tag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post2312210705647474241..comments2024-03-29T10:58:44.841+05:30Comments on पाँच लिंकों का आनन्द: 420..गुनाह करने का आजकल बहुत बड़ा ईनाम होता हैyashoda Agrawalhttp://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-20819251968354342942016-09-09T18:51:54.237+05:302016-09-09T18:51:54.237+05:30जी आदरणीय Gopesh जी। कुछ तो सिखाइये। अभी तो पढ़ना श...जी आदरणीय Gopesh जी। कुछ तो सिखाइये। अभी तो पढ़ना शुरु ही किया है। ज्ञानियों का दिया ज्ञान ता उम्र चाहिये होता है। स्वागत है आपकी मिर्ची का ।सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-48386056969727817952016-09-09T17:08:41.882+05:302016-09-09T17:08:41.882+05:30बढ़िया संयोजन लिंक्स का |
मेरी रचना शामिल करने के ल...बढ़िया संयोजन लिंक्स का |<br />मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |<br />Asha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-40893937215926516212016-09-09T15:53:31.066+05:302016-09-09T15:53:31.066+05:30सुन्दर प्रस्तुति
दिग्विजय जीसुन्दर प्रस्तुति <br />दिग्विजय जीविरम सिंहhttps://www.blogger.com/profile/13360246026151029467noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-45532105542966447612016-09-09T12:00:13.374+05:302016-09-09T12:00:13.374+05:30बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-6746936595001125772016-09-09T10:51:27.099+05:302016-09-09T10:51:27.099+05:30डॉक्टर अपर्णा त्रिपाठी की हिंदी पर कही गई पंक्तिया...डॉक्टर अपर्णा त्रिपाठी की हिंदी पर कही गई पंक्तियाँ बहुत अच्छी लगीं. उलूक तो हमेशा की तरह नटखट है पर यह अपना राग कुछ ज़्यादा ही अलापता है. इसको तोते की तरह मिर्ची खिलाई जाए तो शायद यह रट्टू तोता बनकर वही बोलेगा जो हम इसे सिखाएंगे. गोपेश मोहन जैसवालhttps://www.blogger.com/profile/02834185614715316752noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-52641756249624282812016-09-09T10:12:48.264+05:302016-09-09T10:12:48.264+05:30हा हा बहुत सुन्दर चार सौ बीसवीं प्रस्तुति में चार ...हा हा बहुत सुन्दर चार सौ बीसवीं प्रस्तुति में चार सौ बीस 'उलूक' उसके गुनाहों को बखान करती एक साल पुरानी बकवास को शीर्षक पर देख कर उसी तरह खुश हुआ जैसे मौगैम्बो हुआ करता है । आभार दिग्विजय जी इस सम्मान के लिये ।सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.com