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रविवार, 23 नवंबर 2025

4580 ..बहुत दिनों के बाद आज फिर फूलों से संवाद हुआ.

7 टिप्‍पणियां:

  1. चर्चा में शामिल करने का शुक्रिया

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  2. ‘वह जीव हमारे हाथ नहीं आया। मृत्यु तो जिस निमित्त से थी, हुई किंतु वहाँ हुई जहाँ तुलसी का पौधा था। जहाँ तुलसी होती है वहाँ मृत्यु होने पर जीव भगवान श्रीहरि के धाम में जाता है। पार्षद आकर उसे ले जाते हैं।

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  3. सुंदर संकलन के लिए धन्यवाद

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  4. देर से आने के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ. सादर प्रणाम

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