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सोमवार, 24 नवंबर 2025

4581 ..हर कोई डाले है जाने क्यों हम पर झूठ मूठ रुआब

 सादर अभिवादन

कल एक खास बात हुई
कुछ अलग सा खाने का मन हुआ
अस्पताल का माहोल सो सादा ही खाना मंगाना पड़ा
मैंनें जीरा राईस का आर्डर किया
खाना आया सामने रख दिया गया
एक जीरा हिला और आगे बढ़ने लगा
कृपया बताएं मुझे किया करना चाहिए???

6 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभात! अलग सा खाने का मन था, इसलिए जीरा भी चलने लगा, यह तो अलग हुआ न! इस ब्लॉग की पहली रचना आज के अंक में शामिल करने के लिए आभार!

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  2. बहुत सुंदर अंक

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  3. आदरणीय , मेरी लिखी रचना " साथ तेरा लगे ऐसा " को इस गरिमामय मंच में स्थान देने के लिए बहुत धन्यवाद एवं आभार ।
    सभी संकलित रचनाएं बहुत ही उम्दा और सुंदर है , सभी को बधाइयां ।
    सादर ।

    जवाब देंहटाएं

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