tag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post3519252831619458608..comments2024-03-29T17:18:51.001+05:30Comments on पाँच लिंकों का आनन्द: 1366... चरित्रyashoda Agrawalhttp://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-4712714176996364712019-07-23T17:36:45.947+05:302019-07-23T17:36:45.947+05:30बेहतरीन प्रस्तुति..बेहतरीन प्रस्तुति..Kailash meenahttps://www.blogger.com/profile/12455728120967803156noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-37325372974849307272019-04-13T13:51:27.694+05:302019-04-13T13:51:27.694+05:30नमस्कार दी ,अच्छी प्रस्तुति ,सब को रामनवमी के हार्...नमस्कार दी ,अच्छी प्रस्तुति ,सब को रामनवमी के हार्दिक बधाई Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-1396189450848336402019-04-13T12:40:08.807+05:302019-04-13T12:40:08.807+05:30बहुत सुंदर प्रस्तुतिबहुत सुंदर प्रस्तुतिAnuradha chauhanhttps://www.blogger.com/profile/14209932935438089017noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-86428040348602797452019-04-13T12:24:30.899+05:302019-04-13T12:24:30.899+05:30सुन्दर हलचल। शुभकामनाएं।सुन्दर हलचल। शुभकामनाएं।सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-41545340204863473972019-04-13T11:08:39.773+05:302019-04-13T11:08:39.773+05:30बुद्धि जीवी होने से पेरीयर मान्य नही हो जाता कुणठि...बुद्धि जीवी होने से पेरीयर मान्य नही हो जाता कुणठित विचारों का पोषक। उसके वक्तव्य से भ्रम ही फैलने वाला है। ऊपर ही ऊपर उसका विचार, मुझे तो कतई पसंद नही आया एक छोटा सा कथन लोगों में वैचारिक आंदोलन बन पथ भ्रमित कर देगा।<br />वाल्मीकि रामायण का इतना भ्रष्ट आलोचक और कोई नही होगा।<br />सविनय 🙏मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-70737506715417781732019-04-13T05:49:59.444+05:302019-04-13T05:49:59.444+05:30शुभ प्रभात दीदी
सादर नमन
बेहतरीन प्रस्तुति..
रामनव...शुभ प्रभात दीदी<br />सादर नमन<br />बेहतरीन प्रस्तुति..<br />रामनवमी की शुभकामनाएँ<br />सादर..Digvijay Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/10911284389886524103noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-54507197280368385302019-04-13T04:34:43.508+05:302019-04-13T04:34:43.508+05:30
सर्व प्रथम रामनवमी पर्व की सभी को हार्दिक शुभकाम...<br /><br />सर्व प्रथम रामनवमी पर्व की सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ। यह पर्व हम सभी के आदर्श पुरुषोत्तम श्री राम के जन्मोत्सव का है।<br />प्रयास हम सभी का होना चाहिए कि हम उनके उस संस्कार को स्वयं में धारण करें, जिसके माध्यम से समाज में समरसता लाने का प्रयास उन्होंने किया। दबे कुचले एवं निम्न जाति के लोगों को गले लगा, उनका जूठन खा सम्मान दिया। अहिल्या का स्पर्श कर समाज को बताया कि किसी के छल के कारण नारी अपवित्र नहीं हो जाती है। यह सबसे बड़ा संदेश उस युग में उन्होंने दिया। आज भी इसकी प्रासंगिकता है।<br />हर जीवों से प्रेम करें। व्रत उपासना के नाम पर जब आप मांसाहारी से शाकाहारी होते हैं, तब आपके मन में भी कहीं यह भाव होगा ही कि पशु वध उचित नहीं है। क्षुधा शांत करने के लिये हम मनुष्यों के पास और भी भोज्य पदार्थ हैं। मानवता के आवश्यक है कि हम प्रेम की भाषा सीखें। मज़हब तो बस एक यही है। यही धर्म है।<br /><br />प्रणाम।<br /><br />व्याकुल पथिकhttps://www.blogger.com/profile/16185111518269961224noreply@blogger.com