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बुधवार, 28 दिसंबर 2016

530....पीटना हो किसी बड़ी सोच को आसानी से एक छोटी सोच वालों का एक बड़ा गिरोह बनाया जाता है

सादर अभिवादन
बचे दिन 2+1 बराबर 3 दिन
क्यों बोले तो..
दो दिन तो बचे हैं
1000-500 के नोट
जमा करने को
और बचा एक दिन..
चाहे रो लो..चाहे नाच लो
सत्रह को आना है सो आएगा ही

चलिए साथ करते हैं परिक्रमा..

नया ब्लॉग है..पहली बार  शामिल हो रहा है
जो द्वापर से लेकर आज तक
फाड़ते आ रहे हैं तुम्हारे चीर
और लगातार फाड़ते जा रहे हैं
निडर और निर्भीक,
क्या तुम्हारी चुप्पी कभी नही टूटने वाली ।

मैं आहिस्ता आहिस्ता
आँखे चुराकर
कान्हा के पार्श्व से गुज़रती हूँ..
कि कहीं उनकी मोहक छवि,
मनोहारी मुस्कान
और बाँसुरी के सम्मोहन से बाध्य हो
मैं तुम्हें उनके चरणों में अर्पित न कर दूँ..

हिंदू धर्म में तुलसी का विशेष धार्मिक महत्व होता है। तुलसी स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभदायक होती है। वैज्ञानिकों ने भी तुलसी में पाये जाने वाले गुणों की पुष्टि की है। तुलसी को पवित्र मानकर इसकी पूजा की जाती है। सबसे अच्छी बात तुलसी को दवाई के रुप में लेने से इसका कोई साइड इफैक्ट नहीं होता है।

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अपने-पराये का भेद...कविता रावत
लाठी मारने से पानी जुदा नहीं होता है।
हर पंछी को अपना घोंसला सुन्दर लगता है।।

शुभ कार्य की शुरुआत अपने घर से की जाती है।
पहले अपने फिर दूसरे घर की आग बुझाई जाती है।।

माँ - पिता......निवेदिता श्रीवास्तव 
माँ कदमों में ठहराव है देती 
पिता मन को नई उड़ान देते
माँ पथरीली राह  में दूब बनती
पिता से होकर धूप है थमती

सबके उर में प्रेम बसा है...अनीता
कौन चाहता है बंधन को
फिर भी जग बंधते देखा है,
मुक्त गगन में उड़ सकता था
पिंजरे में बसते देखा है !

वो लड़की ~2....सु-मन
वो लड़की
सफ़र में 
जाने से पहले
बतियाती है
आँगन में खिले 
फूल पत्तों से
देती है उन्हें हिदायत
हमेशा खिले रहने की

आज का शीर्षक..



जरूरी नहीं 
होता है तीखा 
होना अँगुलियों 
के नाखूँनो का 
किसी की सोच 
को खुरचने के लिये 
खून भी आता है 
लाल भी होता है 
सोच समझ कर 
योजना बना कर 
अगर हाँका 
लगाया जाता है
....
"मैं समझता हूँ कि हिन्दूओं नें अपनी बुद्धि और जागरूकता के माध्यम से वह किया जो यहूदी न कर सके । हिन्दुत्व में ही वह शक्ति है जिससे शांति स्थापित हो सकती है"।

*अल्बर्ट आइंस्टीन (1879 - 1955)*

अब आज्ञा दें दिग्विजय को
सादर



7 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात
    आप बहुत अच्छे हैं
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. एक से बढ़कर एक सूत्र, सुंदर संयोजन के लिए बधाई और आने वाले वर्ष के लिए अग्रिम शुभकामनायें !

    जवाब देंहटाएं
  3. शुभप्रभात....
    सुंदर....
    अति सुंदर....
    आभार सर आप का....

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुन्दर हलचल प्रस्तुति में मेरी पोस्ट शामिल करने हेतु आभार

    जवाब देंहटाएं
  5. हाँ हम भी कहेंगे आप बहुत अच्छे हैं । आभार 'उलूक' के सूत्र 'पीटना हो किसी बड़ी सोच को आसानी से एक छोटी सोच वालों का एक बड़ा गिरोह बनाया जाता है' को जगह और शीर्षक दोनो का सम्मान देने के लिये । सुन्दर सूत्रों के साथ बढ़िया प्रस्तुति ।

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत बहुत आभार सर आपका मुझे और मेरी कविता "स्त्रियों!"को जगह देने
    के लिए और मैं आप सभी को ये बताना चाहूँगा कि मैंने अभी नये वर्ष
    को लेकर एक गीत लिखा है आप सभी आदरणीयों के लिए एक नये संकल्प
    के साथ ।
    समय मिले तो एक बार अवश्य मेरा गीत पढ़ें और मेरी तरफ से नये वर्ष में
    एक साहित्यिक विधा से शुभकामनाएँ प्राप्त करें खैर आप सभी को इतने प्रेम के
    लिए हृदय भावी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ ।।
    प्रणाम सर ।

    जवाब देंहटाएं

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