tag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post6641179292137834238..comments2024-03-28T11:15:23.497+05:30Comments on पाँच लिंकों का आनन्द: 1834 ..मैंने इस बार ईश्वर को तड़पते देखाyashoda Agrawalhttp://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-52603145856583430192020-07-26T21:48:46.808+05:302020-07-26T21:48:46.808+05:30बहुत सुंदर प्रस्तुतिबहुत सुंदर प्रस्तुतिAnuradha chauhanhttps://www.blogger.com/profile/14209932935438089017noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-34933832838715342122020-07-24T23:28:50.628+05:302020-07-24T23:28:50.628+05:30बाज़ार लगा रखा है हमने भीतर से बाहर तक,
ज्ञान की प्...बाज़ार लगा रखा है हमने भीतर से बाहर तक,<br />ज्ञान की प्याली में उफ़ान या विवेक का क्षरण?<br />विचारणीय भूमिका के साथ शानदार प्रस्तुति,उम्दा लिंक संकलन....<br />मेरी रचना को स्थान देने हेतु हृदयतल से धन्यवाद एवं आभार आपका।Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-38043927870818727952020-07-24T19:45:26.110+05:302020-07-24T19:45:26.110+05:30बहुत ही सुन्दर सार्थक सूत्रों से सुसज्जित आज की हल...बहुत ही सुन्दर सार्थक सूत्रों से सुसज्जित आज की हलचल ! मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार श्वेता जी ! सप्रेम वन्दे ! आज दिन भर नेटवर्क परेशान करता रहा ! कमेन्ट करने का यह मेरा चौथा प्रयास है ! Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-19465783191212600352020-07-24T18:00:00.510+05:302020-07-24T18:00:00.510+05:30मेरे द्वारा किसी उपन्यास (या किसी भी रचना) की समीक...मेरे द्वारा किसी उपन्यास (या किसी भी रचना) की समीक्षा के "बस यूँ ही ..." वाले पहले प्रयास को इस मंच पर ज़र्रानवाज़ी वाले महिमामंडन के साथ स्थान देने के लिए हृदयतल से आभार आपका ... साथ ही प्रतिक्रियास्वरुप रेणु जी की बधाई और शुभकामनाएं ख़ुशी को दोहरा कर गया .. एक बात क्षमासहित कि "व्यक्तिगत बुद्धिमत्ता के प्रदर्शन का प्रचलन।" तो .. हर युग और हर मानव में रहा है और है भी। मसलन -अगर कोई रचनाकार अपनी किसी रचना का मंच पर या सोशल मिडिया के वेब-पन्नों पर अपनी व्यक्तिगत बुद्धिमता का ही तो प्रदर्शन करता है। अगर कोई वैज्ञानिक अपनी खोज को दुनिया के सामने रखता है तो यह भी उसी श्रेणी में आता है। ... इत्यादि अनगिनत उदाहरण हैं .. शायद ... Subodh Sinhahttps://www.blogger.com/profile/05196073804127918337noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-46692749862677205632020-07-24T17:00:13.993+05:302020-07-24T17:00:13.993+05:30बहुत खूबसूरत प्रस्तुतिबहुत खूबसूरत प्रस्तुतिBharti Dashttps://www.blogger.com/profile/04896714022745650542noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-54849679752082911282020-07-24T16:12:16.096+05:302020-07-24T16:12:16.096+05:30सुंदर प्रस्तुति प्रिय श्वेता। भूमिका में प्रश्न...सुंदर प्रस्तुति प्रिय श्वेता। भूमिका में प्रश्न, बुद्धिमता का प्रदर्शन ज्ञान के प्याले में उफान के साथ विवेक का क्षरन भी है क्योकि जब शब्दों में पिरोई गई प्रतिबद्धता जब हकीकत में नज़र नहीं आती तो ये बुद्धिमता मात्र शब्दाडंबर ही नज़र आती है। जब ज्ञान का अहंकार हो तो विवेक का क्षरण स्वतः ही हो जाता है। सुंदर रचनाओं के साथ पंजाबी काव्य शिरोमणि शिव कुमार जी का वीडियो देखकर मन आह्लादित हुआ। ये वीडियो उनकी मौत से कुछ समय पहले का ही है। उनके बारे में कुछ बातें और बताना चाहूँगी। <br /><br />पंजाबी के कालातीत कवि शिव कुमार बटालवी का जन्म दिवस कल थाउनकी स्मृति को कोटि नमन 🙏🙏🙏, जिसने हिंदी में ना गाकर भी भारत के कवि के रूप में अमरत्व प्राप्त किया | जिसके गीत पंजाब के गली- गली कुंचें- कूंचे में लोक गीतों की तरह गूँजें| समय की धूल जिसकी स्मृतियों को धुंधला ना कर सकी और उसके सृजन के नूतन , नवल बिम्ब विधान - सी अमर -गाथा कोई अन्य कवि कभी ना दोहरा पाया |एक आंचलिक कवि जिसका ये साक्षात्कार 1973 में बी बी सी हिंदी सेवा लंदन द्वारा , बड़े गर्व से फिल्माया गया | जिसकी लोकप्रियता को कोई सीमा ना बांध सकी | प्रेम की पीर पगे उनके गीत हर सुनने वाले के मन को झझकोर गये और कभी विस्मृत ना हो सके | <br />-------------<br /><br />जिसने पहली बार जो लिखा अमर लिखा --<br />ऐसी रुत क्यों आये मेरे राम जी ? <br />जब बागों के फूल मुरझाये मेरे राम जी!! <br />के साथ <br />गमों की रात लंबी है <br />या मेरे गीत लंबे हैं<br />न ये रात खत्म होती<br /> ना मेरे गीत खत्म होते!! <br />जैसा अनोखा दर्दिला गीत लिखा। <br /><br />विरह के सुलतान' के नाम से पुकारे जाने वाने वाले कवि शिरोमणि शिव की एक अमर रचना --<br /> माये नी माये ! [ माँ !ओ माँ ! ] मैं एक शिकरा [ उड़ने वाला पक्षी] यार बनाया<br />उसके सर पे कलगी<br />उसके पैरों में झांझर <br />वो तो चुग्गा चुगता आया <br />इक उसके रूप की धूप तीखी<br /> दूजा उसकी महक ने लुभाया --<br />तीजा उसका रंग गुलाबी <br />वो किसी गोरी माँ का जाया |<br /> इश्क का एक पंलग निवारी<br /> हमने चांदनी में बिछाया <br />तन की चादर हो गयी मैली <br />उसने पैर ना पलंग पाया -<br />दुखते हैं मेरे नैनों के कोए<br />सैलाब आँसूओं का आया <br />सारी रात सोचों में गई<br />उसने ये क्या जुल्म कमाया <br />सुबह सवेरे ले उबटन -<br />हमने मल -मल उसे नहलाया -<br />देहि से निकले चिंगारें<br />हाथ गया हमारा कुम्हलाया <br />चूरी कुटुं तो वो खाता नहीं -<br />हमने दिल का मांस खिलाया |<br />एक उडारी ऐसी मारी <br />वो मुड वतन ना आया !!! <br />दिवंगत कवि को नमन करते हुये सभी रचनाकारों को शुभकामनायें। सुबोध जी की पुस्तक समीक्षा लाजवाब है। उन्हें बधाई और शुभकामनायें। सस्नेह 🌷🌷🙏🌷🌷<br />। रेणुhttps://www.blogger.com/profile/06997620258324629635noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-57227794122155820532020-07-24T11:11:59.559+05:302020-07-24T11:11:59.559+05:30वाह!श्वेता ,खूबसूरत प्रस्तुति ।वाह!श्वेता ,खूबसूरत प्रस्तुति ।शुभा https://www.blogger.com/profile/09383843607690342317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-20943566634494256082020-07-24T10:56:27.189+05:302020-07-24T10:56:27.189+05:30सराहनीय रचनाओं की खबर देते सूत्र ! आभार मुझे भी शा...सराहनीय रचनाओं की खबर देते सूत्र ! आभार मुझे भी शामिल करने के लिए ! बहुत सुंदर गीत Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-89365905257716458042020-07-24T10:03:17.392+05:302020-07-24T10:03:17.392+05:30सुंदर प्रस्तुतिकरण के साथ उम्दा लिंक्स।सुंदर प्रस्तुतिकरण के साथ उम्दा लिंक्स।Jyoti Dehliwalhttps://www.blogger.com/profile/07529225013258741331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-82563513256533702762020-07-24T09:47:20.649+05:302020-07-24T09:47:20.649+05:30व्यस्त समय से
समय चुराकर प्रस्तुति बनाना
एक युद्ध ...व्यस्त समय से<br />समय चुराकर प्रस्तुति बनाना<br />एक युद्ध जीतना कहलाता है..<br />बधाई...Digvijay Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/10911284389886524103noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-79106287851756300922020-07-24T08:22:15.969+05:302020-07-24T08:22:15.969+05:30बहुत सुंदर लिंक संयोजन, यू ट्यूब के गीत ने आज का द...बहुत सुंदर लिंक संयोजन, यू ट्यूब के गीत ने आज का दिन बना दिया..शानदार प्रस्तुति<br />मुझे स्थान देने के लिए आभार..<br />सादरअपर्णा वाजपेयीhttps://www.blogger.com/profile/11873763895716607837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-55233090028818940992020-07-24T07:02:54.512+05:302020-07-24T07:02:54.512+05:30सराहनीय प्रस्तुतीकरणसराहनीय प्रस्तुतीकरणविभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-47214570997095122442020-07-24T06:44:23.638+05:302020-07-24T06:44:23.638+05:30बेहतरीन अभिव्यक्तियाँ..
आभार व शुभकामनाएँ
सादर..बेहतरीन अभिव्यक्तियाँ..<br />आभार व शुभकामनाएँ<br />सादर..yashoda Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.com