" शब्द से खुशी ,
शब्द से गम!
शब्द से पीड़ा , शब्द ही मरहम!
शब्द भी गज़ब की चीज है!
महके तो लगाव..और..
बहके तो घाव..."
अज्ञात
जीवन की हर छोटी बड़ी बातों का महत्व बताती
2020 नकारात्मकता को साकारात्मकता में बदलने का शउर बताता वर्ष फिसल रहा..
हम सभी संभल कर बढ़ रहे..है ..न..
तो फिर बढ़ते हैं चुनिंदा लिंको पर..✍️
🔹🔹
ज़िंदगी के कई इम्तिहान अभी बाकी हैं /
ज़िंदगी की कई उड़ान अभी बाकी हैं'
वर्ष 2020 दुनिया भर को हैरान कर देने वाला वर्ष रहा है।
क्षणिक सी मुस्कान, मायूसी, उदासी, अकेलेपन और
अफ़सोस का वर्ष। सब तरफ वीराना,
खामोशी और अशांति का आलम छाया ...
🔹🔹
बंधे होंगे जो प्रेम के धागे से,
तभी टिक पायेंगे
समय की तेज आंच पर रिश्ते ।।
होगा गहरा विश्वास एक दूजे पर,
तभी बुझ पाएंगे
एक एक बात मन की,
बंधे होंगे ....
🔹🔹
गिरी शिमला में बर्फ़ और यहाँ हो रहीं हैं यादें गर्म मेरीवो रोज़ दो घण्टे चलना तुम्हारे साथ समर हिल के घर से जाखू हिल के स्कूल तक
🔹🔹
हरेक बात पर कर रहे जो ये ज़िद
कहाँ से हो सीखे अजी तुम ये ज़िद
वज़ह-सी वज़ह तो है कोई नहीं ,
बस ज़िदके लिए कर रहे हो ये ज़िद...
🔹🔹
उन हाथों की लकीर देखनी है
जिसने रांझा के लिए अपना सब कुछ छोड़
दिया मुझे इश्क़ मे दीवानी हीर देखनी है
🔹🔹
।। इति शम ।।
धन्यवाद
पम्मी सिंह 'तृप्ति'..✍️
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जवाब देंहटाएंगुजरा वो, क्षण भी! तुम चले...
जवाब देंहटाएंओ तथागत!
बड़ी खोखली, पाई तेरी ही झोली!
जाते-जाते, ले गए तुम,
मेरी ही, तरुणाई के इक साल!
और, छोड़ गए हो तन्हा!
ओ तथागत!
https://purushottamjeevankalash.blogspot.com/2020/12/2020_30.html
शुभ प्रभात
बढ़िया लिंक।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति । नूतन वर्ष मंगलमय हो ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति ।नव वर्ष आप सभी को मंगलमय हो।
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