tag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post5245558478968682369..comments2024-03-29T10:35:48.853+05:30Comments on पाँच लिंकों का आनन्द: 822...माननीय मालिक ने सोने के नाल जो ठुकवाए हैं। yashoda Agrawalhttp://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.comBlogger20125tag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-44073867050766059212017-10-18T09:58:27.314+05:302017-10-18T09:58:27.314+05:30सार्थक लिंक
आभारसार्थक लिंक<br />आभारडॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-65103963490088021442017-10-17T22:55:58.814+05:302017-10-17T22:55:58.814+05:30बहुत ही विचारणीय, क्रांतिकारी, प्रगतिशीलभावाभिव्यक...बहुत ही विचारणीय, क्रांतिकारी, प्रगतिशीलभावाभिव्यक्ति के साथ सुन्दर शुभारंभ.....<br />वाह!!!!<br />उम्दा लिंक संकलन....Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-88427376718167603592017-10-17T07:29:28.764+05:302017-10-17T07:29:28.764+05:30आदरणीय ध्रुवजी,कल रात हुई तूफानी बारिश में नेट की ...आदरणीय ध्रुवजी,कल रात हुई तूफानी बारिश में नेट की समस्या निर्माण हुई अतः कल उपस्थिति संभव ना हो पाई। देर से आने के लिए क्षमाप्रार्थी हूँ । संकलन की सभी रचनाएँ पढ़ ली हैं। बहुत ही सुंदर रचनाएँ चुनी हैं आपने!<br />आपके द्वारा लिखी गई भूमिका तो स्वयं अपने आपमें एक गज़ब का आलेख है । इसी तरह मुर्दों को जगाने का काम करते रहिए । सोए हुओं को तो जगाया जा सकता है पर मुर्दों को जगाना महाकठिन है। आपकी बात, आपके विचार सुप्त जनमानस को जागृत करें,ईश्वर आपको प्रेरणा एवं शक्ति देते रहें, यही शुभकामना ! सादर धन्यवाद ।Meena sharmahttps://www.blogger.com/profile/17396639959790801461noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-13721250581960759402017-10-16T22:02:35.793+05:302017-10-16T22:02:35.793+05:30प्रिय ध्रुव ------ हमेशा की तरह आज के संकलन से ख...प्रिय ध्रुव ------ हमेशा की तरह आज के संकलन से खुद को जुडा पा कर गर्व की अनुभूति हो रही है | आपको विशेष आभार कि आपने मेरी रचना को मान दिया | अपने आज के सभी सह रचनाकार मित्रों को हार्दिक बधाई और सस्नेह शुभकामनायें | आज के संकलन की भूमिका में आज का आपका चिंतन लाजवाब हैं | मानवीय संवेदनाओं से भरा ये क्रान्तिकारी आक्रोश सोचने पर मजबूर करना है कि राष्ट्र में सामान न्याय , समान अधिकार कैसे लागू हों | कोई तो हो जो चिंतन करे कि कोई भूखे पेट क्यों सोता है ? कौन लोग हैं जो अन्न - धनं के भंडार भरे होने के बावजूद भूख से मर रहे हैं ? किसी की कितनी पीढियां फूटपाथ पर पैदा हो वहीँ आधी -अधूरी जी मर - खप गयी !! ??!अनेक प्रगतिशील देशों ने अपने नागरिको को भूख से बचने और समान नागरिक अधिकार संहिता लागू करने में सराहनीय पहल की है | पर भारत में शायद इस बात पर चिंतन अभी अपेक्षित है | शायद आज भी किसी मसीहा की प्रतीक्षा में है देश !!!!!!!!!!!!! आपको बहुत बधाई और सस्नेह शुभकामना इस सुंदर सार्थक संकलन के लिए | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-65919767624567324112017-10-16T22:00:19.640+05:302017-10-16T22:00:19.640+05:30शुभ संध्या
सोने की नाल
सच है इन धावकों के पास
इनके...शुभ संध्या<br />सोने की नाल<br />सच है इन धावकों के पास<br />इनके मालिक से भी ज़ियादा धन है<br />सारी रचनाएँ उम्दा हैं<br />आदर सहित<br />दिव्या अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/17744482806190795071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-47842824945147685292017-10-16T21:45:47.525+05:302017-10-16T21:45:47.525+05:30आदरणीय रविन्द्र जी ---- कुछ भी सरलता से समझाने की...आदरणीय रविन्द्र जी ---- कुछ भी सरलता से समझाने की कला आपकी विशेषता है | बहुत ही महत्वपूर्ण संदर्भ से अवगत करवाया आपने | इतनी मेहनत और गहन चिंतन से सजता है पञ्च लिंक तभी इतना विशेष है | सादर आभार आपका | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-27474707964597357742017-10-16T17:09:58.971+05:302017-10-16T17:09:58.971+05:30बहुत सुन्दर हलचल प्रस्तुति बहुत सुन्दर हलचल प्रस्तुति कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-21725319855540872042017-10-16T16:30:05.043+05:302017-10-16T16:30:05.043+05:30आज विश्व खाद्य दिवस है। इस आकड़ों पर भी ध्यान दें :...आज विश्व खाद्य दिवस है। इस आकड़ों पर भी ध्यान दें : 20 करोड़ से अधिक भारतीय आज रात भूखे सोएंगे। 10 लाख लोग हर साल भूख और भूख से संबंधित बीमारियों के मर जाते हैं। केवल आठ प्रतिशत भूकंप, सूखे और युद्ध के कारण भूख से पीड़ित हैं।<br />धारदार भूमिका के साथ ध्रुव भाई द्वारा प्रस्तुत सुन्दर पांच लिंकों का आनन्द एवं इस चर्चा में सम्मलित सभी सारगर्भित रचनाओं के रचनाकार को हार्दिक शुभकामनाएँ एवं बधाई। RAKESH KUMAR SRIVASTAVA 'RAHI'https://www.blogger.com/profile/14562043182199283435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-11025433909295768252017-10-16T16:01:33.158+05:302017-10-16T16:01:33.158+05:30बहुत सुन्दर संकलन ध्रुव सिंह जी
मुझे तो जानवर की ...बहुत सुन्दर संकलन ध्रुव सिंह जी <br />मुझे तो जानवर की तरह दौड़ना अच्छा लगता है <br />चलो भाई दौड़ते रहो ,बहुत अच्छे प्रगर्तिवादी, क्रान्तिकारी विचारधारा बेहतरीनRitu asooja rishikesh https://www.blogger.com/profile/07490709994284837334noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-17703119924853509202017-10-16T12:21:24.754+05:302017-10-16T12:21:24.754+05:30शुभ दोपहर....सुंदर भूमिका के साथ उत्तम प्रस्तुति.....शुभ दोपहर....सुंदर भूमिका के साथ उत्तम प्रस्तुति....<br />आभार आप का....kuldeep thakurhttps://www.blogger.com/profile/11644120586184800153noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-86693766950641181512017-10-16T10:12:37.334+05:302017-10-16T10:12:37.334+05:30आभारआभारपुरुषोत्तम कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/16659873162265123612noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-55443027403397901282017-10-16T10:02:01.907+05:302017-10-16T10:02:01.907+05:30नमस्ते।
खेद है कि सुधिजनों को आज का अंक देर से पढ़...नमस्ते। <br />खेद है कि सुधिजनों को आज का अंक देर से पढ़ने को मिला। मैं किन्हीं कारणों से आज प्रातः अंक नहीं देख पाया अन्यथा आदरणीया यशोदा बहन जी अथवा आदरणीय दिग्विजय भाई जी को फोन पर सूचित करता या फिर भाई ध्रुव जी से संपर्क करता। <br />ऐसी स्थिति दरअसल इस लिए पैदा होती है क्योंकि इसका तकनीकी कारण है। कोई भी चर्चाकार अपनी प्रस्तुति तैयार करके ड्राफ़्ट में सहेज देता है तो सभी चर्चाकारों के पास सूचना होती है कि किस चर्चाकार की प्रस्तुति किस तिथि में प्रकाशित होगी बशर्ते डेशबोर्ड पर सभी देखें। अब एडमिन की ओर से प्रस्तुति को शेड्यूल किया जाता है।समस्या तब पैदा हो जाती है जब शेड्यूल की गयी प्रस्तुति को पुनः उस चर्चाकार की ओर से संपादित किया जाता। ऐसा करने से प्रस्तुति पुनः ड्राफ़्ट में दिखाई देती है अतः इसे रिशेड्यूल करने के लिए एडमिन को सूचित करना होता है। अतः इसमें अन्य कोई चर्चाकार कोई फेरबदल नहीं कर सकता क्योंकि ऐसा विकल्प गूगल की ओर से केवल एडमिन और चर्चाकार को ही दिया गया है। <br />एक स्थिति देखिये -<br />ड्राफ़्ट - पूर्वावलोकन <br />प्रकाशित अंक (किसी अन्य चर्चाकार का)- दृश्य /साझा करें <br />चर्चाकार का स्वयं का प्रकाशित अंक - संपादित करें /दृश्य / साझा करें / हटाएं <br />चर्चाकार का ड्राफ़्ट या शेड्यूल अंक - संपादित करें / पूर्वावलोकन / हटाएं <br />अन्य चर्चाकार के पास डेशबोर्ड पर केवल पूर्वावलोकन ही विकल्प होता है। <br />सभी चर्चाकारों ( वर्तमान और भावी ) को सादर सूचनार्थ।<br />अभी-अभी आदरणीय दिग्विजय भाई जी से इस संबंध फोन पर भी बातचीत हुई। <br /><br />आज का बेहतरीन अंक प्रस्तुत किया है भाई ध्रुव जी ने अपनी भूमिका में अनेकानेक प्रश्नों को उठाते हुए। ऐसी प्रासंगिक मुद्दों पर समाज में चिंतन की धारा बहती रहनी चाहिए ताकि समयानुकूल सामाजिक मूल्यों का पल्लवन होता रहे। विचारणीय भूमिका बेशक एक ओजपूर्ण रचना ही है। बधाई एवं शुभकामनाऐं ध्रुव जी। सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाऐं। मेरी रचना को आज के अंक में स्थान देने के लिए हार्दिक आभार। <br /> सादर। <br />Ravindra Singh Yadavhttps://www.blogger.com/profile/09309044106243089225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-62491747581823755142017-10-16T09:28:14.785+05:302017-10-16T09:28:14.785+05:30धारदार प्रस्तुति सुन्दर सूत्र।धारदार प्रस्तुति सुन्दर सूत्र।सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-62892104324110280542017-10-16T08:42:58.090+05:302017-10-16T08:42:58.090+05:30खूबसूरत संकलन .खूबसूरत संकलन .Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-85883132711140711202017-10-16T08:01:58.618+05:302017-10-16T08:01:58.618+05:30सुंदर रचनायें
उम्दा संकलन
सभी रचनाकारों को बहुत बध...सुंदर रचनायें<br />उम्दा संकलन<br />सभी रचनाकारों को बहुत बधाईLokesh Nashinehttps://www.blogger.com/profile/10305100051852831580noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-47361028024257599152017-10-16T07:11:58.265+05:302017-10-16T07:11:58.265+05:30उत्कृष्ट संकलन!उत्कृष्ट संकलन!विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-45151994021860539112017-10-16T07:06:18.668+05:302017-10-16T07:06:18.668+05:30शुभ प्रभात भाई ध्रुव जी..
सोने की नाल
शानदार चम्मच...शुभ प्रभात भाई ध्रुव जी..<br />सोने की नाल<br />शानदार चम्मचालेख<br />सोने सा चमकता हुआ<br />आभार..<br />सादर<br />yashoda Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-14293110593640070112017-10-16T06:48:57.721+05:302017-10-16T06:48:57.721+05:30आज का सच है आपके अग्रलेख में
आभार
सादरआज का सच है आपके अग्रलेख में<br />आभार<br />सादरDigvijay Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/10911284389886524103noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-31157099229123356512017-10-16T06:46:34.232+05:302017-10-16T06:46:34.232+05:30शुभ प्रभात भाई ध्रुव जी
आज देर हो गई प्रकाशित होने...शुभ प्रभात भाई ध्रुव जी<br />आज देर हो गई प्रकाशित होने में...<br />शायद किसी ने प्रस्तुति में कुछ बदलाव किया है<br />और रि-शिड्यूल नही किया<br /> सादरDigvijay Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/10911284389886524103noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-90311160055428272422017-10-16T06:42:05.205+05:302017-10-16T06:42:05.205+05:30शुभ प्रभात
शुक्रिया छुटकी
आप फोन न करती तो आज और द...शुभ प्रभात<br />शुक्रिया छुटकी<br />आप फोन न करती तो आज और देर हो जाती<br />आभार..<br />सादरDigvijay Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/10911284389886524103noreply@blogger.com