tag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post5288585196796515442..comments2024-03-28T11:15:23.497+05:30Comments on पाँच लिंकों का आनन्द: 1666..बापू तुम कैसे समझ गये थे?yashoda Agrawalhttp://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-9296015539160557992020-02-08T07:14:28.676+05:302020-02-08T07:14:28.676+05:30शानदार भूमिका के साथ लाजवाब प्रस्तुति एवं उत्कृष्ट...शानदार भूमिका के साथ लाजवाब प्रस्तुति एवं उत्कृष्ट लिंकों का संकलन....।Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-54775304265105585032020-02-07T22:05:22.443+05:302020-02-07T22:05:22.443+05:30सुन्दर प्रस्तुति में मेरी रचना को स्थान देने के लि...सुन्दर प्रस्तुति में मेरी रचना को स्थान देने के लिये बहुत बहुत शुक्रिया प्रिय श्वेता दी. <br />सादर अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-89663527523560206482020-02-07T20:53:39.331+05:302020-02-07T20:53:39.331+05:30बेहतरीन लिंक्स चयन एवम प्रस्तुति ...बेहतरीन लिंक्स चयन एवम प्रस्तुति ...सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-62238140244473003252020-02-07T18:09:57.038+05:302020-02-07T18:09:57.038+05:30सुंदर।सुंदर।विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-61195123385420625312020-02-07T16:19:25.546+05:302020-02-07T16:19:25.546+05:30शानदार भूमिका के साथ बेहतरीन प्रस्तुति श्वेता जी ,...शानदार भूमिका के साथ बेहतरीन प्रस्तुति श्वेता जी ,सभी रचनाकारों को ढेरों शुभकामनाएं एवं सादर नमन Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-66078837755544982272020-02-07T13:35:46.177+05:302020-02-07T13:35:46.177+05:30एक और बात है.
नागरिकता की पहचान बहुत ही संवेदनशील ...एक और बात है.<br />नागरिकता की पहचान बहुत ही संवेदनशील कविता है. पर इस कविता में जो बात की गई है, वह नागरिकता नहीं अस्तित्व का विषय है. निश्चित रूप से वह पहचान विधाता ने दी है इसलिए अमिट है. उसकी बात हो ही नहीं रही.<br />नागरिकता अवश्य कागज़ी उपक्रम है. सुचारू व्यवस्था के लिए अनिवार्य है.<br />हर देश के नागरिक के पास ये कागज़ होते हैं.<br />ये किसी भी तरह हमारे अस्तित्व और नागरिकता पर हमला नहीं हैं.<br />कमियां हो सकती हैं. उन्हें सुधारने के लिए आन्दोलन नहीं, सद्भावना सहित सुझाव देने की आवश्यकता है. नूपुरं noopuramhttps://www.blogger.com/profile/18200891774467163134noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-6100526262867088142020-02-07T13:25:11.497+05:302020-02-07T13:25:11.497+05:30पाँच लिंकों का पंचशील.
अनंत आभार सखी.
बापू की पे...पाँच लिंकों का पंचशील.<br /><br />अनंत आभार सखी. <br />बापू की पेंसिल के ज़रिये बापू की बातें याद करने की कोशिश है.<br />कभी-कभी लगता है, हम बापू के सिखाए छोटे-छोटे पर बड़े जीवन सूत्रों को भूल गए.<br />उन्हें बस नोटों में देखना और इस्तेमाल करना याद रहा. नूपुरं noopuramhttps://www.blogger.com/profile/18200891774467163134noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-2538059327126390832020-02-07T09:11:41.108+05:302020-02-07T09:11:41.108+05:30आदरणीया दीदी जी सादर प्रणाम 🙏
भूमिका में आपने जो...आदरणीया दीदी जी सादर प्रणाम 🙏 <br />भूमिका में आपने जो संदेश दिया वह आज के समय की माँग है। उचित कहा आपने। सुंदर प्रस्तुति संग लाजवाब अंक।Anchal Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/13153099337060859598noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-24222979490291450442020-02-07T08:22:41.966+05:302020-02-07T08:22:41.966+05:30बहुत शानदार प्रस्तुति भूमिका में चिंतन देता सुंदर ...बहुत शानदार प्रस्तुति भूमिका में चिंतन देता सुंदर लेख ,मानव बस मानव ही रहता तो श्रृष्टि के लिए कल्याणकारी होता , अभिमान या नाम या फिर आत्मवंचना के तहत सदा द्वंद में घिरा रहता है, बहुत शानदार भूमिका।<br />सभी रचनाएं बहुत आकर्षक।<br />सभी रचनाकारों को बधाई।<br />मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-21372283445169335162020-02-07T08:17:53.137+05:302020-02-07T08:17:53.137+05:30वाह
सराहनीय प्रस्तुतीकरणवाह<br />सराहनीय प्रस्तुतीकरणविभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-14376147238063002922020-02-07T07:01:28.113+05:302020-02-07T07:01:28.113+05:30जोरदार
आज के लिंक्स में सबसे प्रभावशाली रचना है गो...जोरदार<br />आज के लिंक्स में सबसे प्रभावशाली रचना है गोपेश जी की "एक और तमस"<br />समाज हर एक पक्ष का काला सच शब्दों में पिरोकर पेश किया गया है।<br />सारी रचनाएँ उम्दा है।<br />"मेरी नागरिकता की पहचान माँ के पेट पर पड़ी अमिट लकीरों से है" खरे साहब के ये भाव करारा तमाचा है नकली कानून और सोच पर।<br />उम्दा चयन... जो हलचल का मान बनाये रखेंगे।Rohitas Ghorelahttps://www.blogger.com/profile/02550123629120698541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-82392309102042327782020-02-07T06:38:40.917+05:302020-02-07T06:38:40.917+05:30बेहतरीन प्रस्तुति..
सादर..बेहतरीन प्रस्तुति..<br />सादर..Digvijay Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/10911284389886524103noreply@blogger.com