tag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post3213397269547338279..comments2024-03-28T11:15:23.497+05:30Comments on पाँच लिंकों का आनन्द: 1533 पुरुष प्रधान समाज में स्त्रियों की आवाज़yashoda Agrawalhttp://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-48965684080123672902019-09-28T17:43:12.943+05:302019-09-28T17:43:12.943+05:30A good blog always comes-up with new and exciting ...A good blog always comes-up with new and exciting information and while reading I have feel that this blog is really have all those quality that qualify a blog to be a one.<br />I wanted to leave a little comment to support you and wish you a good continuation. Wishing you the best of luck for all your blogging efforts<br /><a href="https://nayisochhindi.com/beauty-tips-for-avoiding-dark-skin//" rel="nofollow"><b>Beauty Tips<br /></b></a>koko sharmahttps://www.blogger.com/profile/06588369175076484686noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-40454671093690007312019-09-28T08:25:42.581+05:302019-09-28T08:25:42.581+05:30प्रिय श्वेता
बेहतरीन लिंक्स एवं प्रस्तुति ... बध...प्रिय श्वेता <br /><br />बेहतरीन लिंक्स एवं प्रस्तुति ... बधाई इस शानदार प्रयास के लिए. सभी रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएँ.<br /><br />बहुत बहुत आभार मेरी रचना को स्थान देने के लिए और हमेशा की तरह उत्साह बढ़ाने के लिए सच। ...बहुत हौंसला मिलता है आपके शब्दों से धन्यवाद VenuS "ज़ोया"https://www.blogger.com/profile/03536990933468056653noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-19618554753008503392019-09-27T23:06:08.692+05:302019-09-27T23:06:08.692+05:30कृपया लिप्त नहीं लिपट पढ़ें | कृपया लिप्त नहीं लिपट पढ़ें | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-62478025942969839832019-09-27T23:03:50.001+05:302019-09-27T23:03:50.001+05:30प्रिय श्वेता , आज का ये सार्थक संकलन बहुत ही सा...प्रिय श्वेता , आज का ये सार्थक संकलन बहुत ही सार्थक और मधुर है | दिगम्बर जी की माँ की स्मृतियों की स्तुति करती भावपूर्ण रचना के साथ जोया जी की ' तुम्हारे काँधे की तितली , मन को गुदगुदाती रचना 'बिना चीनी की चाय और पूंजीवादी व्यवस्था को खरी खरी सुनाती अनिता जी की सार्थक रचना के साथ जरा भरम रचना जैसे भावनाओं से भरी रचना पढ़कर बहुत अच्छा लगा | सार्थक भूमिका ने संकलन को सम्पूर्णता प्रदान की | अंधविश्वास और भ्रामक रीति - रिवाजों की गहरी नींद में सोये भारतीय समाज को झझकोरने वाले पुरोधा ईश्वरचंद्र विद्यासागर का का स्मरण बहुत भावपूर्ण रहा | वर्जनाओं में जकड़ी नारी जाति , जिसे पुरुषों के वर्चस्व भरे समाज में एक असुरक्षित मानसिकता के साथ जीवन यापन करना पड़ता था , के लिए जो उन्होंने किया उसका आज की पीढ़ी को स्मरण कराना बहुत अनिवार्य है | आज से ढेढ़ सौ साल पहले जिस व्यक्ति ने समय से बहुत आगे की सोच को बुलंद किया वो कितने असाधारण रहे होंगे इसका अनुमान लगाना मुश्किल नहीं | , नारी जाती का गौरव लौटाने में उन्होंने जिस सोच का प्रचार प्रसार किया उसका अनुसरण खुद के जीवन में किया | उन्होंने विधवा विवाह के लिए लोगों की सोच बदलने का अहवान किया तो अपने इकलौते बेटे की शादी एक विधवा लड़की से करवाई जो उनदिनों कुरीतियों की गर्त में डूबे समाज के लिए बहुत बड़ा और अनोखा कदम था | धीरे धीरे समाज की सोच में अंतर आते - आते , आज की महिलायें जीवन के हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलते हुए निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर हैं | अन्यथा किसी समय में एक विधवा सफ़ेद सूती वस्त्रों में लिप्त कर अपना सम्पूर्ण जीवन व्यर्थ बिता देती थी | उसे सामाजिक मंगल कार्यक्रमों से बहिष्कृत कर तिरस्कारपूर्ण व्यवहार किया जाता था | पर ईश्वरचंद्र विद्या सागर और राजा राममोहनराय जैसे समाज सुधारकों ने पिछड़े और अशिक्षित समाज को एक नयी दिशा दी | और उसे बाल विवाह और सतीप्रथा जैसी कुप्रथाओं से मुक्त कर नये चिन्तन से अवगत कराया | इस सन्दर्भ में मुझे सुबोध सिन्हा जी के ब्लॉग पर एक विचार बहुत अच्छा लगा जिसे यहाँ लिखना चाहूंगी --- कि अगर राजा राम मोहन राय ने आवाज़ नहीं उठाई होती तो हमारे- आपके घर की विधवाएँ जिन्दा चिता पर जल रही होती और समाज तथाकथित सती के आगे ढोल-मंजीरे बजा रहा होता .!!!!!!!!!!!!<br /><br /><br /><br />इसी तरह .. अगर ईश्वर चन्द्र विद्यासागर जैसे चिंतक ना होते तो ना जाने कितनी निर्दोष विधवाएं आज भी उन्ही कुरीतियों को ढोते , रंगविहीन नारकीय जीवन जी रही होती |इसके अलावा उनके अन्य कई उल्लेखनीय कार्यों के लिए हमेशा याद रखा जाएगा | उनकी पुण्य स्मृति को कोटि नमन | सुंदर सार्थक अंक के लिए आभार | सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनायें | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-5659234982049892012019-09-27T17:21:37.635+05:302019-09-27T17:21:37.635+05:30आज ईश्वरचंद्र विद्यासागर के जन्मदिन पर भले ही उनका...आज ईश्वरचंद्र विद्यासागर के जन्मदिन पर भले ही उनका नाम याद किया जाए , पर नारी उत्थान में हम राज राम मोहन राय जी को भी नहीं भूल सकते ना ...<br />वैसे "तुम्हारे काँधे की तितली" से लेकर " जरा भ्रम रखना" तक जीवन के हर पहलू को स्पर्श करती रचनाओं के संकलन के लिए आभार आपका ...Subodh Sinhahttps://www.blogger.com/profile/05196073804127918337noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-33565803778107482322019-09-27T16:59:07.718+05:302019-09-27T16:59:07.718+05:30सुन्दर प्रस्तुति।सुन्दर प्रस्तुति।सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-26224674229033071562019-09-27T16:37:49.115+05:302019-09-27T16:37:49.115+05:30प्रभावशाली भूमिका और उम्दा लिंक्स संयोजन । बहुत सु...प्रभावशाली भूमिका और उम्दा लिंक्स संयोजन । बहुत सुन्दर संकलन ।Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-28009430984383210862019-09-27T14:55:49.896+05:302019-09-27T14:55:49.896+05:30महान सुधारक इश्वरचंद्र जी की स्मृति के साथ मेरी रच...महान सुधारक इश्वरचंद्र जी की स्मृति के साथ मेरी रचना को जोड़ा ... बहुत बहुत आभार ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-8704243117425808042019-09-27T14:10:34.197+05:302019-09-27T14:10:34.197+05:30आज के समाज को भी ईश्वरचंद्र जैसे समाज सुधारक की वि...आज के समाज को भी ईश्वरचंद्र जैसे समाज सुधारक की विशेष आवश्यकता है<br />सही कहा ...,बहुत सुंदर प्रस्तुतिKamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-81044999879236917662019-09-27T12:20:58.466+05:302019-09-27T12:20:58.466+05:30बेहतरीन बेहतरीन anita _sudhirhttps://www.blogger.com/profile/15009341605719883004noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-35762214709201855212019-09-27T11:48:00.854+05:302019-09-27T11:48:00.854+05:30एक महान विभूति के जन्मदिन पर नमन उनकी आकाश से ऊंचे...एक महान विभूति के जन्मदिन पर नमन उनकी आकाश से ऊंचे वैचारिक कद को ।<br />ईश्वर चन्द्र विद्यासागर उन्नीसवीं शताब्दी में बंगाल के प्रसिद्ध दार्शनिक, शिक्षाविद, समाज सुधारक, लेखक, अनुवादक, मुद्रक, प्रकाशक, उद्यमी और परोपकारी शख्सियत!! बंगाल के पुनर्जागरण के सुदृढ़ स्तम्भ ।<br /><br />बहुत सुंदर प्रस्तुति ,सभी रचनाएं पठनीय सुंदर, रचनाकारों को बधाई।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-49565626896906394502019-09-27T08:33:16.199+05:302019-09-27T08:33:16.199+05:30बहुत ही बेहतरीन लिंक्स एवम प्रस्तुतिबहुत ही बेहतरीन लिंक्स एवम प्रस्तुतिसदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-1114643282027527062019-09-27T08:08:53.866+05:302019-09-27T08:08:53.866+05:3019 वीं सदी के महान समाज -सुधारक एवं शिक्षाविद ईश्व...19 वीं सदी के महान समाज -सुधारक एवं शिक्षाविद ईश्वर चंद्र विद्यासागर जी का सादर स्मरण करते हुए वैचारिक बहस शुरू करती भूमिका और एक से बढ़कर एक सुन्दर रचना का चयन बहुत अच्छा लगा श्वेता दी|<br />सभी को सादर बधाई |<br />मेरी रचना को हलचल पर देखकर बड़ी प्रसन्नता हुई |<br /><br />आभार दी <br />सादरअनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-35967594037688824722019-09-27T06:46:06.191+05:302019-09-27T06:46:06.191+05:30बहुत सुंदर लिंक्स चयनबहुत सुंदर लिंक्स चयनविभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-71646922232069653602019-09-27T06:45:18.176+05:302019-09-27T06:45:18.176+05:30शुभ प्रभात सखी..
बहुत दिनों बाद नाम सुना
ईश्वरचंद्...शुभ प्रभात सखी..<br />बहुत दिनों बाद नाम सुना<br />ईश्वरचंद्र विद्यासागरजी का...<br />उनकी सज्जनता जग प्रसिद्ध है...आभार<br />अच्छी रचनाएँ..<br />सादर..yashoda Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.com