सुख पोसता है ।
दुख जगाता है ।
दुख और सुख का
जन्म से ही नाता है ।
डमरू त्रिशूल संग हैं,और जटा में गंग।
भालचंद्र गल सर्प है,गौरा माता संग।।
भोले नाथ करिए कृपा,विनय करें यह दास।
दूर हटे अज्ञानता,मिले शरण यह आस।
अदृष्ट प्रदीप, मातृ सम प्रज्वलित तब
अंतःकरण, सभी दिशाएं जब हों
अंधकारमय, मकड़ जाल में
समय चक्र, जीवन
प्रवाह तब मांगे
भवसिंधु का
गहन शरण,
अदृष्ट
प्रदीप, मातृ सम तब प्रज्वलित अंतः
करण ।
आखिरी उम्मीद तो बस साँसे ही थीं,
अब इन साँसों को भी दबाया जा रहा है।
राम शास्त्री ने कहा कि मैं आज आपके सामने एक विशेष मांग रखना चाहता हूं। शास्त्री के शब्दों की दृढ़ता और आत्म विश्वास को देखकर पूरा राजदरबार चकित था। पेशवा ने कहा कि बताओ, तुम्हारी क्या इच्छा है? राम शास्त्री ने कहा कि महाराज! मुझे ज्ञान दान चाहिए। इसके सिवा मुझे कुछ नहीं चाहिए। धन तो एक न एक दिन खत्म हो जाएगा। भूमि यदि मांगू, तो भी उससे मुझे कोई फायदा नहीं होगा। महाराज, मैं एक अनाथ ब्राह्मण पुत्र हूं। मेरे माता-पिता की मौत हो चुकी है। मैं पढ़ना चाहता हूं। आप मेरे पढ़ने की व्यवस्था कर दें।
यदि मॉरीशस, त्रिनिदाद, दक्षिण अफ्रीका, गुयाना, सूरीनाम तथा फिजी जैसे देशों में प्रवासी भारतीय अपनी विरासत के तौर पर इस भाषा को पाल-पोस रहे हैं तो अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, जर्मनी, पोलैंड, रूस, चीन, जापान, कोरिया जैसे अन्यान्य देशों के लिए यह बाजार की ज़रूरत बन रही है। यह सोचना भी कम अच्छा नहीं लगता कि दुनिया के डेढ़ सौ से ज़्यादा महत्त्वपूर्ण विश्वविद्यालयों में हिन्दी पढ़ाई जाने लगी है। और तो और, हिन्दी फिल्में सीमा के पार भी अपना बाजार बना रही हैं और हिन्दी गाने अहिन्दी भाषियों के कानों में रस घोलने लगे हैं। ऐसे में, जब हमारी हिन्दी विश्व पटल पर एक बड़ी भूमिका में आने को तैयार दिखाई दे रही हो, तब कोई भी यह सवाल कर ही सकता है कि हमारे जैसे लोग हिन्दी के हाल पर आख़िर क्यों इतने बेहाल हुए जा रहे हैं?
एक दिन बाद
बहू को आया याद
अरे कल तो था ससुर जी का श्राद्ध
बहू ने झट से मोबाइल उठाया
डोमिनो को फोन कर
एक पिज़्ज़ा पंडित जी के घर भिजवाया
ब्राह्मण भोजन का यह उसका नया स्टाइल था
दक्षिणा के नाम पर कोक मोबाइल था
रात ससुर जी सपने में आए
मुस्कुराए
और बोले बहू धन्यवाद
इतने दिनों बाद
कर लिया हमें याद
तुम्हारा भिजवाया गया पिज़्ज़ा था बहुत स्वाद
आज बस
सादर वंदन
सुंदर समयोचित अंक
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
सुंदर
जवाब देंहटाएंबेहतरीन अंक.
जवाब देंहटाएंहिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई 🙏
बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति। हिंदी दिवस की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंहिंदी दिवस की आप सभी विद्वजनों को हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं मेरी रचना को स्थान देने के लिए सहृदय आभार आदरणीया सादर
शुभकामनाएं हिंदी दिवस की |
जवाब देंहटाएंहमारी हिन्दी का दिन । एक दिन नहीं , हर दिन हो ! हिन्दी का स्मरण और समीकरण। हमारा लिंक जोड़ने के लिए बहुत धन्यवाद । सभी रचनाकारों और साधारण बोलने वालों का अभिवादन।
जवाब देंहटाएंवाह...बहुत सुंदर प्रस्तुति, साधुवाद।
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