05:30बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-42004991729505639902019-12-16T18:14:42.694+05:302019-12-16T18:14:42.694+05:30सौवें कदम पर सजे अलाव की गुनगुनी ऊष्मा में गरमाते ...सौवें कदम पर सजे अलाव की गुनगुनी ऊष्मा में गरमाते सभी हमकदमों को बधाई!!!विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-59359466748250641242019-12-16T18:14:36.080+05:302019-12-16T18:14:36.080+05:30सौवें कदम पर सजे अलाव की गुनगुनी ऊष्मा में गरमाते ...सौवें कदम पर सजे अलाव की गुनगुनी ऊष्मा में गरमाते सभी हमकदमों को बधाई!!!विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-70229393969630699872019-12-16T15:18:20.323+05:302019-12-16T15:18:20.323+05:30बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम ...बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई मेरी रचना को स्थान देने के लिए सहृदय आभार सखी सादरAbhilashahttps://www.blogger.com/profile/06192407072045235698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-78658432264686739092019-12-16T15:08:58.934+05:302019-12-16T15:08:58.934+05:30बहुत ही खूबसूरत भूमिका रवीन्द्र जी ! सर्दी और अलाव...बहुत ही खूबसूरत भूमिका रवीन्द्र जी ! सर्दी और अलाव का साथ शाश्वत है और आदिकाल से चला आ रहा है ! आँच की ज़रुरत सभी को होती है सर्दी दूर भगाने के लिए ! आधुनिक लोग रूम हीटर के रूप में अलाव का आनंद लेते हैं तो कुछ लोग कोयले की अंगीठियों से अलाव का काम लेते हैं लेकिन जो मज़ा और रौनक लकड़ियों वाले अलाव में होती है उसकी बात ही कुछ और है ! सूखी लकड़ियों से जब ऊँची ऊँची लपटें उठाती हैं तो अलाव का मज़ा दोगुना हो जाता है ! बहुत सुन्दर सूत्रों से सुसज्जित आज का हमकदम ! मेरी दोनों रचनाओं को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार श्वेता जी ! सप्रेम वन्दे ! Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-21475281131479395162019-12-16T13:41:23.486+05:302019-12-16T13:41:23.486+05:30बेहतरीन प्रस्तुति , सभी ने अपनी अपनी लेखनी से भावन...बेहतरीन प्रस्तुति , सभी ने अपनी अपनी लेखनी से भावनाओं का जो आलावा जलाया हैं उस की गर्माहट बिलकुल उस सुनहरी धुप की तरह हैं जो कड़ाके की ठण्ड में गुनगुनी गर्माहट दे जाती हैं।श्वेता जी की लिखी चंद पंक्तियों ने तो अलावे के माध्यम से जीवन के तीन चरणों का बहुत ही सार्थक उदाहरण पेश किया हैं। सभी रचनाकारों को ढेरो शुभकामनाएं एवं सादर नमस्कार Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-86309617036765721582019-12-16T12:05:32.667+05:302019-12-16T12:05:32.667+05:30आज के हमक़दम इस अंक में मेरी रचना को शरीक करने के ल...आज के हमक़दम इस अंक में मेरी रचना को शरीक करने के लिए आपका आभार और नमन .. साथ ही आपकी शुरूआती पंक्तियों -<br />जीवन एक अलाव से कम नहीं<br />धीमी-धीमी सुगबुगाहट की<br />हल्की मीठी आँच<br />मासूम बचपने-सा सुकून देती है<br />फिर तेजी से दहकती है आग<br />पूरी जवानी के जोश-सा<br />फिर धीरे-धीरे मद्धिम पड़ जाती<br />है आँच<br />बढ़ते बुढ़ापे की तरह<br />और अंत में बुझ जाता है अलाव<br />बच जाती है राख़ मुट्टीभर<br />अनंत सागर में प्रवाहित होने को।<br />को पुनः नमन .. इस के एक मानव ही नहीं ब्रह्माण्ड के हर प्राणियों के जीवन-सार को और मर्म को शब्द-चित्र की तरह चित्रण के लिए .. <br />सभी रचनायें एक से बढ़ कर एक .. सभी को नमन Subodh Sinhahttps://www.blogger.com/profile/05196073804127918337noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-63788068385526530492019-12-16T11:39:00.252+05:302019-12-16T11:39:00.252+05:30रचनाओं के माध्यम से कड़कती ठंढ में अलाव की गर्मी म...रचनाओं के माध्यम से कड़कती ठंढ में अलाव की गर्मी महसूस की जा सकती है शानदार प्रस्तुति मेरी रचना को शामिल करने के लिये तहेदिल से आभार! उर्मिला सिंहhttps://www.blogger.com/profile/02492149402964498738noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-59594442269605711622019-12-16T11:05:54.643+05:302019-12-16T11:05:54.643+05:30बहुत सुंदर प्रस्तुति, मेरी रचना को शामिल करने के ल...बहुत सुंदर प्रस्तुति, मेरी रचना को शामिल करने के लिए आपका हार्दिक आभार श्वेता जी।Anuradha chauhanhttps://www.blogger.com/profile/14209932935438089017noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-43856484976179637282019-12-16T10:56:24.392+05:302019-12-16T10:56:24.392+05:30वाह !श्वेता सुंदर , गरमाहट देती हुई प्रस्तुति । मे...वाह !श्वेता सुंदर , गरमाहट देती हुई प्रस्तुति । मेरी रचना साँझा करने हेतु धन्यवाद । शुभा https://www.blogger.com/profile/09383843607690342317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-67296430833694919152019-12-16T09:55:12.630+05:302019-12-16T09:55:12.630+05:30अति सुंदर प्रस्तुति ,अलाव के कई रंग ,एक से बढ़ कर ...अति सुंदर प्रस्तुति ,अलाव के कई रंग ,एक से बढ़ कर एक <br />मेरी रचना को साझा करने के लिए आभारanita _sudhirhttps://www.blogger.com/profile/15009341605719883004noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-9475589971308960012019-12-16T09:01:50.571+05:302019-12-16T09:01:50.571+05:30100वें अंक के लिये शुभकामनाएं। आभार श्वेता जी आज क...100वें अंक के लिये शुभकामनाएं। आभार श्वेता जी आज के लाजवाब अंक में जगह देने के लिये।सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-74715537140916062062019-12-16T08:56:34.061+05:302019-12-16T08:56:34.061+05:30शुभ प्रभात...
बढ़िया लेखन.
आज के अलाव से..
आने वाली...शुभ प्रभात...<br />बढ़िया लेखन.<br />आज के अलाव से..<br />आने वाली ठण्ड भाग गई..<br />सादर..Digvijay Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/10911284389886524103noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-55657925241908736762019-12-16T06:24:18.742+05:302019-12-16T06:24:18.742+05:30बहुत सुंदर प्रस्तुति।सभी रचनाएँ काफी प्रभावशाली एव...बहुत सुंदर प्रस्तुति।सभी रचनाएँ काफी प्रभावशाली एवं आकर्षक।सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ।मेरी रचना को साझा करने के लिए हार्दिक धन्यबाद एवं आभार।SUJATA PRIYEhttps://www.blogger.com/profile/04317190675625593228noreply@blogger.com