किस्मत, भाग्य, तकदीर, प्रारब्ध या लक
मानव जीवन से जुड़ा वह चमत्कारिक शब्द है, जिसके आकर्षण से वशीभूत मनुष्य मन अपनी भौतिक जीवन की सफलता में सकारात्मकता और नकारात्मकता का निर्धारण करता है।
कहते है मनुष्य अपने भाग्य का निर्माता स्वयं है।
मनुष्य के कर्मों की शुभता या अशुभता के फल पर ही उसका
भविष्य निर्माण होता है।
अपने जीवन में घटित होने वाली किसी अच्छी या बुरी परिस्थितियों
के लिए भाग्य की सराहना या आलोचना करना अकर्मण्यता
के सिवा कुछ नहीं।
इतिहास साक्षी है कि कर्म प्रधान व्यक्तित्व जिन्होंने बड़े संघर्षों से हर बाधा को पार किया,कर्मठ रहे उनका नाम अमर हो गया। चाहे जीवन का कोई भी क्षेत्र हो मनुष्य का लग्न, परिश्रम और समर्पण किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर किस्मत का धनी बना देता है।
हाँ यह सही है कि कुछ परिस्थितियाँ हमारे कर्म के द्वारा निर्धारित नहीं होती, कुछ प्रकृति प्रदत्त चमत्कारिक शुभ या अशुभ उपहारों के आगे हम विवश होते है और समय हमारी समझ से परे होता है इसे किस्मत की संज्ञा दी जा सकती है।
पर, चाहे परिस्थितियाँँ कितनी भी विपरीत हो, किस्मत की हाथों की कठपुतली न बनकर अपने कर्मों ज्योति से अपने जीवन के अँधियारे को भगाने का संकल्प ही सफलता और खुशहाली की कुंजी है।
इस सप्ताह के विषय किस्मत पर रची गयी आप सभी की सारगर्भित,सरस, भावपूर्ण रचनाओं ने एक बार फिर आपकी लेखनी के आगे नतमस्तक कर दिया है।
आपकी सृजनात्मकता को सादर नमन।
चलिए आपके द्वारा सृजित रचनाओं के सुंदर संसार में-
★
आदरणीया कुसुम कोठारी जी की लेखनी.से
भाग्य, नसीब,
किस्मत क्या है ?
बस कर्मो से संचित
निधि विपाक
बस सुकृति से
कुछ कर्म गति मोड़
और धैर्य संयम से
सब झेल
◆★◆
आदरणीया आशा सक्सेना जी की लेखनी से-
ऊँचाई पर जाओ
सफलता का ध्वज फहराओ
और सबकी दुआएं पाओ
बनो प्रेरणा आने वाली पीढ़ी की
घर बाहर दोनों में सक्रिय
निराशा से कोसों दूर
कर लो किस्मत को अपनी मुट्ठी में
और बनो अनूठे गुणों का गुलदस्ता !
◆★◆
आदरणीया डॉ.इन्दिरा गुप्ता जी की दो रचना
किस्मत की क्या बात कहे
किस्मत की अजब बिसात
किस्मत ने कर डाले भय्या
कई अजब से काज !
लक्ष्मी नारायण भीख मांगते
दुर्बल सिंह मुटियाये
शांति बहन रहे अशांत सी
दिन दिन भर बतियाये !
🌸
मन्नत का धागा बांधों
या अरमानों की अर्जी
देने वाला तभी देता
जब होती उसकी मर्जी !
कोई इसको किस्मत कहता
कोई कहता भाग्य
मिलना होगा तभी मिलेगा
चाहे जितना भाग !
◆★◆
आदरणीया साधना वैद जी की लेखनी से
लोगों की सुन ऐसी बातें
'किस्मत' सिर धुनती है
अपनी ही किस्मत पर खुल कर
खूब हँसा करती है !
मत भूलो नादान कि
किस्मत भी तब ही चमकेगी
मन हो संकल्प और पुरुषार्थ
तभी दमकेगी !
◆★◆
आदरणीया शुभा मेहता जी की कलम से
रख आँख तेरी लक्ष्य की ओर ।
कोई कहे अच्छी है किस्मत
कोई कहे बुरी है किस्मत
बात-बात पर कोसें किस्मत
पाना चाहे इसी के सहारे सब कुछ
◆★◆
आदरणीया नीतू ठाकुर जी की लेखनी से
न जाने किसके हाथ हैं किस्मत के फैसले
बढ़ती ही जा रहीं हैं राहों की मुश्किलें
सजदा करें तो किसके दर पर करें बता
कब तक रहेंगे कायम इस दिल के हौसले
◆★◆
आदरणीया अनुराधा चौहान जी की रचना
किस्मत को अपनी
दीप आस का
जलाएं हम
क्यों कोसे हम
वजूद को अपने
खुद की नई दुनियाँ
बनाएं हम
◆★◆
आदरणीया सुप्रिया" रानू" जी की लिखी रचना
ये तकदीर भी तदबीर से बनती है,
हाथ की ताकत को ही किस्मत भी साथ देती है,
जी भर के कर लो अपनी खुद्दारी का इस्तेमाल
दे देगी किस्मत भी हीरा अपनी झोली खंगाल
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आपके द्वारा सृजित यह अंक आपको कैसा लगा कृपया
अपनी बहूमूल्य प्रतिक्रिया के द्वारा अवगत करवाये
आपके बहुमूल्य सहयोग से हमक़दम का यह सफ़र जारी है
आप सभी का हार्दिक आभार।
अगला विषय जानने के लिए कल का अंक पढ़ना न भूले।
अगले सोमवार को फिर उपस्थित रहूँगी आपकी रचनाओं के साथ
-श्वेता सिन्हा
शुभ प्रभात सखी
जवाब देंहटाएंसटीक व्याख्या किस्मत की
श्रम को नमन
सादर
वाह!! प्रिय श्वेता ,बहुत खूबसूरत प्रस्तुति । सभी रचनाएँ एक से बढकर एक । मेरी रचना को सम्मिलित करनें के लिए धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा रचनाएँ
जवाब देंहटाएंबेहतरीन संयोजन
शुभ प्रभात सबको,किस्मत के उम्दा संकलन मेरी रचना को हलचल का एक कोना देने हेतु सादर आभार ...
जवाब देंहटाएंशुभ प्रभात सबको,किस्मत के उम्दा संकलन मेरी रचना को हलचल का एक कोना देने हेतु सादर आभार ...
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई सभी रचनाकारों को सुंदर प्रस्तुति शानदार रचनाएं श्वेता जी बहुत बहुत धन्यवाद मेरी रचना को सम्मिलित करनें के लिए 🙏
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को सम्मिलित करनें के लिए धन्यवाद।
बहुत बहुत बधाई सभी रचनाकारों को
विस्तृत व्याख्या के साथ किस्मत पर प्रस्तुति बहुत बढिया।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को बधाई।
धन्यवाद।
बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को बधाई ... बहुत सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसभी रचनाएँ एक से बढ़ कर एक ! सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं अनंत शुभकामनाएं ! मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार श्वेता जी ! संग्रहणीय संकलन आज का !
जवाब देंहटाएंवाह सटीक कर्म प्रधानता के साथ साथ प्रारब्ध को भी मान देती आपकी भूमिका बेहद सटीक और प्रभावी बन पड़ी है ..सभी काव्य कर्म प्रधानता के समर्थन mae.खड़े है ....और वही सार्थकता है जीवन की ...मेरी रचनाओं को सम्मलित किया शुक्रिया
जवाब देंहटाएंसटीक व्याख्यात्मक भूमिका के साथ सुंदर प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाऐं बहुत सुंदर सारगर्भितश, सभी रचनाकारों को बधाई।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसुन्दर लिंक संयोजन ...
जवाब देंहटाएंलाजवाब प्रस्तुति ...
बहुत अच्छी प्रस्तुति...बेहतरीन रचनाएँ। इतनी विविधतापूर्ण रचनाएँ एक ही विषय पर पढ़ना भी एक निराला ही अनुभव होता है !!!! सभी रचनाकारोंसहित प्रिय श्वेता भी बधाई की पात्र हैं।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन संकलन
जवाब देंहटाएंमेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद |
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