tag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post4788685727770306335..comments2024-03-29T17:18:51.001+05:30Comments on पाँच लिंकों का आनन्द: 2086.... नदी के तट परyashoda Agrawalhttp://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-69719284797153616272021-04-02T23:10:16.663+05:302021-04-02T23:10:16.663+05:30मेरी लघुकथा ने आपके मन को छुआ हृदय से आभारी हूँ आप...मेरी लघुकथा ने आपके मन को छुआ हृदय से आभारी हूँ आपकी यशोदा जी ! जब रचना को आप जैसी संवेदनशील रचनाकार की सराहना मिल जाती है तो लगता है श्रम सार्थक हो गया ! दिल से धन्यवाद सखी ! Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-87760213987135490652021-04-02T23:03:51.525+05:302021-04-02T23:03:51.525+05:30हृदय से बहुत बहुत आभारी हूँ श्वेता जी मेरी लघुकथा ...हृदय से बहुत बहुत आभारी हूँ श्वेता जी मेरी लघुकथा को आपने आज के संकलन के लिए चुना ! अन्य सभी लिंक्स भी बहुत ही सुन्दर ! सभी रचनाकारों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं ! सप्रेम वन्दे सखी ! Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-73739815019874742592021-04-02T17:51:53.322+05:302021-04-02T17:51:53.322+05:30शानदार रचना प्रस्तुतिशानदार रचना प्रस्तुतिBharti Dashttps://www.blogger.com/profile/04896714022745650542noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-67588132445576233502021-04-02T16:03:33.441+05:302021-04-02T16:03:33.441+05:30आज की चर्चा के प्रारम्भ में एक गंभीर मुद्दे की ओर...आज की चर्चा के प्रारम्भ में एक गंभीर मुद्दे की ओर ध्यान आकृष्ट करने का प्रयास किया गया है । प्रकृति मनुष्य को क्या नहीं देती ... लेकिन स्वार्थी मनुष्य प्रकृति के दिये उपहारों का बेदर्दी से उपयोग कर खत्म करने पर लगा है । संरक्षण की ओर उसका ध्यान ही नहीं जाता ।<br />शुक्रिया श्वेता इस गंभीर विषय को उठाने के लिए ।<br />सभी लिंक्स शानदार हैं । रंगों के महत्व को गहनता से कहा गया है तो नदी जैसी स्वयं को महसूस करना भी सुकून देता है । आलोचना और प्रशंसा दोनो को गंभीरता से लेना चाहिए । कभी कभी किसी स्तुति की जाए वो भी पसंद नहीं आती । मन की आवाज़ से मन में सैनिकों के प्रति सम्मान की भावना जागृत होती है ।<br />सभी रचनाएँ सार्थक । सभी रचनाकारों को शुभकामनाएँ ।<br />सुंदर चर्चा के लिए शुक्रिया ।संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-65349233575839062092021-04-02T15:57:55.492+05:302021-04-02T15:57:55.492+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-59160544127924572002021-04-02T12:27:40.454+05:302021-04-02T12:27:40.454+05:30बहुत बहुत सुन्दर संकलन | सभी रचना कारों को बधाई व्...बहुत बहुत सुन्दर संकलन | सभी रचना कारों को बधाई व् शुभ कामनाएं |आलोक सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/17318621512657549867noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-5123373689329757562021-04-02T07:59:02.866+05:302021-04-02T07:59:02.866+05:30सुप्रभात !
प्रिय श्वेता जी, नमस्कार ! सुंदर सारगर...सुप्रभात !<br /> प्रिय श्वेता जी, नमस्कार ! सुंदर सारगर्भित विषयों का चयन आज के अंक की शोभा बढ़ा रहा है,आपको कोटि कोटि बधाई,मेरी रचना को स्थान देने के लिए हृदयतल से आभार ।सादर ।जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-53206331531899020212021-04-02T06:42:16.698+05:302021-04-02T06:42:16.698+05:30आपको शुभकामनाएं श्वेता जी...। बहुत जरूरी विषयों वा...आपको शुभकामनाएं श्वेता जी...। बहुत जरूरी विषयों वाला अंक। सभी रचनाकारों को बधाई...।PRAKRITI DARSHANhttps://www.blogger.com/profile/10412459838166453272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-40647718905764124952021-04-02T05:19:29.827+05:302021-04-02T05:19:29.827+05:30शानदार अंक..
साधना दीदी की रचना
आँखें गीली कर गई
...शानदार अंक..<br />साधना दीदी की रचना <br />आँखें गीली कर गई<br />सादर नमन<br />yashoda Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.com