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गुरुवार, 30 जुलाई 2015

महाभारत में कौन है चाचा कलाम को प्रिय....अंक बारहवां

बारहवां अंक लेकर उपस्थित हूँ
मन नहीं कर रहा
कुछ भी लिखने को
और न ही पढ़ा जा रहा
फिर भी.....
चलिए मेरी आज की पसंदीदा रचनाओं को लिंक्स की ओर.....


एक वो जमाना था कभी, 
आज ये एक जमाना है,
तब पास रहने की इच्छा थी, 
अब दूर रहने का बहाना है..


तुम कहते थे 
सपने वो नहीं 
जो नींद में दिखते हैं 
सपने वो हैं 
जो तुम्हें सोने नहीं देते! 


येल्लो! 
धपाधप ब्लॉग पोस्ट लिखने में आपकी सहायता के लिए 
आ गया एक ऐप्प!!
ऐप्प इंस्टाल करें और धपाधप ब्लॉग पोस्टें लिखें. क्या लिखें, क्या छोड़ें की चिंता ऐप्प पर छोड़ दें. और, लगता है कि ऐप्प अपने कंसेप्ट के दिनों से ही खासा प्रभावशाली होने लगा है. एक ही चीज को कई एंगल से आप लिख सकेंगे


जयपुर में  'विजन २०-२०'  के बारे में बात करते हुए उन्होंने पूछा - ''बच्चो क्या तुम बता सकते हो कि महाभारत का मेरा प्रिय पात्र कौनसा है? बच्चों ने कहा अर्जुन फिर युधिष्ठिर फिर भीम...कलाम चाचा नो-नो कहते गए और फिर बोले विदुर क्योंकि वे निर्भय, निष्पक्ष और निर्लिप्त थे।



सर..आप 'पकाएं', तो यह आपकी प्रतिभा और मैं 'पकाऊं' तो मेरा पागलपन। सोचिए सर, आपके इन सड़े-गले व्यंग्यों और लेखों को पढ़कर हमारे पाठकों को कितनी कोफ्त होती होगी।' इतना कहकर अच्छन प्रसाद तो आफिस में चले गए और मैं गेट पर खड़ा रहा। मन तो यही कर रहा था कि अपना सिर सामने की दीवार पर दे मारूं।


इज़ाज़त चाहती है यशोदा
इन चार पंक्तियों के साथ
कहीं पर भी होती अगर एक मंज़िल,
तो गर्दिश में कोई सितारा न होता !
ये सारे का सारा जहां अपना होता,
अगर यह हमारा तुम्हारा न होता..!


















9 टिप्‍पणियां:

  1. सुंदर भूमिका के साथ उत्तम चर्चा।

    जवाब देंहटाएं
  2. लिखा भी जा रहा है और पढ़ा भी..शब्दों की यह यात्रा तो अनंत है यशोदा जी..सुंदर सूत्र..

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुन्दर शुरुआत की है आपने । हमेशा बढ़ते रहे यही कामना है ।
    मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुन्दर शुरुआत की है आपने । हमेशा बढ़ते रहे यही कामना है ।
    मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुन्दर शुरुआत की है आपने । हमेशा बढ़ते रहे यही कामना है ।
    मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  6. आपको प्रयास वाकई सराहनीय है यशोदा जी। बधाई। मेरी रचना चुनने के लिए आभार भी।

    जवाब देंहटाएं

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