जीवन की कड़ियों में जुड़ती हर एक एक कड़ी का
कर स्मरण सजाए मैंने अपने सपने
पृष्ठों के भी पृष्ठ कई देखे हैं मैंने
आज बस
कल बड़ी दीदी आएगी
सादर
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
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शुभ प्रभात ....
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचनाओं की इस महफिल में, मुझे भी शामिल करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
समस्त रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएँ। ।।।
सुंदर अंक..
जवाब देंहटाएंकोई मिल गया..
नमन..
सुप्रभात...आभार आपका। सभी रचनाओं पर टिप्पणी पढ़ने के बाद...। सभी रचनाकारों को बधाई...।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर, सार्थक लिंक्स को संजोया है आपने...
जवाब देंहटाएंसाधुवाद यशोदा अग्रवाल जी 🙏
मेरी कविता को शामिल करने के लिए हार्दिक धन्यवाद एवं हार्दिक आभार यशोदा अग्रवाल जी 🙏
जवाब देंहटाएंसुप्रभात!
जवाब देंहटाएंआदरणीय दीदी,प्रणाम,आज की वैविध्यपूर्ण सुंदर प्रस्तुति मन मोह गई,मेरी रचना की पंक्ति को शीर्षक बना कर आपने मेरी रचना का मान बढ़ा दिया, आपका बहुत बहुत आभार एवम नमन, सादर शुभकामनाओं सहित जिज्ञासा सिंह...
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंसम्मानीय यशोदा जी आपने ‘हरी हो वसुंधरा’ अभियान को इस चर्चा में शामिल किया है उसके लिए मैं विशेष तौर पर आभारी हूं, मैं जानता हूं कि ये साहित्य का मंच है और मैंने जो पोस्ट किया उसमें साहित्य जैसा कुछ नहीं है, एक अभियान की शुरुआत का प्रयास और जानकारी भर है, लेकिन मैं जानता हूं कि साहित्य भी बिना प्रकृति के परिपक्व नहीं हो सकता क्योंकि जब दुनिया सूख रही होगी, जब कंठ दो बूंद जल को तरस रहे होंगे, जब धरती सूखकर दरारों से उसी चीख सुनाई देगी, जब बादल केवल मूकदर्शक बनकर लौट जाएंगे, जब सबकुछ सब दूर सामान्य नहीं होगा...तब शायद साहित्य भी प्रभावित होगा क्योंकि अकाल के दौर में भूख अनाज मांगती है, शब्द नहीं, चिंतन भी नहीं...। मेरा उददेश्य केवल इतना था कि हममें से जो भी जिस भी स्तर पर प्रयास कर सकता है, छोटा, बहुत छोटा और कुछ नहीं हो सकता तो जो पौधे लगे हैं यदि हम उनमें से कुछ को रोज जल ही अर्पित करने की जिम्मेदारी उठा लें तब भी बहुत कुछ बदल सकता है...। आपने इसे ये मंच प्रदान किया मैं आभारी हूं और आभारी हूं अपने ब्लॉगर साथियों को जो वह इसे देखकर उतने ही सहज हैं जितनी सहजता से इसका यहां चर्चा के लिए चयन किया गया।
जवाब देंहटाएंउम्दा संकलन। मेरी रचना को पांच लिंको का आनंद में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, यशोदा दी।
जवाब देंहटाएंउम्दा लिंकों से सजी लाजवाब प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को बधाई एव शुभकामनाएं।
लाजबाव रचना प्रस्तुति
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