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बुधवार, 15 फ़रवरी 2017

579...हमारी किताबों में... वेलेंटाइन डे पर कोई निबंध क्यों नहीं है...


जय मां हाटेशवरी...

कल एक 8 वर्ष के लड़के ने मुझसे पूछा...
अंकल हमारी किताबों में...
वेलेंटाइन डे पर कोई निबंध क्यों नहीं है...
मैंने कहा...
ये हमारे देश का पर्व नहीं है...
ये सुनकर उस बच्चे ने   कहा...
फिर हमारे देश में  इसे मनाते क्यों है...
 उसने फिर कहा...
हमारे देश के पर्व तो ईद व क्रिसमस भी नहीं है...
इनका वर्नण तो हमारी किताबों में बार-बार आता है...
मैंने उसे समझाने का प्रयास किया...
पाठ्यक्रम में उन्हीं पर्वों का वर्नण होता है...
जो बच्चों को  संस्कारी बनाए...
जिनके मार्गदर्शन से बच्चे...
भविष्य में उन जैसा बने...
उस बच्चे को शायद इस पर्व का महत्व भी समझ आ गया होगा...
क्योंकि उसने फिर कोई प्रश्न न किया...
कल मैं उपस्थित न हो सका था...
इस लिये मैं कल के बदले आज प्रस्तुति लेकर हाजिर हूं...


जागते ख्वाब देखे कई रात भर
  हाथ तुमने रखा है मेरे हाथ पर
  हुश्न के आसमाँ पर सितारों भरी
रात में रूप के चंद्रमा का सफर।।

रघुपति दीनी दान,विप्र विभीषण जानि कै |
मान महीपति मान,दियो दान किमि लीजियै ||
पटकूं मूंछां पाण,कै पटकूं निज तन करद |
लिख दीजै दीवाण,इन दो मंहली बात इक ||

जबकि जानते हो
मनाना भी तुम्हें ही पड़ेगा
और ये भी कि
हमारी ज़िन्दगी का दायरा
बस तुम तक
और तुम्हारा
बस मुझ तक
फिर भी अटपटा लगता है


वक़्त तेरे साथ है अभी
जीत की आदत तू डाल ले
लक्ष्य  को  खुदा  और 
कर्म  को  इबादत  बना  ले


प्रेम !
हर दिन का उजाला
हर रात की चाँदनी
हर दोपहर की तपिश
हर शाम की मदहोशी
तुम्हें एक दिन में समेट पाऊं
इतनी खुदगर्ज़ नहीं .....

मेरे हिस्से की ज़िंदगी में
बस तेरा ही किस्सा है माही!
जो पल बिताया है साथ तेरे
वो इक पल भी न तेरे बाद आया।


धन्यवाद।








6 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात
    कुलदीप भाई
    अच्छी रचनाएँ पढ़वाई आपने
    विशेष आज की भूमिका मन को छू गई
    अपनी सरकार नहीं चाहती कि वेलेन्टाईन डे
    को स्कूलों में पढ़वाया जाए...नहीं तो
    लोग इस दिन सरकारी छुट्टी का मांग लेकर
    हड़ताल करने लगेंगे
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. सुप्रभात
    बहुत सुन्दर लिंको का चयन
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  3. मेरी रचना को शामिल करने के लिए धन्यवाद... सुन्दर प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं

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