tag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post1372538771695395626..comments2024-03-28T11:15:23.497+05:30Comments on पाँच लिंकों का आनन्द: 460..राम ही राम हैं चारों ओर हैं बहुत आम हैं रावण को फिर किसलिये किस बात पर जलायाyashoda Agrawalhttp://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-56634286748286647232016-10-19T15:27:29.262+05:302016-10-19T15:27:29.262+05:30रेखा जोशी की कविता - 'मैं तो बस अपना हक़ मांग र...रेखा जोशी की कविता - 'मैं तो बस अपना हक़ मांग रही हूँ' और सुशील यादव की कविता - सफ़र में' अच्छी लगीं. गोपेश मोहन जैसवालhttps://www.blogger.com/profile/02834185614715316752noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-25159442022994804762016-10-19T11:19:43.170+05:302016-10-19T11:19:43.170+05:30बहुत सुन्दर हलचल प्रस्तुति हेतु आभार!बहुत सुन्दर हलचल प्रस्तुति हेतु आभार!कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-24115228710779805462016-10-19T11:08:30.674+05:302016-10-19T11:08:30.674+05:30शुभप्रभात आप सभी को...
पहाड़ी क्षेत्र में रहने वाल...शुभप्रभात आप सभी को...<br />पहाड़ी क्षेत्र में रहने वालों की अनेकों समस्याएं हैं...<br />औरों के लिये हो न हो...<br />मेरे लिये तो नैट का हड़ताल पर जाना...<br />सब से बड़ी समस्या है...<br />अगली हड़ताल तक मैं फिर उपस्थित हूं...<br />सुंदर प्रस्तुति...<br /> kuldeep thakurhttps://www.blogger.com/profile/11644120586184800153noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-36308036078528820412016-10-19T10:44:17.167+05:302016-10-19T10:44:17.167+05:30सुंदर सूत्र संकलन..बहुत बहुत आभार मुझे भी शामिल कर...सुंदर सूत्र संकलन..बहुत बहुत आभार मुझे भी शामिल करने के लिए..Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-692139476716571990.post-73749164537613569742016-10-19T10:24:04.276+05:302016-10-19T10:24:04.276+05:30सुन्दर बुधवारीय हलचल प्रस्तुति। कुलदीप जी का नेट ज...सुन्दर बुधवारीय हलचल प्रस्तुति। कुलदीप जी का नेट जल्दी स्वश्थ्य होवे । आज के पाँच सूत्रों में 'उलूक' के एक पुराने सूत्र 'राम ही राम हैं चारों ओर हैं बहुत आम हैं रावण को फिर किसलिये किस बात पर जलाया'को जगह देने के लिये आभार यशोदा जी । सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.com