tag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post1008115528156644235..comments2024-03-28T11:15:23.497+05:30Comments on पाँच लिंकों का आनन्द: 1553...नाटक खत्म हुआ तो भ्रम का परदा भी गिर जाना है!...yashoda Agrawalhttp://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-41917147054317371762019-10-18T15:16:22.888+05:302019-10-18T15:16:22.888+05:30आज के अंक में बहुत ही खूबसूरत लिन्क्स का चयन ! मे...आज के अंक में बहुत ही खूबसूरत लिन्क्स का चयन ! मेरे आलेख को सम्मिलित किया आपने आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार रवीन्द्र जी ! Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-15838967808955726712019-10-18T06:47:06.019+05:302019-10-18T06:47:06.019+05:30शानदार प्रस्तुतिकरण उम्दा लिंक संकलन...।शानदार प्रस्तुतिकरण उम्दा लिंक संकलन...।Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-6331904747711649732019-10-17T23:07:40.159+05:302019-10-17T23:07:40.159+05:30बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति
मुझे स्थान देने हेतु तहे...बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति <br />मुझे स्थान देने हेतु तहे दिल से आभार आदरणीय <br />सादर अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-342099816991691692019-10-17T18:46:25.514+05:302019-10-17T18:46:25.514+05:30वाह बहुत सुंदर संकलन 👌। लाजवाब प्रस्तुति आदरणीय स...वाह बहुत सुंदर संकलन 👌। लाजवाब प्रस्तुति आदरणीय सर। सभी रचनाएँ एक से बढ़कर एक। सभी को खूब बधाई। सादर नमन शुभ संध्या 🙏Anchal Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/13153099337060859598noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-76338755499149259472019-10-17T16:41:09.550+05:302019-10-17T16:41:09.550+05:30बहुत सुंदर अंक।
ब्लॉग चिड़िया से शब्दनगरी तक, शब्द...बहुत सुंदर अंक। <br />ब्लॉग चिड़िया से शब्दनगरी तक, शब्दनगरी से यहाँ तक और यहाँ से आप सब तक !<br />मन रे, अपना कहाँ ठिकाना है !!!<br />बहुत आभारी हूँ आपकी रवींद्रजी और हलचल के मंच की भी, सदैव ही आप सबसे प्रोत्साहन मिलता रहा है।<br />आदरणीया साधना दीदी की तरह ही ये प्रश्न मेरे मन में भी आता रहा कि चाँद को चलनी से देखने की परंपरा कहाँ से शुरू हुई ? बहरहाल हमारे यहाँ ऐसी कोई परंपरा नहीं है। Meena sharmahttps://www.blogger.com/profile/17396639959790801461noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-18162904060010499242019-10-17T08:32:54.794+05:302019-10-17T08:32:54.794+05:30बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम ...बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाईAbhilashahttps://www.blogger.com/profile/06192407072045235698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-63872428580973036552019-10-17T07:59:12.225+05:302019-10-17T07:59:12.225+05:30आज के खूबसूरत अंक में जगह देने के लिये आभार रवींद्...आज के खूबसूरत अंक में जगह देने के लिये आभार रवींद्र जी।सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-82679439889612408402019-10-17T07:58:41.289+05:302019-10-17T07:58:41.289+05:30उव्वाहहहह..
जागरूकता की ढेरों तारीफ..
अच्छा चयन..
...उव्वाहहहह..<br />जागरूकता की ढेरों तारीफ..<br />अच्छा चयन..<br />साधुवाद..<br />सादर..Digvijay Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/10911284389886524103noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-34198438023257276622019-10-17T07:27:27.189+05:302019-10-17T07:27:27.189+05:30यह कैसा देश में उन्माद रोग फैल गया है
बहुसंख्यकवा...यह कैसा देश में उन्माद रोग फैल गया है <br />बहुसंख्यकवाद ने अपनी मंशाएँ ज़ाहिर कर दीं।<br />बहुत खूब <br />🙏<br />बहुत ही खूबसूरत अंक आदरणीय <br />मुझे यहाँ स्थान देने के लिए आभार आपका सह्दय <br />रवीन्द्र भारद्वाजhttps://www.blogger.com/profile/02881468307370875997noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-70011924398411609222019-10-17T04:18:39.975+05:302019-10-17T04:18:39.975+05:30मन रे,अपना कहाँ ठिकाना है?
ना संसारी, ना बैरागी, ज...मन रे,अपना कहाँ ठिकाना है?<br />ना संसारी, ना बैरागी, जल सम बहते जाना है,<br /> मीना दी की रचना की ये पंक्तियाँ ,ऐसा लगता है कि मुझ जैसों के लिये ही लिखी गयी हैं। <br /> वैसे , आज करवाचौथ का पर्व है। अतः सुहागिन महिलाओं में इसे लेकर विशेष उत्साह है। कल बाजारों में खासी चहल-पहल रही। हाँ, ऐसे पर्वों को दिखावट से दूर रह कर मनाया जाएँ। घर स्वर्ग से सुंदर निश्चित होगा। इन्हीं शुभकामनाओं के साथ प्रस्तुतिकर्ता और सभी रचनाकारों को व्याकुल पथिक का प्रणामव्याकुल पथिकhttps://www.blogger.com/profile/16185111518269961224noreply@blogger.com