tag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post4714437321629178709..comments2024-03-28T11:15:23.497+05:30Comments on पाँच लिंकों का आनन्द: 852..पत्थर की तरह बेहिस-ओ-बेजान सा क्यों है..yashoda Agrawalhttp://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.comBlogger20125tag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-17601988519481216862017-11-17T13:53:59.854+05:302017-11-17T13:53:59.854+05:30आदरणीया,
सार्थक और तथ्यपरक भूमिका के लिए साधुवाद
स...आदरणीया,<br />सार्थक और तथ्यपरक भूमिका के लिए साधुवाद<br />सुंदर लिंक संयोजन<br />सभी रचन्काकारों को बधाई<br />मुझे सम्मलित करने का आभार<br />सादरJyoti kharehttps://www.blogger.com/profile/02842512464516567466noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-81548693101816676752017-11-15T23:53:03.568+05:302017-11-15T23:53:03.568+05:30बहुत सुंदर प्रस्तुति। मोहक अंक। सभी रचनाकारों को उ...बहुत सुंदर प्रस्तुति। मोहक अंक। सभी रचनाकारों को उनकी शानदार रचनाओं के लिये बधाइयाँअमित जैन मौलिकhttps://www.blogger.com/profile/07987558363508620146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-2794298304809455582017-11-15T20:33:35.500+05:302017-11-15T20:33:35.500+05:30बेहतरीन संकलन आदरणीया । बहुत खूब ।बेहतरीन संकलन आदरणीया । बहुत खूब ।Rajesh Kumar Raihttps://www.blogger.com/profile/11470374028071461971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-55637832227152114602017-11-15T14:51:24.500+05:302017-11-15T14:51:24.500+05:30बेहतरीन प्रस्तुति आदरणीय पम्मी जी द्वारा। मेरी रचन...बेहतरीन प्रस्तुति आदरणीय पम्मी जी द्वारा। मेरी रचना को शामिल करने हेतु सादर आभार। सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई।Meena sharmahttps://www.blogger.com/profile/17396639959790801461noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-15017738803586892402017-11-15T14:48:15.477+05:302017-11-15T14:48:15.477+05:30सीने में जलन, आँखों में तूफ़ान सा क्यों है
इस शहर म...सीने में जलन, आँखों में तूफ़ान सा क्यों है<br />इस शहर में हर शख्स परेशान सा क्यों है<br /><br />दिल है तो, धड़कने का बहाना कोई ढूंढें<br />पत्थर की तरह बेहिस-ओ-बेजान सा क्यों है....<br />सामयिक मुद्दा - प्रदूषण ! सिर्फ चर्चाएँ, ठोस उपाय कुछ नहीं। हर सवाल की तरह ये भी एक सवाल...<br />एक गीत याद आ रहा है -<br />"इक सवाल मैं करूँ<br />इक सवाल तुम करो<br />हर सवाल का<br />सवाल ही जवाब हो"Meena sharmahttps://www.blogger.com/profile/17396639959790801461noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-49565628806037045632017-11-15T13:54:20.298+05:302017-11-15T13:54:20.298+05:30बहुत आभार आप के दिए स्नेह का ....बहुत आभार आप के दिए स्नेह का ....अशोक सलूजाhttps://www.blogger.com/profile/17024308581575034257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-35404956284400725942017-11-15T13:24:31.931+05:302017-11-15T13:24:31.931+05:30सुन्दर प्रस्तुति करण उम्दा लिंक संकलन....सुन्दर प्रस्तुति करण उम्दा लिंक संकलन....Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-7562275567957325512017-11-15T11:35:52.382+05:302017-11-15T11:35:52.382+05:30बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति ...बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति ...कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-43621931373924771342017-11-15T10:07:58.431+05:302017-11-15T10:07:58.431+05:30बहुत बढ़िया प्रस्तुति,सभी चयनित रचनाकारों को बधाई ए...बहुत बढ़िया प्रस्तुति,सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाऐं...NITU THAKURhttps://www.blogger.com/profile/03875135533246998827noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-56172872086824536032017-11-15T09:32:56.247+05:302017-11-15T09:32:56.247+05:30प्रदूषण की मार झेलते हैं परिस्का समाधान नहीं ढूंढन...प्रदूषण की मार झेलते हैं परिस्का समाधान नहीं ढूंढना चाहते ....<br />आचे लिंक्स ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-2590427925935327212017-11-15T08:38:58.814+05:302017-11-15T08:38:58.814+05:30दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के स्थायी समाधान खोजने हों...दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के स्थायी समाधान खोजने होंगे, वरना वर्ष दर वर्ष यह समस्या बढ़ती ही जाएगी. सुंदर सूत्रों का चयन..बधाई इस शानदार प्रस्तुति के लिए.. Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-73187080469026460982017-11-15T08:26:41.292+05:302017-11-15T08:26:41.292+05:30बहुत खूबसूरत प्रस्तुति।बहुत खूबसूरत प्रस्तुति।सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-10764390224788775612017-11-15T08:21:03.600+05:302017-11-15T08:21:03.600+05:30बहुत उम्दा संकलनबहुत उम्दा संकलनLokesh Nashinehttps://www.blogger.com/profile/10305100051852831580noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-49519340020565401712017-11-15T08:15:55.861+05:302017-11-15T08:15:55.861+05:30Nice presentation of beautiful compositions...Nice presentation of beautiful compositions...पुरुषोत्तम कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/16659873162265123612noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-55565028548147411302017-11-15T08:15:39.414+05:302017-11-15T08:15:39.414+05:30Nice presentation of beautiful compositions...Nice presentation of beautiful compositions...पुरुषोत्तम कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/16659873162265123612noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-70129915192789235052017-11-15T07:34:35.605+05:302017-11-15T07:34:35.605+05:30सुप्रभात पम्मी जी,
विचारणीय भूमिका लिखी...सुप्रभात पम्मी जी,<br /> विचारणीय भूमिका लिखी है आपने,बेहद <br />गंभीरता से हल करना आवश्यक है इस समस्या को।<br /><br />हैरान कम परेशान ज्यादा है लोग<br />घुटी साँस है ज़हर पीने को मजबूर है<br />ज़िदगी की तलाश में अब कहना पड़ेगा<br />हवाओं में जहर भरने लगा <br />आसां मौत के लिए अब कहाँ दिल्ली दूर है <br /><br /> बहुत ही उम्दा संकलन सारी रचनाएँ बेहतरीन है। चयनित रचनाकारों को मेरी बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ।<br /><br />Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-31044767376125815762017-11-15T06:57:46.514+05:302017-11-15T06:57:46.514+05:30सुप्रभात।
आदरणीया पम्मी जी शानदार अंक।
बधाई आपको...सुप्रभात। <br />आदरणीया पम्मी जी शानदार अंक। <br />बधाई आपको। <br />प्रासंगिक भूमिका। <br />नामचीन शायर शहरयार साहब की ग़ज़ल (1978 , आर्ट फ़िल्म गमन ) का पहला शेर वर्षों बाद दिल्ली में जीने के लिए दुश्वारियां पैदा करते छाए प्रदूषित स्मोग और असहाय लोगों पर इस तरह फिट बैठेगा कि इसका ज़िक्र लिखने वाले लेख ,कविता, भूमिका या ट्विटर पर भी करेंगे। <br />दिल्ली में हूँ तो इस आफ़त को सबके साथ महसूस भी कर रहा हूँ। <br />व्यवस्था दोषारोपण में व्यस्त हैं लेकिन नागरिक बुरी तरह त्रस्त हैं।<br />कुछ फ़ौरी व्यावसायिक उपाय भी आ गए हैं। <br />सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाऐं। आभार सादर। <br />Ravindra Singh Yadavhttps://www.blogger.com/profile/09309044106243089225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-86338301820823722012017-11-15T06:02:14.158+05:302017-11-15T06:02:14.158+05:30फूल पत्तियां हरियाली खा गये
ध्रुम कोहरा तक हम पा ग...फूल पत्तियां हरियाली खा गये<br />ध्रुम कोहरा तक हम पा गये<br />होश में हम अभी भी नहीं आ रहे<br /><br />उम्दा लिंक्स संयोजन बधाईविभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-17966066401646065912017-11-15T05:55:55.646+05:302017-11-15T05:55:55.646+05:30बहुत बढ़िया प्रस्तुति !बहुत बढ़िया प्रस्तुति !विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-63414977821943610322017-11-15T05:48:07.784+05:302017-11-15T05:48:07.784+05:30शुभ प्रभात सखी
एक और अच्छा प्रस्तुति
धूल
धुंआ
और
क...शुभ प्रभात सखी<br />एक और अच्छा प्रस्तुति<br />धूल<br />धुंआ<br />और<br />कोहरा<br />नाक पर<br />रूमाल बांधे लोग<br />पर आँखों का क्या<br />जलन तो उसी में है<br />सादर<br />yashoda Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.com