इधर बेताब होता जा रहा हूँ अब बस... बहुत हो चुका यशोदा ... आपने कृष्णविवर का नाम तो सुना ही होगा जी हाँ...ब्लेक होल... जहाँ कोई जाकर बाहर नहीं निकल सकता उसका अविष्कार अनजाने मे ही हो गया देखिए मात्र तीन मिनट...
सुप्रभात दी:) बहुत सुंदर लिंको का संयोजन, सारी रचनाएँ अत्यंत सराहनीय है।विविधतापूर्ण भाव से भरी पठनीय लिंक्स। मेरी रचना को शीर्षस्थान.देने के लिए अत्यंत आभार आपका दी। सभी साथी रचनाकारों को बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ।
वाह! बेहतरीन प्रस्तुति। आदरणीया बहन जी को बहुत बहुत बधाई। उत्कृष्ट रचनाओं से सजा गुलदस्ता है आज का अंक। सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएं। आभार सादर।
आदरणीय दीदी ----- सादर , सस्नेह प्रणाम | आजके लिंक की सभी रचनाएँ पढ़ी | बहुत अच्छी लगी | चयनित सभी रचनाकारों को सस्नेह बधाई | आपने मेरी रचना को आज के लिंक में स्थान दिया , बहुत आभारी हूँ आपकी |
आदरणीय यशोदा दीदी, सही कहा आपने, जैसे जैसे दीवाली पास आती जा रही है, व्यस्तता बढ़ती जा रही है । बच्चों की छहमाही परीक्षा के पेपर जाँचने हैं.... दीवाली की साफ सफाई....थोड़े बहुत बाजार के चक्कर....सर्वाइकल का बढ़ता दर्द.... .....ज़िंदगी दर्द में भी हँसकर जीना सिखा गई... काँटे भी कम नहीं थे गुलाबों की राह में... ये स्नेह जो मिल रहा है यही गुलाबों की राह है । कैसे आभार करूँ आप सबका ? सादर ।
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सुप्रभात दी:)
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर लिंको का संयोजन, सारी रचनाएँ अत्यंत सराहनीय है।विविधतापूर्ण भाव से भरी पठनीय लिंक्स। मेरी रचना को शीर्षस्थान.देने के लिए अत्यंत आभार आपका दी।
सभी साथी रचनाकारों को बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ।
इस अनोखी सी प्रस्तुति में उच्च कोटि की रचनाओं के मध्य अपनी रचना को भी पाकर मन शरद पूर्णिमा की चाँद सा खिल उठा है। आभार। समस्त रचनाकारों को नमन व बधाई।
जवाब देंहटाएंशुभ प्रभात दीदी
जवाब देंहटाएंउत्तम रचनाएँ
आभार..
बेहतरीन वीडिओ
आदर सहित
बेहतरीन रचनायें. सादर
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर संकलन
सभी रचनाकारों को बधाई
सुन्दर सूत्रों का चयन सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंवाह! बेहतरीन प्रस्तुति। आदरणीया बहन जी को बहुत बहुत बधाई। उत्कृष्ट रचनाओं से सजा गुलदस्ता है आज का अंक। सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएं। आभार सादर।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंपाँच लिंक, पंचामृत ही हैं
जवाब देंहटाएंआदरणीया दीदी प्रणाम आज का अंक विशेष लगा ख़ासकर मीना जी की कृति आभार "एकलव्य"
जवाब देंहटाएंआपका भी विशेष धन्यवाद ध्रुवजी ।
हटाएंब्लैकहोल पर आधारित चलचित्र अनोखा ही नहीं शिक्षाप्रद भी है। आभार
जवाब देंहटाएंआदरणीय दीदी ----- सादर , सस्नेह प्रणाम | आजके लिंक की सभी रचनाएँ पढ़ी | बहुत अच्छी लगी | चयनित सभी रचनाकारों को सस्नेह बधाई | आपने मेरी रचना को आज के लिंक में स्थान दिया , बहुत आभारी हूँ आपकी |
जवाब देंहटाएंआदरणीय यशोदा दीदी,
जवाब देंहटाएंसही कहा आपने, जैसे जैसे दीवाली पास आती जा रही है, व्यस्तता बढ़ती जा रही है । बच्चों की छहमाही परीक्षा के पेपर जाँचने हैं.... दीवाली की साफ सफाई....थोड़े बहुत बाजार के चक्कर....सर्वाइकल का बढ़ता दर्द....
.....ज़िंदगी दर्द में भी हँसकर जीना सिखा गई...
काँटे भी कम नहीं थे गुलाबों की राह में...
ये स्नेह जो मिल रहा है यही गुलाबों की राह है । कैसे आभार करूँ आप सबका ? सादर ।
बहुत खूब
हटाएंबहुत ही सुन्दर,पठनीय लिंक संकलन....
जवाब देंहटाएंब्लैक होल .. ...बहुत सुन्दर....
लाजवाब प्रस्तुतिकरण...